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गिरिडीह में 40 लाख की ठगी का आरोपी रांची से गिरफ्तार, शिक्षा विभाग के कर्मचारी से भी की जा रही पूछताछ

नौकरी के नाम पर 60 बेरोजगारों से ठगी के मुख्य आरोपी को गिरिडीह पुलिस ने रांची से गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी पर फर्जी तरीके से नौकरी दिलाने और पीड़ितों से 40 लाख रुपये ठगने का आरोप है. पुलिस इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय के कर्मचारियों की मिलीभगत की भी जांच कर रही है. इस कार्यालय के एक वरिष्ठ लिपिक से भी पुलिस पूछताछ कर रही है.

गिरिडीह
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Published : Aug 18, 2020, 7:56 PM IST

गिरिडीह/पटना: गिरिडीह के 60 लोगों से नौकरी के नाम पर 40 लाख की ठगी के मुख्य आरोपी को गिरिडीह पुलिस ने रांची से गिरफ्तार कर लिया है. पकड़े गए आरोपी का नाम पटना जिला (बिहार) के पालीगंज थाना इलाके में पुरानी बाजार निवासी मनोज कुमार बताया गया है. आरोपी निजी संस्था के लेटर हेड पर नियुक्ति पत्र देता था और संबंधित व्यक्ति को सरकारी स्कूल में नौकरी भी मिल जा रही थी. इधर फर्जी लेटर हेड से नियुक्ति मिलने के बाद पीड़ितों को सैलरी नहीं मिली तो ठगी का खुलासा हुआ. पुलिस इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के एक बड़े बाबू से भी पूछताछ कर रही है.

सरकारी कर्मचारियों के भी शामिल होने की आशंका
मंगलवार को एसपी अमित रेणु ने बताया कि पिछले दिनों मुफस्सिल थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी कि मनोज कुमार ने स्किल इंडिया नेशनल बोर्ड ऑफ स्कॉलरशिप एंड स्किल डेवलपमेंट (एनबीएसएसडी) नाम से ट्रस्ट बनाया है, आरोपी खुद को ट्रस्ट का निदेशक बताता है. आरोप था कि इसने कुछ लोगों को अवैध रूप से सरकारी विद्यालयों में बतौर ट्रेनर नियुक्त करा दिया है. जब पीड़ितों को वेतन नहीं मिला तो उन्होंने पुलिस को शिकायत दी. शिकायत में यह भी बताया गया था कि आरोपी ने 60 बेरोजगारों से नौकरी के नाम पर 40 लाख रुपये ठग लिए हैं. पुलिस जांच कर रही है कि निजी संस्था के लेटर हेड और फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर कैसे विद्यालयों में युवाओं को काम करने दिया. इस ठगी में बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारियों के भी शामिल होने की आशंका जताई जा रही है.

देखें पूरी रिपोर्ट

आरोपी ने ठगी की घटनाओं को कुबूला
इस मामले की जांच सदर एसडीपीओ कुमार गौरव के नेतृत्व में शुरू की गई. जांच में जुटे मुफस्सिल थाना प्रभारी रत्नेश मोहन ठाकुर, प्रशिक्षु अवर निरीक्षक प्रकाश कुमार, गुरुचरण मांझी और श्रवण कुमार सिंह ने पड़ताल की तो पता चला कि एनबीएसएसडी का कथित निदेशक और मुख्य आरोपी मनोज कुमार रांची में रहता है. इस जानकारी के बाद रांची में छापेमारी की गई और मनोज को गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के बाद मनोज से पूछताछ हुई तो उसने वारदात कुबूल कर लिया. आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने गिरिडीह के साथ साहिबगंज और पाकुड़ में भी ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया है. पुलिस के मुताबिक आरोपी सरकारी विद्यालय में नियुक्ति के लिए फर्जी जॉइनिंग लेटर तक दे देता था और उसके नाम पर उगाही करता था.

पाकुड़ और साहिबगंज में भी ठगी का आरोप
इधर मनोज की गिरफ्तारी के बाद डीईओ कार्यालय भी जांच के घेरे में है. पुलिस पदाधिकारियों के मुताबिक इस मामले में कार्यालय के अफसरों, कर्मचारियों से और पूछताछ की जा सकती है. पुलिस के मुताबिक मनोज गिरिडीह से पहले पाकुड़ और साहिबगंज जिले में भी इस तरह की वारदात को अंजाम दे चुका है.

सरकारीकर्मियों संलिप्तता की होगी जांच
एसपी अमित ने बताया कि ठगी का यह मामला काफी गम्भीर है. इसमें सरकारी कर्मियों संलिप्तता की भी जांच होगी. मामले में इसकी जांच की जा रही है कि निजी संस्था के लेटर हेड पर सरकारी स्कूल में नियुक्ति की इजाजत कैसे मिली. अनुसंधान के क्रम जिस किसी की भी सहभागिता इस केस में सामने आती है तो उसकी गिरफ्तारी होगी. कहा कि अभी इस मामले में डीईओ ऑफिस के एक कर्मी से पूछताछ की जा रही है.

गिरिडीह/पटना: गिरिडीह के 60 लोगों से नौकरी के नाम पर 40 लाख की ठगी के मुख्य आरोपी को गिरिडीह पुलिस ने रांची से गिरफ्तार कर लिया है. पकड़े गए आरोपी का नाम पटना जिला (बिहार) के पालीगंज थाना इलाके में पुरानी बाजार निवासी मनोज कुमार बताया गया है. आरोपी निजी संस्था के लेटर हेड पर नियुक्ति पत्र देता था और संबंधित व्यक्ति को सरकारी स्कूल में नौकरी भी मिल जा रही थी. इधर फर्जी लेटर हेड से नियुक्ति मिलने के बाद पीड़ितों को सैलरी नहीं मिली तो ठगी का खुलासा हुआ. पुलिस इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के एक बड़े बाबू से भी पूछताछ कर रही है.

सरकारी कर्मचारियों के भी शामिल होने की आशंका
मंगलवार को एसपी अमित रेणु ने बताया कि पिछले दिनों मुफस्सिल थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी कि मनोज कुमार ने स्किल इंडिया नेशनल बोर्ड ऑफ स्कॉलरशिप एंड स्किल डेवलपमेंट (एनबीएसएसडी) नाम से ट्रस्ट बनाया है, आरोपी खुद को ट्रस्ट का निदेशक बताता है. आरोप था कि इसने कुछ लोगों को अवैध रूप से सरकारी विद्यालयों में बतौर ट्रेनर नियुक्त करा दिया है. जब पीड़ितों को वेतन नहीं मिला तो उन्होंने पुलिस को शिकायत दी. शिकायत में यह भी बताया गया था कि आरोपी ने 60 बेरोजगारों से नौकरी के नाम पर 40 लाख रुपये ठग लिए हैं. पुलिस जांच कर रही है कि निजी संस्था के लेटर हेड और फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर कैसे विद्यालयों में युवाओं को काम करने दिया. इस ठगी में बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारियों के भी शामिल होने की आशंका जताई जा रही है.

देखें पूरी रिपोर्ट

आरोपी ने ठगी की घटनाओं को कुबूला
इस मामले की जांच सदर एसडीपीओ कुमार गौरव के नेतृत्व में शुरू की गई. जांच में जुटे मुफस्सिल थाना प्रभारी रत्नेश मोहन ठाकुर, प्रशिक्षु अवर निरीक्षक प्रकाश कुमार, गुरुचरण मांझी और श्रवण कुमार सिंह ने पड़ताल की तो पता चला कि एनबीएसएसडी का कथित निदेशक और मुख्य आरोपी मनोज कुमार रांची में रहता है. इस जानकारी के बाद रांची में छापेमारी की गई और मनोज को गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के बाद मनोज से पूछताछ हुई तो उसने वारदात कुबूल कर लिया. आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने गिरिडीह के साथ साहिबगंज और पाकुड़ में भी ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया है. पुलिस के मुताबिक आरोपी सरकारी विद्यालय में नियुक्ति के लिए फर्जी जॉइनिंग लेटर तक दे देता था और उसके नाम पर उगाही करता था.

पाकुड़ और साहिबगंज में भी ठगी का आरोप
इधर मनोज की गिरफ्तारी के बाद डीईओ कार्यालय भी जांच के घेरे में है. पुलिस पदाधिकारियों के मुताबिक इस मामले में कार्यालय के अफसरों, कर्मचारियों से और पूछताछ की जा सकती है. पुलिस के मुताबिक मनोज गिरिडीह से पहले पाकुड़ और साहिबगंज जिले में भी इस तरह की वारदात को अंजाम दे चुका है.

सरकारीकर्मियों संलिप्तता की होगी जांच
एसपी अमित ने बताया कि ठगी का यह मामला काफी गम्भीर है. इसमें सरकारी कर्मियों संलिप्तता की भी जांच होगी. मामले में इसकी जांच की जा रही है कि निजी संस्था के लेटर हेड पर सरकारी स्कूल में नियुक्ति की इजाजत कैसे मिली. अनुसंधान के क्रम जिस किसी की भी सहभागिता इस केस में सामने आती है तो उसकी गिरफ्तारी होगी. कहा कि अभी इस मामले में डीईओ ऑफिस के एक कर्मी से पूछताछ की जा रही है.

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