नयी दिल्ली/पटनाः कर्नाटक के बेंगलुरु से बुधवार को बिहार के दानापुर तीन श्रमिक स्पेशल ट्रेन आने वाली थी. लेकिन तीनों ट्रेन कर्नाटक से बिहार के लिए रवाना नहीं हुई. सुबह 9 बजे, 12 बजे और दोपहर तीन बजे यह ट्रेनें दानापुर के लिए खुलने वाली थीं. ट्रेन नहीं खुलने से बिहारी मजदूरों में काफी नाराजगी दिखी. वहीं, लॉकडाउन में बिहारी मजदूर कई दिनों से कर्नाटक में फंसे हैं. वह हर हाल में अपने घर जाना चाहते थे.
वहीं, कर्नाटक सरकार पर अब बिहार के विपक्षी दल लगातार हमला बोल रहे हैं. विपक्षी दल आरोप लगा रहा है कि बिहारी मजदूरों को जान बूझकर कर्नाटक सरकार परेशान कर रही है.
कर्नाटक से बिहार के लिए रवाना नहीं हुई ट्रेन
वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि कर्नाटक सरकार ने प्रवासी मजदूरों की चिंता की है. कर्नाटक सरकार ने करीब 1600 करोड़ रुपये का इंतजाम प्रवासी मजदूरों के लिए किया है. कर्नाटक सरकार बिहारी मजदूरों को पैसा, खाना भी दे रही है और उनके रहने का भी इंतजाम किया है.
कर्नाटक सरकार पर बिहार के विपक्षी दल बोल हमला बोल रहे
शाहनवाज हुसैन ने कहा कि जब लॉकडाउन खुलेगा तो वहां की इंडस्ट्रीज ठीक से चल सके. इसको ध्यान में रखकर मजदूरों को रोका गया है.
'कर्नाटक सरकार ने सही निर्णय लिया'
बता दें कर्नाटक सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर कर्नाटक से सभी श्रमिक ट्रेनों को रद्द करने की मांग की है. कर्नाटक सरकार बिहारी मजदूरों से काफी पहले से आग्रह कर रही थी कि आप लोग मत जाइए. कर्नाटक सरकार ने बिहारी मजदूरों को आश्वासन भी दिया है कि आपका पूरा ख्याल रखा जाएगा.
मजदूरों को रखने के पीछे की वजह
बताया जा रहा है कि राज्य में कई कार्य प्रगति पर हैं. खासकर मेट्रो रेल और कंस्ट्रक्शन का काम. अगर मजदूर यहां से चले जाएंगे और फिर जब कोरोना का संकट खत्म हो जाएगा तब मुश्किल होगी. ऐसे में दूरगामी समस्या को भांपते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है.