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बिहार में आयुष्मान भारत योजना के तहत सिर्फ 22 लोगों को मिला कोविड का इलाज- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत बिहार के सिर्फ 22 लोगों ने ही कोविड का इलाज कराया है. लेकिन आधिकारिक आंकड़ा कुछ और ही बयान कर रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

आयुष्मान भारत योजना
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Published : Dec 6, 2021, 2:20 PM IST

पटना: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Health Minister Mansukh Mandaviya) ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान खुलासा किया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत बिहार (Ayushman Bharat in Bihar) में 22 लोगों का कोविड-19 के लिए इलाज किया गया. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान आयुष्मान भारत योजना कार्ड (Ayushman Bharat scheme) का उपयोग करके 8.29 लाख लोगों ने इलाज कराया, लेकिन योजना के तहत बिहार के केवल 22 लोगों ने इलाज का लाभ उठाया.

इसे भी पढ़ें: पटना जंक्शन पर स्वास्थ्य विभाग बना रहा आयुष्मान कार्ड, 1 महीने तक चलेगा अभियान

आयुष्मान भारत योजना देश के गरीब लोगों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मुहैया कराने की नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है. बिहार में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई, लेकिन राज्य सरकार ने मौत के आंकड़ों का खुलासा नहीं किया है. नीति आयोग की रिपोर्ट (NITI Aayog report on Bihar) के मुताबिक राज्य का स्वास्थ्य ढांचा सबसे नीचे है.

ये भी पढ़ें: PMCH में दम तोड़ रही आयुष्मान भारत योजना, मरीज दर-दर भटकने को मजबूर

इस बीच, आपको बता दें कि बिहार में कोरोना से हो चुकी मौतों (Corona Death in Bihar) की संख्या में एक दिन में 2,424 की बढ़ोतरी हुई है. इस प्रकार से अब राज्य में कोरोना की दूसरी व तीसरी लहर (second and third wave of corona) में जान गंवाने वालों की संख्या 12,089 हो गई है. अब तक यह आंकड़ा 9664 था. बिहार सरकार के आंकड़े में छह महीने में दूसरी बार यह बदलाव किया है.

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, दो दिसंबर तक बिहार में कोरोना से हुई कुल मौतों की संख्या 9,664 थी. वहीं, तीन दिसंबर को 2,425 को इसमें जोड़ा गया. बताया जाता है कि बिहार सरकार के आंकड़ों में यह बदलाव पटना हाईकोर्ट की फटकार के बाद हुआ है. बक्सर में कोरोना से हुई मौतों को सरकारी आंकड़ों में शामिल नहीं करने पर हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाई थी.

इससे पहले, बिहार सरकार ने कोरोना से हुई मौत के आंकड़े में गत 9 जून को बदलाव किया था. उस समय 3931 मौतों को सरकारी आंकड़ों में जोड़ा गया था. इसके बाद यह संख्या बढ़कर 5424 हो गई थी. इसे जोड़ने के बाद सरकारी आंकड़े में अचानक 73 फीसदी की वृद्धि देखी गई थी. यह बदलाव कोरोना से हुई मौतों के आंकड़े को छुपाने का मामला सामने आने के बाद किया गया था.

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने बताया कि सूबे में कोरोना से हुई मौतों के नये आंकड़ों के अनुसार ही मुआवजा दिया जाएगा. कोरोना संक्रमण से मरने वालों के परिजनों को चार लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा. उन्होंने कहा कि इन मौतों का पहले कोई हिसाब नहीं था. सत्यापन के बाद नए आंकड़े वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए हैं.

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पटना: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Health Minister Mansukh Mandaviya) ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान खुलासा किया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत बिहार (Ayushman Bharat in Bihar) में 22 लोगों का कोविड-19 के लिए इलाज किया गया. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान आयुष्मान भारत योजना कार्ड (Ayushman Bharat scheme) का उपयोग करके 8.29 लाख लोगों ने इलाज कराया, लेकिन योजना के तहत बिहार के केवल 22 लोगों ने इलाज का लाभ उठाया.

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आयुष्मान भारत योजना देश के गरीब लोगों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मुहैया कराने की नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है. बिहार में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई, लेकिन राज्य सरकार ने मौत के आंकड़ों का खुलासा नहीं किया है. नीति आयोग की रिपोर्ट (NITI Aayog report on Bihar) के मुताबिक राज्य का स्वास्थ्य ढांचा सबसे नीचे है.

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इस बीच, आपको बता दें कि बिहार में कोरोना से हो चुकी मौतों (Corona Death in Bihar) की संख्या में एक दिन में 2,424 की बढ़ोतरी हुई है. इस प्रकार से अब राज्य में कोरोना की दूसरी व तीसरी लहर (second and third wave of corona) में जान गंवाने वालों की संख्या 12,089 हो गई है. अब तक यह आंकड़ा 9664 था. बिहार सरकार के आंकड़े में छह महीने में दूसरी बार यह बदलाव किया है.

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, दो दिसंबर तक बिहार में कोरोना से हुई कुल मौतों की संख्या 9,664 थी. वहीं, तीन दिसंबर को 2,425 को इसमें जोड़ा गया. बताया जाता है कि बिहार सरकार के आंकड़ों में यह बदलाव पटना हाईकोर्ट की फटकार के बाद हुआ है. बक्सर में कोरोना से हुई मौतों को सरकारी आंकड़ों में शामिल नहीं करने पर हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाई थी.

इससे पहले, बिहार सरकार ने कोरोना से हुई मौत के आंकड़े में गत 9 जून को बदलाव किया था. उस समय 3931 मौतों को सरकारी आंकड़ों में जोड़ा गया था. इसके बाद यह संख्या बढ़कर 5424 हो गई थी. इसे जोड़ने के बाद सरकारी आंकड़े में अचानक 73 फीसदी की वृद्धि देखी गई थी. यह बदलाव कोरोना से हुई मौतों के आंकड़े को छुपाने का मामला सामने आने के बाद किया गया था.

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने बताया कि सूबे में कोरोना से हुई मौतों के नये आंकड़ों के अनुसार ही मुआवजा दिया जाएगा. कोरोना संक्रमण से मरने वालों के परिजनों को चार लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा. उन्होंने कहा कि इन मौतों का पहले कोई हिसाब नहीं था. सत्यापन के बाद नए आंकड़े वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए हैं.

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