नवादाः गुरुग्राम के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक और जाने-माने चिकित्सक डॉ. राहुल भार्गव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिले के डीएम यशपाल मीणा से बात की. जिसमें उन्होंने कोरोना महामारी की चुनौतियां और उसके निदान के विषय पर अपना अनुभव साझा किया.
कोरोना से मुक्ति के सिखाए गुर
कॉन्फ्रेसिंग के दौरान डॉ. भार्गव नवादा जिले में कोरोना महामारी की स्थिति से अवगत हुए और इससे सुरक्षा के लिए अनेक उपाय बताए. प्रजेंटेशन के माध्यम से उन्होंने कोरोना के बारे में विस्तृत जानकारी दी. इससे मुक्ति के कई गुर सिखाए. उनका कहना था कि जिस व्यक्ति को बुखार, सांस लेने में तकलीफ और बदन में दर्द हो, उसे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में एडमिट करा कर अविलंब ऑक्सीजन की व्यवस्था कर इलाज शुरू कर देना चाहिए.
मास्क को लेकर चलाएं जन आंदोलन
अगर कोरोना को मात देना है तो मास्क लगाना अनिवार्य करें. कोरोनाकाल में मास्क हर हाल में लगाए और अपने हाथों को साबुन से धोते रहें. साथ ही सैनिटाइजर भी लगाते रहे. मास्क को लेकर जन आंदोलन चलाए. उन्होंने कहा कि महामारी से निदान के लिए 12 महीनों तक पूरी तैयारी के साथ समर्पित भाव से कार्य करना होगा.
डीएम ने दी अपनी तैयारी की जानकारी
डीएम यशपाल मीणा ने कोरोना से निपने के लिए अपनी तैयारियों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि सभी अनुमंडल एवं जिला स्तर पर रैपिड एंटीजेन किट के माध्यम से सैंपल की जांच की जा रही है. जिले भर में 1215 पॉजिटिव में से 1015 रिकवर हो चुके हैं. 221 में से 180 एक्टिव को होम आइसोलेशन में रखा गया है. जिनकी देखरेख प्रतिदिन नियंत्रण कक्ष के माध्यम से की जा रही है. जिले में कोरोना से अभी तक तीन लोगों की मौत हुई है. उन्होंने कहा कि यहां दवा और ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. साथ ही 1200 बेडों का आइसोलेशन वार्ड भी बनाया गया है.
डीडीसी वैभव और प्रभारी सिविल सर्जन भी थे शामिल
इस कॉन्फ्रेसिंग में डीएम के अलावे डीडीसी वैभव चौधरी, प्रभारी सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार और सभी पीएचसी के डॉक्टरों ने हिस्सा लिया. बता दें कि राहुल भार्गव देश के जाने-माने डॉक्टर हैं. वे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी काबिलियत का परचम लहरा चुके हैं. इसके साथ-साथ डॉ. भार्गव कोरोना को मात देकर कोरोना विशेषज्ञ के रूप में अपना अनुभव विभिन्न राज्यों के साथ साझा कर रहे हैं.