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26/11 मुंबई हमला, 16 साल पहले 59 घंटों तक दहल गई थी आर्थिक राजधानी - MUMBAI TERRORIST ATTACK

Mumbai Terrorist Attack: आज से ठीक 16 साल पहले आतंकियों ने मायानगरी को हिला कर रख दिया था.

MUMBAI TERRORIST ATTACK
26/11 मुंबई हमला (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 26, 2024, 2:18 PM IST

Updated : Nov 26, 2024, 7:59 PM IST

नई दिल्ली: आज से ठीक 16 साल पहले, साल 2008 को मुंबई में एक ऐसी घटना घटी जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया था. यह दिन भारत में आतंकवाद के सबसे बड़े हमलों में से एक के रूप में याद किया जाता है, इसे 26/11 के नाम से जानते हैं. इन हमलों ने मुंबई को 59 घंटे तक आतंकित किया और इन 59 घंटे में हुई घटनाओं ने पूरे देश को दहला दिया था.

दरअसल, 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान के 10 आतंकवादी समुद्र मार्ग से मुंबई में प्रवेश किये. इन आतंकवादियों ने समुद्र के रास्ते मुंबई के प्रमुख स्थलों पर हमला करने की योजना बनाई थी. उन्होंने भीड़-भाड़ वाले इलाकों को अपने निशाने पर रखा था. रात के अंधेरे में यह आतंकवादी नौका के जरिए मुंबई के कोलाबा क्षेत्र के पास ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल, सीएसटी रेलवे स्टेशन और नरीमन हाउस में घुस गए थे.

आतंकवादियों ने मुंबई में पहले ताज होटल और ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल पर कब्जा किया, जहां उन्होंने होटल के कर्मचारियों और मेहमानों को बंधक बना लिया. इसके बाद, उन्होंने कोलाबा इलाके के सीएसटी रेलवे स्टेशन पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें कई निर्दोष मारे गए. इसी दौरान, नरीमन हाउस में भी आतंकवादियों ने घुसकर कई लोगों को बंधक बना लिया. आतंकवादियों के इन हमलों का उद्देश्य भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर आतंक फैलाना था, आतंकवादी पूरी तरह से प्रशिक्षित थे। वह आम नागरिकों को निशाना बनाने के साथ-साथ विदेशी नागरिकों को भी अपना शिकार बना रहे थे.

26/11/2008, मुंबई में हुए आतंकी हमले को इस ग्राफिक्स से समझिए

MUMBAI ATTACK
26/11 मुंबई हमले में कब कहा क्या हुआ, इस ग्राफिक्स से समझिए... (ETV Bharat)

इसी बीच, मुंबई पुलिस, एनएसजी (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड), एनसीटीसी और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने एक साथ आकर आतंकवादियों से लोहा लेना शुरू किया. हेमंत करकरे, विजय सालस्कर और अशोक कामटे जैसे मुंबई पुलिस के बहादुर जवान इस हमले में शहीद हो गए. एनएसजी की विशेष कमांडो टीम ने होटल्स और अन्य ठिकानों पर हमलावरों के खिलाफ ऑपरेशन शुरू किया. इस ऑपरेशन में कुल 9 आतंकवादी मारे गए और एक आतंकवादी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया. कसाब को मुंबई पुलिस ने पकड़ने के बाद अदालत में पेश किया और 2012 में उसे फांसी दी गई.

आंकड़ों के अनुसार इस हमले में 164 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 300 से अधिक लोग घायल हो गए थे. मारे गए लोगों में भारतीय नागरिकों के अलावा कई विदेशी नागरिक भी थे. इस हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति को और कड़ा किया. मुंबई हमलों ने देश को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की आवश्यकता का एहसास दिलाया. भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाने की कोशिश की और कई आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

तब से हर साल 26 नवंबर को मुंबई हमलों के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है. इस दिन को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की याद में मनाया जाता है और उन बहादुर लोगों की शहादत को सलाम किया जाता है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर इस हमले को रोकने की कोशिश की.

पढ़ें: Global Terrorist Sajid Mir : कौन है आतंकी साजिद मीर, जिसको लेकर भारत के खिलाफ हुआ चीन

नई दिल्ली: आज से ठीक 16 साल पहले, साल 2008 को मुंबई में एक ऐसी घटना घटी जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया था. यह दिन भारत में आतंकवाद के सबसे बड़े हमलों में से एक के रूप में याद किया जाता है, इसे 26/11 के नाम से जानते हैं. इन हमलों ने मुंबई को 59 घंटे तक आतंकित किया और इन 59 घंटे में हुई घटनाओं ने पूरे देश को दहला दिया था.

दरअसल, 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान के 10 आतंकवादी समुद्र मार्ग से मुंबई में प्रवेश किये. इन आतंकवादियों ने समुद्र के रास्ते मुंबई के प्रमुख स्थलों पर हमला करने की योजना बनाई थी. उन्होंने भीड़-भाड़ वाले इलाकों को अपने निशाने पर रखा था. रात के अंधेरे में यह आतंकवादी नौका के जरिए मुंबई के कोलाबा क्षेत्र के पास ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल, सीएसटी रेलवे स्टेशन और नरीमन हाउस में घुस गए थे.

आतंकवादियों ने मुंबई में पहले ताज होटल और ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल पर कब्जा किया, जहां उन्होंने होटल के कर्मचारियों और मेहमानों को बंधक बना लिया. इसके बाद, उन्होंने कोलाबा इलाके के सीएसटी रेलवे स्टेशन पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें कई निर्दोष मारे गए. इसी दौरान, नरीमन हाउस में भी आतंकवादियों ने घुसकर कई लोगों को बंधक बना लिया. आतंकवादियों के इन हमलों का उद्देश्य भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर आतंक फैलाना था, आतंकवादी पूरी तरह से प्रशिक्षित थे। वह आम नागरिकों को निशाना बनाने के साथ-साथ विदेशी नागरिकों को भी अपना शिकार बना रहे थे.

26/11/2008, मुंबई में हुए आतंकी हमले को इस ग्राफिक्स से समझिए

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26/11 मुंबई हमले में कब कहा क्या हुआ, इस ग्राफिक्स से समझिए... (ETV Bharat)

इसी बीच, मुंबई पुलिस, एनएसजी (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड), एनसीटीसी और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने एक साथ आकर आतंकवादियों से लोहा लेना शुरू किया. हेमंत करकरे, विजय सालस्कर और अशोक कामटे जैसे मुंबई पुलिस के बहादुर जवान इस हमले में शहीद हो गए. एनएसजी की विशेष कमांडो टीम ने होटल्स और अन्य ठिकानों पर हमलावरों के खिलाफ ऑपरेशन शुरू किया. इस ऑपरेशन में कुल 9 आतंकवादी मारे गए और एक आतंकवादी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया. कसाब को मुंबई पुलिस ने पकड़ने के बाद अदालत में पेश किया और 2012 में उसे फांसी दी गई.

आंकड़ों के अनुसार इस हमले में 164 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 300 से अधिक लोग घायल हो गए थे. मारे गए लोगों में भारतीय नागरिकों के अलावा कई विदेशी नागरिक भी थे. इस हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति को और कड़ा किया. मुंबई हमलों ने देश को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की आवश्यकता का एहसास दिलाया. भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाने की कोशिश की और कई आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

तब से हर साल 26 नवंबर को मुंबई हमलों के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है. इस दिन को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की याद में मनाया जाता है और उन बहादुर लोगों की शहादत को सलाम किया जाता है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर इस हमले को रोकने की कोशिश की.

पढ़ें: Global Terrorist Sajid Mir : कौन है आतंकी साजिद मीर, जिसको लेकर भारत के खिलाफ हुआ चीन

Last Updated : Nov 26, 2024, 7:59 PM IST
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