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नवादा: पर्यटन स्थल में शामिल है झिकरुआ का सूर्य मंदिर, छठ महापर्व पर उमड़ती है भीड़

लोगों की आस्था और बढ़ती भीड़ को देखते हुए राज्य सरकार के पर्यटन विभाग ने झिकरुआ को पर्यटन स्थल में शामिल किया है. यह जिले का इकलौता छठ घाट है, जहां बाहर से आनेवाले व्रतियों के रहने के लिए धर्मशाला है.

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Published : Nov 19, 2020, 12:02 PM IST

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नवादाः आस्था के महापर्व छठ को लेकर तैयारियां लगभग अंतिम चरण में है. लोगों में छठ को लेकर उत्साह है. जिले के कई ऐसे स्थान हैं जहां लोग भारी संख्या में छठ करने पहुंचते हैं. जिनमें से एक नरहट प्रखंड के झिकरुआ गांव का सूर्य मंदिर स्थित छठ घाट भी है.

मान्यता है कि यहां आकर सच्चे मन से मन्नतें मांगने और छठी मैया के पूजन करने पर भगवान भास्कर उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. लोगों की पूरी होती मनोकामना को देखकर अन्य राज्यों और जिलों से श्रद्धालुओं की भीड़ भी साल दर साल बढ़ती ही जा रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पर्यटन स्थल में शामिल है झिकरुआ
लोगों की आस्था और बढ़ती भीड़ को देखते हुए झिकरुआ को राज्य सरकार के पर्यटन विभाग ने पर्यटन स्थल में शामिल किया है. जिसके बाद से यहां श्रद्धालुओं के सुविधा के लिए करोड़ों की लागत से घाटों के सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है. यह जिले का इकलौता छठ घाट है, जहां बाहर से आनेवाले व्रतियों के रहने के लिए धर्मशाला है. व्रती के कपड़े बदलने के लिए अलग चेंजर रूम है. तालाब के चारों ओर सोलर और बिजली की व्यवस्था है.

सूर्य मंदिर स्थित छठ घाट
सूर्य मंदिर स्थित छठ घाट

ये भी पढ़ेंः भगवान सूर्य की उपासना का प्रमुख केंद्र है बड़गांव सूर्य मंदिर, श्री कृष्ण के पुत्र साम्ब को मिली थी यहां रोग से मुक्ति

कई राज्यों से आते हैं श्रद्धालु
सूर्य मंदिर के पुजारी दिनेश पांडेय का कहना है यहां पर सच्चे मन से मन्नतें मांगने पर भगवान सूर्य उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. चाहे वो निःसन्तान हो, चाहे जिनके पुत्ररत्न की प्राप्ति नहीं हुई है या फिर रोग-व्याधि से ग्रसित हो. सभी खुश होकर यहां से जाते हैं. यहां दिल्ली, मुम्बई, पटना, मधुबनी तक के श्रद्धालु पहुंचते हैं.

नवादाः आस्था के महापर्व छठ को लेकर तैयारियां लगभग अंतिम चरण में है. लोगों में छठ को लेकर उत्साह है. जिले के कई ऐसे स्थान हैं जहां लोग भारी संख्या में छठ करने पहुंचते हैं. जिनमें से एक नरहट प्रखंड के झिकरुआ गांव का सूर्य मंदिर स्थित छठ घाट भी है.

मान्यता है कि यहां आकर सच्चे मन से मन्नतें मांगने और छठी मैया के पूजन करने पर भगवान भास्कर उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. लोगों की पूरी होती मनोकामना को देखकर अन्य राज्यों और जिलों से श्रद्धालुओं की भीड़ भी साल दर साल बढ़ती ही जा रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पर्यटन स्थल में शामिल है झिकरुआ
लोगों की आस्था और बढ़ती भीड़ को देखते हुए झिकरुआ को राज्य सरकार के पर्यटन विभाग ने पर्यटन स्थल में शामिल किया है. जिसके बाद से यहां श्रद्धालुओं के सुविधा के लिए करोड़ों की लागत से घाटों के सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है. यह जिले का इकलौता छठ घाट है, जहां बाहर से आनेवाले व्रतियों के रहने के लिए धर्मशाला है. व्रती के कपड़े बदलने के लिए अलग चेंजर रूम है. तालाब के चारों ओर सोलर और बिजली की व्यवस्था है.

सूर्य मंदिर स्थित छठ घाट
सूर्य मंदिर स्थित छठ घाट

ये भी पढ़ेंः भगवान सूर्य की उपासना का प्रमुख केंद्र है बड़गांव सूर्य मंदिर, श्री कृष्ण के पुत्र साम्ब को मिली थी यहां रोग से मुक्ति

कई राज्यों से आते हैं श्रद्धालु
सूर्य मंदिर के पुजारी दिनेश पांडेय का कहना है यहां पर सच्चे मन से मन्नतें मांगने पर भगवान सूर्य उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. चाहे वो निःसन्तान हो, चाहे जिनके पुत्ररत्न की प्राप्ति नहीं हुई है या फिर रोग-व्याधि से ग्रसित हो. सभी खुश होकर यहां से जाते हैं. यहां दिल्ली, मुम्बई, पटना, मधुबनी तक के श्रद्धालु पहुंचते हैं.

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