नवादा: सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के बेहतर होने के दावे करते नहीं थकती है, लेकिन अक्सर ऐसी तस्वीरें सामने आती हैं जो तमाम दावों को हवा हवाई साबित कर देती हैं. वहीं स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव भी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में लगे हैं. अस्पतालों का औचक निरीक्षण तक करते हैं और डॉक्टरों से लेकर तमाम कर्मियों को सख्त निर्देश भी दे चुके हैं, उसके बावजूद लापरवाही के कई मामले सामने आते हैं.
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मरीज को ठेले पर लादकर पहुंचाया गया अस्पताल: ऐसा ही एक और मामला सामने नवादा सदर अस्पताल से सामने आया है. शहर के कलाली रोड निवासी सिरोमनी देवी (85 वर्षीय) को तेज बुखार था जिसके कारण वह चलने में असमर्थ थी लेकिन उसे एंबुलेंस नहीं मिला पाया. परिजन काफी देर तक एंबुलेंस के लिए टॉल फ्री नंबर पर कॉल करते रहे लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला.
घंटों एंबुलेंस के लिए फोन करते रहे परिजन: उसके बाद मां की हालत ज्यादा खराब होता देख बेटे श्रवण वरनवाल ने पड़ोसियों की मदद से हाथ ठेले पर मां को अस्पताल पहुंचाया. अस्पताल पहुंचने के बाद भी मरीज के परिजन काफी देर तक परेशान रहे क्योंकि ना तो समय पर स्ट्रेचर ही मिला और ना ही कोई डॉक्टर महिला को देखने ही पहुंचा था.
बुजुर्ग महिला की स्थिति गंभीर: थोड़ी देर तक अस्पताल में मरीज के परिजन परेशान रहे उसके बाद चिकित्सक ने महिला का इलाज शुरू किया. मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए नवादा सदर अस्पताल के चिकित्सक ने उसे पावापुरी वीम्स रेफर कर दिया. स्वास्थ्य सेवाओं की लचर व्यवस्था और एंबुलेंस की कमी के कारण इस बुजुर्ग मरीज की जान पर बन आई है.
स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठे सवाल: सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद अब भी मरीजों को एंबुलेंस नहीं मिल पा रही है. यही कारण है कि सिरोमनी को उसके बेटे ने ठेले पर ही लादकर लगभग 2 किलोमीटर का सफर तय कर अस्पताल पहुंचाया. इस घटना ने स्वास्थ्य महकमे पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.