नवादा: जिले में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश से शहर और गांव पूरी तरह जलमग्न है. गांव के निचले इलाकों की हालत बद से बदतर हो गई है. तस्वीरों में दिख रही ये सड़क जिले के पकरीबरवां प्रखंड के मड़वा डुमरी से सिमरिया जाने वाली सड़क की है. कीचड़ों से भरी यह सड़क जिले की विकास कार्यों की रिपोर्ट पेश कर रही है. बताया जाता है कि इस सड़क निर्माण के लिए जिस संवेदक को काम सौंपा गया वह इसे बीच में ही छोड़कर फरार हो गया.
पिछले 7 सालों से सड़क है खस्ताहाल
मड़वा से लेकर सिमरिया को जोड़ने वाली इस सड़क पर पड़े गहरे गड्ढों से हर समय हादसे का डर रहता है. ग्रामीण कहते हैं कि सड़क ऐसे ही पिछले 7 सालों से बदहाल हालत में है. कई बार स्थानीय नेताओं से शिकायत भी की लेकिन वे चुनावी समय में वादाओं का झुनझुना थमा आगे निकल गए.
संवेदक बीच में ही काम छोड़कर फरार
इस सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्रामीण कार्य विभाग ने संवेदक मे. नाथ कंस्ट्रक्शन औरंगाबाद को सौंपी थी. जिसकी शुरुआत 21 जुलाई 2017 को हुई थी और 2018 तक सड़क बनकर तैयार होनी थी. लेकिन तय समय-सीमा के समाप्ति के बाद भी सड़क नहीं बन सकी. ग्रामीण बताते है कि संवेदक ने निर्माण कार्य शुरू करने के नाम पर कुछ दूर तक मिट्टी का समतलीकरण किया और काम को ऐसे ही बीच में ही छोड़कर फरार हो गया.
आवेदन देते-देते हो गए बूढ़े- स्थानीय
इस मामले पर गांव के जयनंदन सिंह, नरेश सिंह का कहना है कि इस सड़क को कोई देखनेवाला नहीं है. मुखिया से लेकर एमपी-एमएलए तक सबसे गुहार लगाई. सड़क निर्माण के लिए आवेदन देते-देते बाल पक गए लेकिन किसी अधिकारी या फिर माननीय ने हमारी सुध नहीं ली. लोगों का कहना है कि इस रास्ते से हमारे बच्चे स्कूल जाते हैं. दुर्गा मंडप भी आगे ही है. सभी इसी रास्ते से ही गुजरते हैं. चुनाव के समय माननीय विकास का वादा करते हैं. लेकिन जीतने के बाद सभी वादाएं धुएं के गुबार की तरह गुम हो जाते हैं. लोगों का कहना है कि अब हमें वादाओं पर ऐतबार नहीं रहा. अब सड़क निर्माण होने के बाद हम मानेंगे कि कोई प्रधानमंत्री जैसा नेता यहां आया.