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नवादा: गड्ढों में सड़क- हिचकोले खाते लोग, सड़क दे रहा हादसे को निमंत्रण - काम छोड़कर फरार

मड़वा से लेकर सिमरिया को जोड़ने वाली इस सड़क पर पड़े गहरे गड्ढों से हर समय हादसे का डर रहता है. ग्रामीण कहते हैं कि सड़क ऐसे ही पिछले 7 सालों से बदहाल स्थिति में है.

नवादा में सड़क दे रहा हादसों को निमंत्रण
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Published : Sep 29, 2019, 5:18 PM IST

नवादा: जिले में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश से शहर और गांव पूरी तरह जलमग्न है. गांव के निचले इलाकों की हालत बद से बदतर हो गई है. तस्वीरों में दिख रही ये सड़क जिले के पकरीबरवां प्रखंड के मड़वा डुमरी से सिमरिया जाने वाली सड़क की है. कीचड़ों से भरी यह सड़क जिले की विकास कार्यों की रिपोर्ट पेश कर रही है. बताया जाता है कि इस सड़क निर्माण के लिए जिस संवेदक को काम सौंपा गया वह इसे बीच में ही छोड़कर फरार हो गया.

बदहाल सड़क
बदहाल सड़क

पिछले 7 सालों से सड़क है खस्ताहाल
मड़वा से लेकर सिमरिया को जोड़ने वाली इस सड़क पर पड़े गहरे गड्ढों से हर समय हादसे का डर रहता है. ग्रामीण कहते हैं कि सड़क ऐसे ही पिछले 7 सालों से बदहाल हालत में है. कई बार स्थानीय नेताओं से शिकायत भी की लेकिन वे चुनावी समय में वादाओं का झुनझुना थमा आगे निकल गए.

स्थानीय लोग
स्थानीय लोग

संवेदक बीच में ही काम छोड़कर फरार
इस सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्रामीण कार्य विभाग ने संवेदक मे. नाथ कंस्ट्रक्शन औरंगाबाद को सौंपी थी. जिसकी शुरुआत 21 जुलाई 2017 को हुई थी और 2018 तक सड़क बनकर तैयार होनी थी. लेकिन तय समय-सीमा के समाप्ति के बाद भी सड़क नहीं बन सकी. ग्रामीण बताते है कि संवेदक ने निर्माण कार्य शुरू करने के नाम पर कुछ दूर तक मिट्टी का समतलीकरण किया और काम को ऐसे ही बीच में ही छोड़कर फरार हो गया.

पेश है रिपोर्ट

आवेदन देते-देते हो गए बूढ़े- स्थानीय
इस मामले पर गांव के जयनंदन सिंह, नरेश सिंह का कहना है कि इस सड़क को कोई देखनेवाला नहीं है. मुखिया से लेकर एमपी-एमएलए तक सबसे गुहार लगाई. सड़क निर्माण के लिए आवेदन देते-देते बाल पक गए लेकिन किसी अधिकारी या फिर माननीय ने हमारी सुध नहीं ली. लोगों का कहना है कि इस रास्ते से हमारे बच्चे स्कूल जाते हैं. दुर्गा मंडप भी आगे ही है. सभी इसी रास्ते से ही गुजरते हैं. चुनाव के समय माननीय विकास का वादा करते हैं. लेकिन जीतने के बाद सभी वादाएं धुएं के गुबार की तरह गुम हो जाते हैं. लोगों का कहना है कि अब हमें वादाओं पर ऐतबार नहीं रहा. अब सड़क निर्माण होने के बाद हम मानेंगे कि कोई प्रधानमंत्री जैसा नेता यहां आया.

नवादा: जिले में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश से शहर और गांव पूरी तरह जलमग्न है. गांव के निचले इलाकों की हालत बद से बदतर हो गई है. तस्वीरों में दिख रही ये सड़क जिले के पकरीबरवां प्रखंड के मड़वा डुमरी से सिमरिया जाने वाली सड़क की है. कीचड़ों से भरी यह सड़क जिले की विकास कार्यों की रिपोर्ट पेश कर रही है. बताया जाता है कि इस सड़क निर्माण के लिए जिस संवेदक को काम सौंपा गया वह इसे बीच में ही छोड़कर फरार हो गया.

बदहाल सड़क
बदहाल सड़क

पिछले 7 सालों से सड़क है खस्ताहाल
मड़वा से लेकर सिमरिया को जोड़ने वाली इस सड़क पर पड़े गहरे गड्ढों से हर समय हादसे का डर रहता है. ग्रामीण कहते हैं कि सड़क ऐसे ही पिछले 7 सालों से बदहाल हालत में है. कई बार स्थानीय नेताओं से शिकायत भी की लेकिन वे चुनावी समय में वादाओं का झुनझुना थमा आगे निकल गए.

स्थानीय लोग
स्थानीय लोग

संवेदक बीच में ही काम छोड़कर फरार
इस सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्रामीण कार्य विभाग ने संवेदक मे. नाथ कंस्ट्रक्शन औरंगाबाद को सौंपी थी. जिसकी शुरुआत 21 जुलाई 2017 को हुई थी और 2018 तक सड़क बनकर तैयार होनी थी. लेकिन तय समय-सीमा के समाप्ति के बाद भी सड़क नहीं बन सकी. ग्रामीण बताते है कि संवेदक ने निर्माण कार्य शुरू करने के नाम पर कुछ दूर तक मिट्टी का समतलीकरण किया और काम को ऐसे ही बीच में ही छोड़कर फरार हो गया.

पेश है रिपोर्ट

आवेदन देते-देते हो गए बूढ़े- स्थानीय
इस मामले पर गांव के जयनंदन सिंह, नरेश सिंह का कहना है कि इस सड़क को कोई देखनेवाला नहीं है. मुखिया से लेकर एमपी-एमएलए तक सबसे गुहार लगाई. सड़क निर्माण के लिए आवेदन देते-देते बाल पक गए लेकिन किसी अधिकारी या फिर माननीय ने हमारी सुध नहीं ली. लोगों का कहना है कि इस रास्ते से हमारे बच्चे स्कूल जाते हैं. दुर्गा मंडप भी आगे ही है. सभी इसी रास्ते से ही गुजरते हैं. चुनाव के समय माननीय विकास का वादा करते हैं. लेकिन जीतने के बाद सभी वादाएं धुएं के गुबार की तरह गुम हो जाते हैं. लोगों का कहना है कि अब हमें वादाओं पर ऐतबार नहीं रहा. अब सड़क निर्माण होने के बाद हम मानेंगे कि कोई प्रधानमंत्री जैसा नेता यहां आया.

Intro:नवादा। पिछले 2 दिनों से लगातार हो रहे बारिश की वजह से जनजीवन बेहाल हो गया है लेकिन इसने प्रशासन के दावे का पोल खोल कर रख दिया है। तस्वीर में दिख रहा यह सड़क नवादा जिले के पकरीबरवां प्रखंड के मड़वा डुमरी से सिमरिया जाने वाली सड़क की है जिसे देखकर लगता नहीं कि इस जगह कोई पहले कोई सड़के बनी थी। कीचड़ों से भरा यह गड्ढा प्रशासन के द्वारा सड़कों पर किया गया विकास कार्य का रिपोर्ट पेश कर रहा है। रविवार से नवरात्रे शुरू हो रहे इसी रास्ते से जुड़े माता का मंडप है और उसी से सटे विद्यालय हैं। माता के भक्त हों या बच्चे सभी को इसी रास्ते से पहुंचना है जो किसी हादसा को आमंत्रित कर रहा है।




Body:7 वर्षों है ख़स्ताहाल

मड़वा से लेकर सिमरिया तक सड़कें काफी जर्जर स्थिति में है खासकर सिमरिया गांव की स्थिति तो और ही नारकीय बनी हुई है। बताया जा रहा है कि पिछले 7 सालों सड़क की यही स्थिति है।

जुलाई 2018 में था बनना

प्रधानमंत्री ग्रामीण योजना के तहत मड़वा डुमरी से सिमरिया पथ ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा संवेदक मे. नाथ कंस्ट्रक्शन औरंगाबाद से बनवानी थी। जिसकी शुरुआत 21 जुलाई 2017 से होकर समाप्ति 2018 में होनी थी। समाप्ति की तिथि के एक साल बाद भी सड़क पूरी नहीं बन सकी है। हालांकि, कुछ दूर तक मिट्टी व समतलीकरण किया गया लेकिन बीच में ही संवेदक काम छोड़कर फरार हो गया है।

क्या कहते हैं स्थानीय लोग


जय नंदन सिंह का कहना है, इस सड़क को कोई देखनेवाला नहीं है मुखिया से लेकर एमपी-एमएलए तक सबको बोले कोई देखनेवाला नहीं है। डीएम साहब को आवेदन देते-देते बाल पक गया है। वहीं, नरेश सिंह का कहना है, 5-7 सालों इसकी ऐसी ही हालत है। इस रास्ते से बच्चे स्कूल जाते हैं। वहीं दुर्गा मंडप है। बच्चा से लेकर माल-मवेशी तक सबको उसी रास्ते से जाना है। वोट के समय पैर पकड़ते रहता है कहता है हम विकास कर देंगे। जब उनके पैसे आ जाते हैं तब हमलोग चले जाते हैं चूल्हे के पिछवाड़े में। इसलिए हम आग्रह करते हैं कि हमारे गली का सड़क का सुधार कर दे तो हम मानेगें की कोई नरेंद्र मोदी जैसा नेता आ गए हैं।

बाइट- जयनंदन सिंह
बाइट- नरेश सिंह





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