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नालंदा में फरोग-ए-उर्दू सेमिनार एवं मुशायरा का आयोजन - poet seminar

उर्दू के प्रचार-प्रसार और उसको बढ़ावा देने के लिए नालंदा में सेमिनार और कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के दौरान कई वक्ताओं ने उर्दू के प्रति अपने-अपने विचार भी व्यक्त किए.

उर्दू के प्रचार-प्रसार
उर्दू के प्रचार-प्रसार
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Published : Mar 16, 2021, 7:04 PM IST

नालंदा: राज्य की द्वितीय राज्य भाषा उर्दू के विकास और प्रचार प्रसार के लिए जिला परिषद सभागार में फरोग-ए-उर्दू सेमिनार और मुशायरा जिला स्तरीय उर्दू कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन अपर समाहर्ता सह प्रभारी जिलाधिकारी नौशाद अहमद द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया. इस अवसर पर प्रभारी जिलाधिकारी ने उर्दू भाषा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस भाषा को सभी सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके लिए अनुरोध पत्र विभाग को भेजा जाएगा.

इस कार्यक्रम में बच्चों और बच्चियों ने उर्दू के फरोग से संबंधित अपना-अपना आलेख सुनाया. इसके साथ ही तनवीर शाकित, गुफरान नजर आदि द्वारा भी अपना आलेख प्रस्तुत किया. कार्यक्रम में भूमि सुधार उपसमाहर्ता बिहार शरीफ कुमार प्रशांत और अपर अनुमंडल पदाधिकारी बिहार शरीफ मुकुल मनी पंकज द्वारा भी उर्दू में नज्म पेश किया गया.

ये भी पढ़ें: उर्दू को बढ़ावा देने के लिए सेमिनार और कवि गोष्ठी का आयोजन

इस कार्यक्रम के दौरान कई वक्ताओं ने उर्दू के प्रति अपने अपने विचार भी व्यक्त किए. कार्यक्रम में मौजूद वर्तमान परिवेश में उर्दू भाषा के प्रचार-प्रसार को कैसे बढ़ावा दिया जाए. इस पर भी चर्चा की गई.

नालंदा: राज्य की द्वितीय राज्य भाषा उर्दू के विकास और प्रचार प्रसार के लिए जिला परिषद सभागार में फरोग-ए-उर्दू सेमिनार और मुशायरा जिला स्तरीय उर्दू कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन अपर समाहर्ता सह प्रभारी जिलाधिकारी नौशाद अहमद द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया. इस अवसर पर प्रभारी जिलाधिकारी ने उर्दू भाषा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस भाषा को सभी सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके लिए अनुरोध पत्र विभाग को भेजा जाएगा.

इस कार्यक्रम में बच्चों और बच्चियों ने उर्दू के फरोग से संबंधित अपना-अपना आलेख सुनाया. इसके साथ ही तनवीर शाकित, गुफरान नजर आदि द्वारा भी अपना आलेख प्रस्तुत किया. कार्यक्रम में भूमि सुधार उपसमाहर्ता बिहार शरीफ कुमार प्रशांत और अपर अनुमंडल पदाधिकारी बिहार शरीफ मुकुल मनी पंकज द्वारा भी उर्दू में नज्म पेश किया गया.

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इस कार्यक्रम के दौरान कई वक्ताओं ने उर्दू के प्रति अपने अपने विचार भी व्यक्त किए. कार्यक्रम में मौजूद वर्तमान परिवेश में उर्दू भाषा के प्रचार-प्रसार को कैसे बढ़ावा दिया जाए. इस पर भी चर्चा की गई.

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