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मल्टीनेशनल कंपनी की जॉब छोड़कर राजीव चला रहे हैं डेयरी फार्म, सांसद ने भी की तारीफ

नवादा सांसद चंदन सिंह ने राजीव कश्यप के डेयरी फॉर्म का निरीक्षण किया. साथ ही उन्होंने राजीव को हर संभव सहयोग करने का भरोसा दिलाया.

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सांसद चंदन सिंह और राजीव कश्यप
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Published : Jan 29, 2020, 3:23 PM IST

नवादाः गांव की मिट्टी की सुगंध ऐसी होती है, जो कई लोगों को विदेश से भी खींच लाती है. ऐसा ही हुआ जिले के रहने वाले राजीव कश्यप के साथ, जिनकी सोच ने उन्हें मल्टीनेशनल कंपनी की जॉब छोड़ने पर मजबूर कर दिया और वो अपने गांव लौट आए. अब वह गांव में ही डेयरी फॉर्म चला रहे हैं. नवादा सांसद चंदन सिंह ने इनकी डेयरी फॉर्म का निरीक्षण भी किया है.

बर्मा में नौकरी करते थे राजीव कश्यप
जिले के बुधौल पंचायत के जंगली बेलदारी के रहने वाले राजीव कश्यप दिल्ली से उच्च शिक्षा प्राप्त कर बर्मा में एक अच्छे पैकेज पर मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब की. लेकिन उसे छोड़कर अपने गांव आ गए और यहां उन्होंने डेयरी फॉर्म शुरू किया. आज राजीव लोगों को घर तक शुद्ध दूध पहुंचा रहे हैं. इतना ही नहीं वह अपनी गायों के लिए हरा चारा भी खुद ही तैयार करते हैं. ताकि फॉर्म में मैजूद गायें दूध ज्यादा मात्रा में दें.

nawada
मक्के की फसल को देखते सासंद

हमेशा करते हैं कुछ नया काम
राजीव हमेशा कुछ नया करने की सोचते रहते हैं और उसी सोच पर एक्सपेरीमेंट करते रहते हैं. जिसका नतीजा यह होता है कि वह सोच इनके लिए जरूरत बन जाती है. कुछ दिन पहले वह 6 विदेशी नस्ल की काली मुर्गियां लाएं, जो गाय के गोबर से निकलनेवाले कीड़े को खाती हैं. जिससे गोबर से निकलनेवाले कीड़े खत्म हो जाते हैं. गायें भी कीड़े से होने वाली बीमारियों से बच जाती हैं.

nawada
सांसद चंदन सिंह व अन्य

ये भी पढ़ेंः बांका: युवाओं को पसंद आ रही है प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियां, बाजार में बढ़ी मांग

जैविक खेती भी करते हैं राजीव
राजीव आजकल जैविक खेती पर भी जोर दे रहे हैं. वह गाय के गनौरा को खाद के रूप में उपयोग करते हैं. जिससे गाय के लिए हरा चारा ज्यादा मात्रा में उपजाते हैं. उनका कहना है कि हमारी गाय को हरा चारा के रूप में मक्का देना होता है. वो हम नहीं दे पाते थे. जब हमने पिछले दो सीजन से रासायनिक उर्वरक डालकर मक्के की खेती की तो फसल अच्छी नहीं हुई. फिर हमने सोचा क्यों न अपनी परंपरागत खेती की ओर लौटें. राजीव ने बताया कि हमने गाय के गनौरा से मक्के की खेती की तो फसल चार गुणा ज्यादा बढ़ गई.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सांसद ने किया डेयरी फार्म का निरीक्षण
वहीं, राजीव के बारे में जानकारी मिलते ही नवादा सांसद चंदन सिंह उनके डेयरी फॉर्म पहुंचे. जहां उन्होंने डेयरी फार्म का निरीक्षण किया. साथ ही जैविक खेती और रासायनिक खेती से उपजे मक्के की फसल को तुलना करके भी देखा. सांसद ने राजीव के इस प्रयास के लिए उन्हें शुभकामनाएं भी दी. साथ ही उन्हें हरसंभव सहयोग करने का भरोसा दिलाया.

नवादाः गांव की मिट्टी की सुगंध ऐसी होती है, जो कई लोगों को विदेश से भी खींच लाती है. ऐसा ही हुआ जिले के रहने वाले राजीव कश्यप के साथ, जिनकी सोच ने उन्हें मल्टीनेशनल कंपनी की जॉब छोड़ने पर मजबूर कर दिया और वो अपने गांव लौट आए. अब वह गांव में ही डेयरी फॉर्म चला रहे हैं. नवादा सांसद चंदन सिंह ने इनकी डेयरी फॉर्म का निरीक्षण भी किया है.

बर्मा में नौकरी करते थे राजीव कश्यप
जिले के बुधौल पंचायत के जंगली बेलदारी के रहने वाले राजीव कश्यप दिल्ली से उच्च शिक्षा प्राप्त कर बर्मा में एक अच्छे पैकेज पर मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब की. लेकिन उसे छोड़कर अपने गांव आ गए और यहां उन्होंने डेयरी फॉर्म शुरू किया. आज राजीव लोगों को घर तक शुद्ध दूध पहुंचा रहे हैं. इतना ही नहीं वह अपनी गायों के लिए हरा चारा भी खुद ही तैयार करते हैं. ताकि फॉर्म में मैजूद गायें दूध ज्यादा मात्रा में दें.

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मक्के की फसल को देखते सासंद

हमेशा करते हैं कुछ नया काम
राजीव हमेशा कुछ नया करने की सोचते रहते हैं और उसी सोच पर एक्सपेरीमेंट करते रहते हैं. जिसका नतीजा यह होता है कि वह सोच इनके लिए जरूरत बन जाती है. कुछ दिन पहले वह 6 विदेशी नस्ल की काली मुर्गियां लाएं, जो गाय के गोबर से निकलनेवाले कीड़े को खाती हैं. जिससे गोबर से निकलनेवाले कीड़े खत्म हो जाते हैं. गायें भी कीड़े से होने वाली बीमारियों से बच जाती हैं.

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सांसद चंदन सिंह व अन्य

ये भी पढ़ेंः बांका: युवाओं को पसंद आ रही है प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियां, बाजार में बढ़ी मांग

जैविक खेती भी करते हैं राजीव
राजीव आजकल जैविक खेती पर भी जोर दे रहे हैं. वह गाय के गनौरा को खाद के रूप में उपयोग करते हैं. जिससे गाय के लिए हरा चारा ज्यादा मात्रा में उपजाते हैं. उनका कहना है कि हमारी गाय को हरा चारा के रूप में मक्का देना होता है. वो हम नहीं दे पाते थे. जब हमने पिछले दो सीजन से रासायनिक उर्वरक डालकर मक्के की खेती की तो फसल अच्छी नहीं हुई. फिर हमने सोचा क्यों न अपनी परंपरागत खेती की ओर लौटें. राजीव ने बताया कि हमने गाय के गनौरा से मक्के की खेती की तो फसल चार गुणा ज्यादा बढ़ गई.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सांसद ने किया डेयरी फार्म का निरीक्षण
वहीं, राजीव के बारे में जानकारी मिलते ही नवादा सांसद चंदन सिंह उनके डेयरी फॉर्म पहुंचे. जहां उन्होंने डेयरी फार्म का निरीक्षण किया. साथ ही जैविक खेती और रासायनिक खेती से उपजे मक्के की फसल को तुलना करके भी देखा. सांसद ने राजीव के इस प्रयास के लिए उन्हें शुभकामनाएं भी दी. साथ ही उन्हें हरसंभव सहयोग करने का भरोसा दिलाया.

Intro:समरी-सांसद चंदन सिंह उनके डेयरी फॉर्म पहुंचे है जहां उन्होंने डेयरी फार्म का निरीक्षण किया साथ ही जैविक खेती और रासायनिक खेती से उपजे मक्के की फसल को तुलना करके भी देखा। उन्हें हरसंभव सहयोग करने का भरोसा दिलाया।

नवादा। जिले के बुधौल पंचायत के जंगली बेलदारी के रहने वाले राजीव कश्यप दिल्ली से उच्च शिक्षा प्राप्त कर वर्मा में एक अच्छे पैकेज पर मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब की लेकिन उसे छोड़कर अपने गांव आ गए जहां डेयरी फॉर्म शुरू किया और लोगों को घर तक शुद्ध दूध पहुंचा रहे हैं।


राजीव हमेशा कुछ नया करने की सोचते रहते हैं और उस सोच पर एक्सपेरीमेंट करते रहते हैं जिसका नतीजा यह होता है कि वह सोच इनके लिए जरूरत बन जाता है। कुछ दिन पहले इन्होंने 6 विदेशी नस्ल की काली मुर्गियां लाएं जो गाय के गोबर से निकलनेवाले कीड़े को खाती है। जिससे गोबर से निकलनेवाले कीड़े खत्म होते ही होते हैं गायें भी कीड़े से होनेवाली बीमारी से बच जाती है।





Body:रासायनिक के बदले जैविक खेती से फसल में चारगुणा वृद्धि

इतना ही नहीं राजीव आजकल जैविक खेती पर भी जोड़ दे रहे हैं उन्होंने के गायें से पर्याप्त मात्रा में गोबर से बनी गनौरा का उपयोग हरा चारा उपजाने में करते हैं उनका कहना है कि हमारी गाय को हरा चारा के रूप में मक्का देना होता है वो हम नहीं दे पाते थे इसके लिए हमने पिछले दो सीजन से रासायनिक उर्वरक डालकर हमने मक्के की खेती की फिर हमने सोचा क्यों न अपनी परंपरागत खेती की ओर लौटें जिसे कभी हमारे पुरखें किया करते थे हमने गाय के गनौरा से मक्के की खेती की तो हमने देखा कि फसल रासायनिक उर्वरक से चारगुणा ज्यादा बढ़ी जिसे देखा जा सकता है।

बाइट- राजीव कश्यप, डेयरी फार्म संचालक


डेयरी और जैविक खेती का निरीक्षण को पहुंचे सांसद

बात दें कि राजीव के बारे में जानकारी मिलते ही नवादा सांसद चंदन सिंह उनके डेयरी फॉर्म पहुंचे है जहां उन्होंने डेयरी फार्म का निरीक्षण किया साथ ही जैविक खेती और रासायनिक खेती से उपजे मक्के की फसल को तुलना करके भी देखा। राजीव के इस प्रयास के लिए शुभकामनाएं दी और उन्हें हरसंभव सहयोग करने का भरोसा दिलाया साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इन्हें कोई दिक्कत हो तो और कृषि मंत्री से मिलने की जरूरत हो तो मैं भी इनके साथ जाऊंगा। मिलूंगा।

बाइट- चंदन सिंह, सांसद, नवादा





Conclusion:जैविक खेती से न सिर्फ फसल अच्छी हो रही है बल्कि उससे पर्याप्त मात्रा में शुद्ध हरा चारा भी मिल रहा जिसके खाने से गाय दूध भी शुद्ध देगी इसी उद्देश्यों के लिए यह कार्य शुरू किए गए हैं
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