नवादाः जिले के वारसलीगंज प्रखंड के अपसढ़ गांव स्थित कोण तालाब गुप्तकाल में बना लगभग 360 एकड़ में फैला हुआ तालाब था. जो आज सिकुड़ कर डेढ़ सौ से दो सौ एकड़ तक रह गया है. सालों से खुदाई नहीं होने के कारण उसमें जल संचयन सही से नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण तालाब लगभग सूख चुका है. तालाब सूखने से आसपास के कई गांवों का जलस्तर नीचे चला गया है. किसान को पटवन के लिए पर्याप्त पानी भी नहीं मिल पा रहा है. अगर इस ऐतिहासिक तालाब को पर्यटन के दृष्टि से फिर से नया और सुंदर बना दिया जाए तो यहां के लोगों के लिए यह काफी लाभदायक होगा.
गुप्तकाल में हुआ था तालाब का निर्माण
गुप्तकाल में आदित्य सेन की पत्नी कोण देवी ने इस तालाब का निर्माण कराया था. जो करीब 360 एकड़ में फैला हुआ था. कहा जाता है कि कोण देवी उस तालाब में प्रत्येक दिन स्नान करने आती थी.
हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद कोई काम नहीं
पार्वती विरासत संरक्षण समिति के अध्यक्ष प्रो. जुगल किशोर सिंह का कहना है कि यह तालाब काफी सुख चुका है. इसको नया बनाने के लिए 12 करोड़ देने की बात 2017-18 में ही कही गई थी. लेकिन वो अभी तक नहीं हुआ है. जबकि 2017 में पटना हाईकोर्ट ने 2-3 महीने के अंदर कार्य करने का आदेश दिया था, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है.
क्या कहते हैं स्थानीय लोग?
स्थानीय लोगों का कहना है कि जिले में इतना बड़ा तालाब कहीं नहीं है. सबसे पहले तो इसकी खुदाई होनी चाहिए. खुदाई हो जाती तो हमारे गांव का विकास होता. पटवन में सुविधा होती. लेकिन अभी तक इसके विकास के लिए सरकार की तरफ से कोई फंड नहीं आया है. पप्पू सिंह कहते हैं गर्मी में यह तालाब सूख जाता है. इसको फिर से नया बनाने की जरूरत है. हमारे गांव के 75 प्रतिशत चापाकल का लेयर नीचे गिर चुका है. अगर खुदाई होगी तो जल का संचय होगा, जल स्तर भी बढेंगें और सिंचाई में भी मदद मिलेगी.