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विश्व फोटोग्राफी दिवस: नवादा के इस लाल की फोटोग्राफी ने बदली किस्मत, देश में लहराया परचम - Photographer Shahrukh

फोटोग्राफर शाहरुख बताते हैं कि, जब वो छोटे थे तो भैया ने एक कैमरा लेकर दिया था. उसी से फोटोग्राफी की शौक चढ़ी. मुझे लगा कि फोटोग्राफी एक ऐसा माध्यम है, जिससे अपने देश व राज्य की खूबसूरती को बाहर पहुंचा सकते हैं.

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Published : Aug 19, 2020, 8:03 AM IST

Updated : Aug 20, 2020, 2:53 PM IST

नवादाः आज विश्व फोटोग्राफी दिवस है. इस मौके पर आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे शख्स की कहानी, जिसने बचपन में प्लास्टिक के खिलौने और खाली रीलवाले कैमरे के व्यू फाइंडर से तस्वीर देखते-देखते मशहूर फोटोग्राफर की सूची में शुमार हो चुके हैं.

विश्व फोटोग्राफी दिवस
दरअसल, यह कहानी राज्य के पिछड़े जिलों में से एक नवादा के नारदीगंज प्रखंड के एक छोटे से मुस्लिम मुहल्ले के रहनेवाले शाहरुख दोवार खान की है. जिसके अंदर फोटोग्राफी का ऐसा जुनून चढ़ा की देश के नंबर वन लाइव कैनन फोटोग्राफी प्रतियोगिता में विजेता बनकर जिला का ही नहीं बल्कि राज्य का भी मान-सम्मान को बढ़ाया है. हैरत की बात यह है कि, शाहरुख ने यह कारनामा बिना किसी फोटोग्राफी के कोर्स और गुरु के हासिल किए हैं.

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फोटो खिंचता शाहरुख

लैंडस्केप और स्ट्रीट फोटोग्राफी में है रुचि

शाहरुख बताते हैं कि, जब वो छोटे थे तो भैया ने एक कैमरा लेकर दिया था. उसी से फोटोग्राफी की शौक चढ़ी. मुझे लगा कि फोटोग्राफी एक ऐसा माध्यम है, जिससे अपने देश व राज्य की खूबसूरती को बाहर पहुंचा सकते हैं. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इस छोटे से जगह से जहां के लोग जनरल कंपटीशन के बारे में मुश्किल से ही सोच पाते हैं वहां से इस कला में आऊंगा और मेरे द्वारा खींचे हुए तस्वीर देश-विदेश में लगेंगे. मैं जब भारत के सबसे बड़ा लाइव प्रतियोगिता में भाग लेने गया था तो उसका मकसद कुछ सीखना था. लेकिन वहां मेरे द्वारा खींचे गए फोटो को जजों ने पसंद किया और विजेता बना दिया. मैंने अपने आप को किसी स्पेशलाइजेशन में बांधकर नहीं रखा है. मेरा शौक लैंडस्केप और स्ट्रीट फोटोग्राफी में है.

देखें पूरी रिपोर्ट

अपने बेटे के इस कामयाबी से खुश हैं माता-पिता
बता दें कि, शाहरुख के पापा छोटे से क्लीनिक खोलकर डॉक्टरी करते हैं, मां भी पारा मेडिकल की हुई है. इसलिए पापा की इच्छा यह थी कि बेटा मेडिकल लाइन जाए, पर लेकिन जब इन्हें फोटोग्राफी की लगाव देखा तो फिर सपोर्ट करना शुरू किया. वहीं मां शाहरुख के बचपन को यादकर बताती है कि जब वो 7-8 साल का था तभी से खिलौना वाला कैमरा लेकर फोटो खींचता रहता था और बच्चे लोग इसके पीछे लगे रहते थे. आज अपने बेटे के बारे में अखबार में पढ़कर काफी खुशी मिलती है.

वहीं, दोस्त पंकज भी शाहरुख के साथ बिताए पल के बारे में कहते हैं कि शाहरुख पढ़ाई में अच्छा था लेकिन इसका ध्यान फोटोग्राफी की ओर लगा रहता था. कई बार तो हमने मना भी किया, लेकिन यह अपने काम में लगा रहा. आज अच्छा लग रहा है कि, इस मुकाम पर पहुंच गया है.

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फोटो खिंचता शाहरुख
फोटोग्राफी के लिए मिल चुका है यह अवार्ड और उपलब्धि

● 2016 में कैनन फोटो मैराथन, प्रतियोगिता, विजेता
● 2016 में कैनन स्टोरी ऑफ क्योसी, प्रतियोगिता,विजेता
● राष्ट्रीय फोटोग्राफी प्रदर्शनी में, तृतीय स्थान
● नवादा जिला प्रशासन से सम्मानित

नवादाः आज विश्व फोटोग्राफी दिवस है. इस मौके पर आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे शख्स की कहानी, जिसने बचपन में प्लास्टिक के खिलौने और खाली रीलवाले कैमरे के व्यू फाइंडर से तस्वीर देखते-देखते मशहूर फोटोग्राफर की सूची में शुमार हो चुके हैं.

विश्व फोटोग्राफी दिवस
दरअसल, यह कहानी राज्य के पिछड़े जिलों में से एक नवादा के नारदीगंज प्रखंड के एक छोटे से मुस्लिम मुहल्ले के रहनेवाले शाहरुख दोवार खान की है. जिसके अंदर फोटोग्राफी का ऐसा जुनून चढ़ा की देश के नंबर वन लाइव कैनन फोटोग्राफी प्रतियोगिता में विजेता बनकर जिला का ही नहीं बल्कि राज्य का भी मान-सम्मान को बढ़ाया है. हैरत की बात यह है कि, शाहरुख ने यह कारनामा बिना किसी फोटोग्राफी के कोर्स और गुरु के हासिल किए हैं.

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फोटो खिंचता शाहरुख

लैंडस्केप और स्ट्रीट फोटोग्राफी में है रुचि

शाहरुख बताते हैं कि, जब वो छोटे थे तो भैया ने एक कैमरा लेकर दिया था. उसी से फोटोग्राफी की शौक चढ़ी. मुझे लगा कि फोटोग्राफी एक ऐसा माध्यम है, जिससे अपने देश व राज्य की खूबसूरती को बाहर पहुंचा सकते हैं. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इस छोटे से जगह से जहां के लोग जनरल कंपटीशन के बारे में मुश्किल से ही सोच पाते हैं वहां से इस कला में आऊंगा और मेरे द्वारा खींचे हुए तस्वीर देश-विदेश में लगेंगे. मैं जब भारत के सबसे बड़ा लाइव प्रतियोगिता में भाग लेने गया था तो उसका मकसद कुछ सीखना था. लेकिन वहां मेरे द्वारा खींचे गए फोटो को जजों ने पसंद किया और विजेता बना दिया. मैंने अपने आप को किसी स्पेशलाइजेशन में बांधकर नहीं रखा है. मेरा शौक लैंडस्केप और स्ट्रीट फोटोग्राफी में है.

देखें पूरी रिपोर्ट

अपने बेटे के इस कामयाबी से खुश हैं माता-पिता
बता दें कि, शाहरुख के पापा छोटे से क्लीनिक खोलकर डॉक्टरी करते हैं, मां भी पारा मेडिकल की हुई है. इसलिए पापा की इच्छा यह थी कि बेटा मेडिकल लाइन जाए, पर लेकिन जब इन्हें फोटोग्राफी की लगाव देखा तो फिर सपोर्ट करना शुरू किया. वहीं मां शाहरुख के बचपन को यादकर बताती है कि जब वो 7-8 साल का था तभी से खिलौना वाला कैमरा लेकर फोटो खींचता रहता था और बच्चे लोग इसके पीछे लगे रहते थे. आज अपने बेटे के बारे में अखबार में पढ़कर काफी खुशी मिलती है.

वहीं, दोस्त पंकज भी शाहरुख के साथ बिताए पल के बारे में कहते हैं कि शाहरुख पढ़ाई में अच्छा था लेकिन इसका ध्यान फोटोग्राफी की ओर लगा रहता था. कई बार तो हमने मना भी किया, लेकिन यह अपने काम में लगा रहा. आज अच्छा लग रहा है कि, इस मुकाम पर पहुंच गया है.

special
फोटो खिंचता शाहरुख
फोटोग्राफी के लिए मिल चुका है यह अवार्ड और उपलब्धि

● 2016 में कैनन फोटो मैराथन, प्रतियोगिता, विजेता
● 2016 में कैनन स्टोरी ऑफ क्योसी, प्रतियोगिता,विजेता
● राष्ट्रीय फोटोग्राफी प्रदर्शनी में, तृतीय स्थान
● नवादा जिला प्रशासन से सम्मानित

Last Updated : Aug 20, 2020, 2:53 PM IST
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