नवादा: जिले के रजौली शहर का भी अपना मिजाज और स्वाद है. यहां के काफी लोग दूसरे शहरों में रोजगार को लेकर बसे हैं. जब लोग रजौली आते हैं, तो यहां की बालूशाही का स्वाद लेना नहीं भूलते हैं. बता दें कि बालूशाही मिठाई काफी प्रसिद्ध है.
कैसे तैयार होती है बालूशाही
रजौली बाजार के एक दुकानदार धीरज कुमार ने कहा कि पहले दूध से छेना निकाला जाता है, जिसे मुलायम करने के लिए हाथ से देर तक गूंथा जाता है. इसके बाद हल्की मात्रा में मायदा तथा इलायची मिलाकर छोटा-छोटा गोला बनाकर चीनी से तैयार चासनी में लगभग दो घंटे तक इसे नारंगी रंग होने तक धीमी आंच पर पकाया जाता है. इसके बाद करीब बीस मिनट तक कढ़ाई में हीलाया-डुलाया जाता है. तैयार बालूशाही के ठंडा होने तक चाशनी से बाहर निकाल कर रख दिया जाता है. 20 लीटर दूध में 200 ग्राम मैदा 25 ग्राम इलायची 15 किलो चीनी लगता है. एक किलो ग्राम बालूशाही का कीमत 180 रुपया है.
कई शहरों में यहां जाता है बालूशाही
रजौली से अनेक लोग विदेशों में रहते हैं. मलेशिया, साउथ अफ्रीका, अबूधाबी, कोरिया, श्रीलंका, सऊदीअरब, कुवैत और कनाडा जैसे देशों में भी बालूशाही लेकर जाते है.
भाजपा मंडल अध्यक्ष गौरव शांडिल्य गगन ने कहा कि उनके परिवार के कई लोग अमेरिका और दुबई में रहते हैं, जो रजौली से बालूशाही खरीद कर विदेशों में ले जाते हैं. बालूशाही मिठाई को बहुत ज्यादा पसंद करते हैं. इससे रजौली शहर में बालूशाही की बिक्री काफी बढ़ गई है.