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नवादा में इंट्री का धंधाः पुलिस चौकी पर अवैध वसूली कर रहे होमगार्ड जवान, ओवरलोड ट्रक को दे रहे पास

बिहार के नवादा (Nawada Crime News) में इंट्री का धंधा काफी फल फुल रहा है. झारखंड और बंगाल से आने वाले ट्रक चालकों से खुलेआम वसूली कर पास दिया जा रहा है. इसका उदाहरण इस वीडियो से मिल जाएगा कि किस तरीके ट्रक चालक से पुलिस वाले वसूली करते हैं. देखे वीडियो...

नवादा में इंट्री का धंधा
नवादा में इंट्री का धंधा
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Published : Nov 25, 2022, 5:37 PM IST

नवादा : बिहार के नवादा (illegal recovery In Nawada) में दूसरे राज्य से आने-जाने वाले ट्रक चालकों से खुलेआम वसूली की जा रही है. इसका उदाहरण इस वीडियो से लगा सकते हैं. रजौली के चितरकोली पंचायत के समेकित जांच चौकी पर इंट्री का धंधा परवान पर है. एनएच 31 को बदल कर 20 किया गया है. इंट्री के काले धंधे में शामिल लोग चांदी काट रहे हैं. रोजाना हजारों ट्रकों का आवागमन होता है. रजौली जांच चौकी पर बड़े ही आराम से इंट्री माफिया अपने इस गोरखधंधे को अंजाम देते हैं.

यह भी पढ़ेंः अवैध वसूली के आरोप में ASI समेत 4 पुलिस कर्मियों पर गिरी गाज.. लखीसराय एसपी ने की कार्रवाई

इंट्री माफियाओं की सांठगांठः जानकारी की माने तो इंट्री माफियाओं की सांठगांठ अधिकारियों व उनके चालकों से है. जो इनके लिए स्पाई का काम करते हैं. बताए गए समय के अनुसार हीं ट्रकों को निकाला जाता है. जांच चौकी पर तैनात गृहरक्षकों के द्वारा वाहनों से दिनदहाड़े पैसा लेकर बिहार में प्रवेश कराया जाता है. गृहरक्षक जवान जांच चौकी पर तैनाती करने के लिए लिए हमेशा लालायित रहते हैं. क्योंकि यहां अवैध काली कमाई भरपूर रूप से होती है.

क्या है इंट्री खेल का राज : पिछले कई वर्षों में इंट्री का खेल बंगाल एवं झारखंड के रास्ते बिहार में प्रवेश करने वाले वैसे ट्रकों के साथ होता है. सामान आदि लदा हुआ है तो उन्हें सुरक्षित तरीके से जिले से बाहर या गंतव्य तक जाने के लिए शुल्क दिया जाता है. अगर जोर जबरदस्ती कर ट्रक चालक चल भी देता है तो किसी न किसी बहाने उसको पकड़वा दिया जाता है. इसके बाद ओवरलोड या फिर कागजातों में कमी आदि के नाम पर वसूली की जाती है. यहां से वसूल रुपए पदाधिकारियों व उनके चमचों में वितरण किया जाता है. जिसे माफिया इंट्री का नाम देते हैं.

मोटी रकम वसूल जाती है वसूली : निर्माण सामग्रियों को ढोने वाले तक ज्यादा निशाने पर रहते हैं. इलाके में भवन सड़क पुल पुलिया आदि के निर्माण सामग्री को धोने वाले ट्रक को एंट्री दिलाने में दिन-रात इंट्रीवाज दलाल सक्रिय रहते हैं. सैकड़ों ट्रकों पर आए दिन गिट्टी आदि समान लदे बिहार में बेरोकटोक सड़कों पर प्रवेश इनके द्वारा कराया जाता है. उनसे मोटा उगाही कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के कार्यालय से जारी है. इंट्री माफिया नवादा में बैठकर समेकित जांच चौकी रजौली को चला रहे हैं.

पूर्व में गाड़ियों को जबरन छुड़ाया : पूर्व में आरटीओ ललित दूबे के द्वारा गिट्टी लोड ट्रक एवं हाइवा ट्रक को जब्त किया था. जिसे जबरन वाहन इंट्री करने वाले दलालों ने चालक को मारपीट कर छूड़ा लिया था. दूसरी बार भी गिट्टी लोड हाइवा ट्रक को जब्त किया गया था. जिसे इंट्री माफिया सह तथाकथित मुखिया बरेव निवासी अरुण कुमार के द्वारा गुर्गों के सहयोग से भी जबरन धक्का मुक्की कर छुड़ा लिया गया था. जिसके बाद थाने में तात्कालिक आरटीओ ने प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी. मामले में मुखिया अरुण कुमार व स्थानीय कई इंट्री माफिया को जेल की हवा खानी पड़ी थी.

"मेरे सामने इस प्रकार की कोई घटना नहीं घटित होती है. मेरे द्वारा औचक निरीक्षण किया गया है. हमारे प्रयास से जांच चौकी पर राजस्व की डेढ़ गुना वृद्धि हुई है. यदि इंट्री माफिया सक्रिय हैं तो उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी." -अनुराग कौशल सिंह, जिला परिवहन पदाधिकारी

नवादा : बिहार के नवादा (illegal recovery In Nawada) में दूसरे राज्य से आने-जाने वाले ट्रक चालकों से खुलेआम वसूली की जा रही है. इसका उदाहरण इस वीडियो से लगा सकते हैं. रजौली के चितरकोली पंचायत के समेकित जांच चौकी पर इंट्री का धंधा परवान पर है. एनएच 31 को बदल कर 20 किया गया है. इंट्री के काले धंधे में शामिल लोग चांदी काट रहे हैं. रोजाना हजारों ट्रकों का आवागमन होता है. रजौली जांच चौकी पर बड़े ही आराम से इंट्री माफिया अपने इस गोरखधंधे को अंजाम देते हैं.

यह भी पढ़ेंः अवैध वसूली के आरोप में ASI समेत 4 पुलिस कर्मियों पर गिरी गाज.. लखीसराय एसपी ने की कार्रवाई

इंट्री माफियाओं की सांठगांठः जानकारी की माने तो इंट्री माफियाओं की सांठगांठ अधिकारियों व उनके चालकों से है. जो इनके लिए स्पाई का काम करते हैं. बताए गए समय के अनुसार हीं ट्रकों को निकाला जाता है. जांच चौकी पर तैनात गृहरक्षकों के द्वारा वाहनों से दिनदहाड़े पैसा लेकर बिहार में प्रवेश कराया जाता है. गृहरक्षक जवान जांच चौकी पर तैनाती करने के लिए लिए हमेशा लालायित रहते हैं. क्योंकि यहां अवैध काली कमाई भरपूर रूप से होती है.

क्या है इंट्री खेल का राज : पिछले कई वर्षों में इंट्री का खेल बंगाल एवं झारखंड के रास्ते बिहार में प्रवेश करने वाले वैसे ट्रकों के साथ होता है. सामान आदि लदा हुआ है तो उन्हें सुरक्षित तरीके से जिले से बाहर या गंतव्य तक जाने के लिए शुल्क दिया जाता है. अगर जोर जबरदस्ती कर ट्रक चालक चल भी देता है तो किसी न किसी बहाने उसको पकड़वा दिया जाता है. इसके बाद ओवरलोड या फिर कागजातों में कमी आदि के नाम पर वसूली की जाती है. यहां से वसूल रुपए पदाधिकारियों व उनके चमचों में वितरण किया जाता है. जिसे माफिया इंट्री का नाम देते हैं.

मोटी रकम वसूल जाती है वसूली : निर्माण सामग्रियों को ढोने वाले तक ज्यादा निशाने पर रहते हैं. इलाके में भवन सड़क पुल पुलिया आदि के निर्माण सामग्री को धोने वाले ट्रक को एंट्री दिलाने में दिन-रात इंट्रीवाज दलाल सक्रिय रहते हैं. सैकड़ों ट्रकों पर आए दिन गिट्टी आदि समान लदे बिहार में बेरोकटोक सड़कों पर प्रवेश इनके द्वारा कराया जाता है. उनसे मोटा उगाही कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के कार्यालय से जारी है. इंट्री माफिया नवादा में बैठकर समेकित जांच चौकी रजौली को चला रहे हैं.

पूर्व में गाड़ियों को जबरन छुड़ाया : पूर्व में आरटीओ ललित दूबे के द्वारा गिट्टी लोड ट्रक एवं हाइवा ट्रक को जब्त किया था. जिसे जबरन वाहन इंट्री करने वाले दलालों ने चालक को मारपीट कर छूड़ा लिया था. दूसरी बार भी गिट्टी लोड हाइवा ट्रक को जब्त किया गया था. जिसे इंट्री माफिया सह तथाकथित मुखिया बरेव निवासी अरुण कुमार के द्वारा गुर्गों के सहयोग से भी जबरन धक्का मुक्की कर छुड़ा लिया गया था. जिसके बाद थाने में तात्कालिक आरटीओ ने प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी. मामले में मुखिया अरुण कुमार व स्थानीय कई इंट्री माफिया को जेल की हवा खानी पड़ी थी.

"मेरे सामने इस प्रकार की कोई घटना नहीं घटित होती है. मेरे द्वारा औचक निरीक्षण किया गया है. हमारे प्रयास से जांच चौकी पर राजस्व की डेढ़ गुना वृद्धि हुई है. यदि इंट्री माफिया सक्रिय हैं तो उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी." -अनुराग कौशल सिंह, जिला परिवहन पदाधिकारी

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