ETV Bharat / state

35 लाख की नौकरी छोड़ शुरू की डेयरी, CM नीतीश भी हैं इनके मुरीद

राजीव ने बताया कि इन गायों की सेवा करता हूं उनके परिवार में 12 सदस्य हैं, ये 78 गायें भी उनके परिवार का ही हिस्सा हैं.

author img

By

Published : Feb 27, 2019, 11:00 AM IST

राजीव कश्यप

नवादा: म्यांमार में टिम्बर के क्षेत्र से जुड़ी विश्व की बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में लाखों का पैकेज छोड़ नवादा के राजीव ने डेयरी का काम चुना. 2 गायों से शुरू हुआ इनका डेयरी का काम आज सफलता का मुकाम हासिल कर रहा है. इसकी वजह है लोगों को गुणवत्तापूर्ण दूध मुहैया कराना.
नवादा जिले के जंगली बेलदारी इलाके में डेयरी से राजीव सालाना लाखों रुपए कमा रहे हैं. 2 गायों से डेयरी का काम शुरू करने वाले राजीव के पास अब 78गायें हैं. 10 लीटर दूध से डेयरी का काम शुरू किया था आज 200-250 लीटर तक का दूध उत्पादन कर रहे हैं.

cow
78 गाय हैं राजीव के पास

दिल्ली से की है उच्च शिक्षा प्राप्त
राजीव महज 11 साल के थे उसी वक्त आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली शिफ्ट हो गए थे. दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम, फिर एलएलबी और उसके बाद साथ ही कॉरपोरेट लॉ एंड मैनेजमेंट में डिप्लोमा किया. आखिरकार एक मल्टीनेशनल कंपनी में सलाना 35 लाख के पैकेज के साथ उन्होंने नौकरी शुरू की.

खुशियां, सुकून और समाज के लिए छोड़ी नौकरी
राजीव ने बताया कि पैसों से कई ज्यादा मायने रखता है खुशियां और सूकून, डेयरी का काम शुरू कर उन्हें दोनों मिल रहे हैं. इन गायों कीसेवा करता हूं उनके परिवार में 12 सदस्य हैं, ये 78 गायें भी उनके परिवार का ही हिस्सा हैं.

35 लाख की नौकरी छोड़ डेयरी ही क्यों?
राजीव का कहना है कि मैं समझता हूँ कि, हर किसी को कुछ न कुछ समाज को देना चाहिए. वहीं दूसरी वजह लोगों को बेहतर और शुद्ध दूध मुहैया कराना था

undefined
cow
गायों का रखते हैं खास ख्याल
ऐसे रखते हैं गायों का ख्याल
  • गाय के लिए मौसमानुकूल तबेला है.
  • खाने से लेकर पिलाने तक सबका एक तय समय है.
  • गायों को गाजर समेत कई प्रोटीनयुक्त चीजें खिलाई जाती है.
  • बिमारी से बचाने के लिए समय-समय पर कराते हैं पशु डॉक्टर से चेकअप.
    नौकरी छोड़ चुना डेयरी का काम

CM नीतीश कुमार और मंत्री श्रवण कुमार भी कर चुके हैं तारीफ
एक कार्यक्रम के दौरान सीएम नीतीश कुमार को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने राजीव को काफी प्रोत्साहित किया और कम्पोस्ट के लिए लोगों जागरूक करने के लिए कहा. मंत्री श्रवण कुमार ने भी सराहा.

नवादा: म्यांमार में टिम्बर के क्षेत्र से जुड़ी विश्व की बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में लाखों का पैकेज छोड़ नवादा के राजीव ने डेयरी का काम चुना. 2 गायों से शुरू हुआ इनका डेयरी का काम आज सफलता का मुकाम हासिल कर रहा है. इसकी वजह है लोगों को गुणवत्तापूर्ण दूध मुहैया कराना.
नवादा जिले के जंगली बेलदारी इलाके में डेयरी से राजीव सालाना लाखों रुपए कमा रहे हैं. 2 गायों से डेयरी का काम शुरू करने वाले राजीव के पास अब 78गायें हैं. 10 लीटर दूध से डेयरी का काम शुरू किया था आज 200-250 लीटर तक का दूध उत्पादन कर रहे हैं.

cow
78 गाय हैं राजीव के पास

दिल्ली से की है उच्च शिक्षा प्राप्त
राजीव महज 11 साल के थे उसी वक्त आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली शिफ्ट हो गए थे. दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम, फिर एलएलबी और उसके बाद साथ ही कॉरपोरेट लॉ एंड मैनेजमेंट में डिप्लोमा किया. आखिरकार एक मल्टीनेशनल कंपनी में सलाना 35 लाख के पैकेज के साथ उन्होंने नौकरी शुरू की.

खुशियां, सुकून और समाज के लिए छोड़ी नौकरी
राजीव ने बताया कि पैसों से कई ज्यादा मायने रखता है खुशियां और सूकून, डेयरी का काम शुरू कर उन्हें दोनों मिल रहे हैं. इन गायों कीसेवा करता हूं उनके परिवार में 12 सदस्य हैं, ये 78 गायें भी उनके परिवार का ही हिस्सा हैं.

35 लाख की नौकरी छोड़ डेयरी ही क्यों?
राजीव का कहना है कि मैं समझता हूँ कि, हर किसी को कुछ न कुछ समाज को देना चाहिए. वहीं दूसरी वजह लोगों को बेहतर और शुद्ध दूध मुहैया कराना था

undefined
cow
गायों का रखते हैं खास ख्याल
ऐसे रखते हैं गायों का ख्याल
  • गाय के लिए मौसमानुकूल तबेला है.
  • खाने से लेकर पिलाने तक सबका एक तय समय है.
  • गायों को गाजर समेत कई प्रोटीनयुक्त चीजें खिलाई जाती है.
  • बिमारी से बचाने के लिए समय-समय पर कराते हैं पशु डॉक्टर से चेकअप.
    नौकरी छोड़ चुना डेयरी का काम

CM नीतीश कुमार और मंत्री श्रवण कुमार भी कर चुके हैं तारीफ
एक कार्यक्रम के दौरान सीएम नीतीश कुमार को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने राजीव को काफी प्रोत्साहित किया और कम्पोस्ट के लिए लोगों जागरूक करने के लिए कहा. मंत्री श्रवण कुमार ने भी सराहा.

Intro:नवादा। वर्मा में टिम्बर के क्षेत्र से जुड़ी विश्व के सबसे बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में 35 लाख की पैकेज को छोड़कर राजीव कश्यप इन दिनों अपनी मातृभूमि नवादा जिले के जंगली बेलदारी में 'डेयरी' से सालाना लाखों रुपए कमा रहे हैं। 2 गायों से डेयरी का काम शुरू करनेवाले राजीव के पास अब तक 70 गायें हैं। पहले इनके पास 10 लीटर दूध हुआ करती थी आज 200-250 लीटर तक का दूध उत्पादन कर रहे हैं। महज़ दो वर्षों के में इस मुकाम को हांसिल करने के पीछे का राज है लोगों को गुणवत्तापूर्ण दुध मुहैया कराना।




Body:दिल्ली से की है उच्च शिक्षा प्राप्त

जब राजीव महज 11 साल के थे उसी वक़्त आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली शिफ्ट कर गए। दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम की फिर एलएलबी की। साथ ही कॉरपोरेट लॉ एंड मैनेजमेंट का डिप्लोमा किए। 5 साल प्रैक्टिस के बाद मल्टीनेशनल कंपनी ज्वाइन किया।

खुशियां, सुकून और समाज के लिए छोड़ा नौकरी

उनका कहना है कि पैसों से खुशियां नहीं खरीदी जा सकती। अगर दो पैसा कम भी यहां मिल रहा है मगर यहां खुशियां और सुकून ज्यादा है। इन गायों को सेवा करता हूँ। आज 12 परिवार के सदस्य और 78 पशुओं को अपने परिवार की तरह देखभाल करता हूँ।

MNC छोड़ना आसान पर निर्णय लेना कठिन, घरवालों की सपोर्ट

8-10 साल तक कॉरपोरेट सेक्टर में जिंदगी गुजारने के बाद मुझे ये लगा कि अब मैं अपने घर वापिस जाऊ और धरातल पे काम करूँ। उस वक्त यह निर्णय लेना आसान नहीं था पर इसके लिए घरवालों का मुझे अच्छा सहयोग मिला।

35 लाख की नौकरी छोड़ डेयरी ही क्यों?

कहते है जो खुशी, जो स्वतंत्रता हमें डेयरी में मिलती है, सुकून मिलती है वो कॉरपोरेट ऑफिस में काम करने से नहीं मिलता था। मैं समझता हूँ कि, हर किसी को कुछ न कुछ समाज को देना चाहिए। इस डेयरी के माध्यम से जो भी आसपास के लोग हैं उन्हें साथ लेकर चलें। जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री जी भी कहते हैं कि सबका इनकम दोगुनी होनी चाहिए। मैं भी वही कोशिश कर रहा हूँ। इसके पीछे का दूसरी वजह ये थी कि जब मेरा बेटा 3 साल बाद पहलीबार यहाँ आ रहा था तो रास्ते में वो रास्ते में मेरी बहन के पास रुका जहां उसे गाय का मिला दूध पीने के बाद वह कहता है, क्या आप यह दूध पैक करके दे सकते हैं? उसकी बातें कहीं न कहीं मेरे दिमाग मे घूम रहा था। नतीज़तन अब मैं इससे जुड़ गया हूँ।

मेरा ध्येय लोगों तक एक स्वच्छ व गुणवत्तापूर्ण दूध पहुंचाना

कहते हैं आज के समय में हर व्यक्ति चाहता है कि उसे हम शुद्ध खाएं और शुद्ध पिएं। स्वास्थ्य के लिए यह जरूरी भी है। इसलिए मेरा एकमात्र ध्येय लोगों तक स्वच्छ और गुणवत्तापूर्ण दूध पहुंचना।

ऐसे रखते हैं गाय का ख्याल

गाय के लिए मौसमानुकूल तबेला। खाने से लेकर पिलाने तक सबका बंधा हुआ है समय। बासी चीजों से करते हैं परहेज। गाजर सहित अन्य प्रोटीन वाले चीजों को गाय के खाने में करते हैं मिलावट। किसी तरह के बीमारी के चपेट ने न आये उसके लिए समय-समय पर करते हैं चेकअप।


CM नीतीश कुमार और मंत्री श्रवण कुमार भी कर चुके हैं तारीफ

वो कहते हैं कि एक कार्यक्रम के दौरान सीएम नीतीश कुमार को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने काफी प्रोत्साहित किया और कम्पोस्ट के लिए लोगों जागरूक करने के लिए कहा। हमारे मंत्री श्रवण कुमार जी यहाँ आए हैं और हमारे कार्यो को सराहा है।




Conclusion:खुशियां, सुकून और समाज के लिए अपने 35 लाख नौकरी छोड़कर अपने मातृभूमि लौटनेवाले राजीव उन युवाओं के लिए प्रेरणा बन सकते हैं जिन्हें लगता है कि जॉब नहीं मिलने से मानो जिंदगी के सारे ऑब्जेक्टिव ही खत्म हो गए हैं।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.