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मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना की ओर लोगों का क्रेज, आवेदन में हुई 5 गुना बढ़ोतरी

मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना के आवेदन में 5 गुणा बढ़ोत्तरी हुई है. सरकार की ये योजना अल्पसंख्यक समुदाय के लिए वरदान साबित हो रही है. इसमें अल्पसंख्यक विभाग की तत्परता भी काफी दिख रही है.

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मो. राजा
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Published : Feb 7, 2020, 3:02 PM IST

नवादाः अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए लाई गई मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है. अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का झुकाव इस योजना के तरफ काफी बढ़ा है. पिछले तीन वित्तीय वर्ष की अपेक्षा वित्तीय वर्ष 19-20 में आवेदनों की संख्या में करीब पांच गुणा बढ़ोत्तरी हुई है. इससे कई लोग लाभान्वित भी हुए हैं.

रोजगार के लिए पांच लाख तक की राशि
दरअसल इस योजना के तहत अल्पसंख्यक समुदाय के सिख, ईसाई बौद्ध और पारसी के 18 से 50 वर्ष के बेरोजगार अभ्यर्थियों को रोजगार के लिए पांच लाख तक की राशि दी जाती है. जिस पर 5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर तय की गई है. इस योजना के तहत पिछले वित्तीय वर्ष 2016-17 में 75, 2017-18 और 2018- 2019 में कुल 239 आवेदन प्राप्त हुए थे. जबकि वित्तीय वर्ष 2019-20 में 600 आवेदन विभाग को प्राप्त हुए हैं.

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अल्पसंख्यक कल्याण विभाग

'1 लाख रुपये का ऋण से बढ़ी दुकान'
जिले के भदौनी पंचायत के गुलजार नगर के रहने वाले मो. राजा खान ने बताया कि उनकी इलेक्ट्रॉनिक की एक छोटी सी दुकान थी. लेकिन पूंजी के अभाव में बिजनेस आगे नहीं बढ़ा पा रहे थे. एक दिन उन्हें सीएम रोजगार ऋण योजना की जानकारी मिली और इसके लिए आवेदन किया. सारी पात्रताएं पूरी करने के बाद उन्हें 1 लाख रुपये का ऋण मिला. मो. राजा बताते हैं कि आज कल वो अपने बिजनेस से काफी खुश हैं. वो कहते हैं- रोजगार ऋण योजना के तहत एक लाख का लोन मिला है, जिससे मुझे बिजनेस बढ़ाने में काफी मदद मिल रही है. अब सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है.

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चंदन कुमार, जिला अल्पसंख्यक पदाधिकारी

ये भी पढ़ेंः एक बार फिर सुर्खियों में कामेश्वर चौपाल, जाति को लेकर हुआ था विवाद

2019-20 के आवेदन में हुई बढ़ोतरी
इसके बारे में प्रभारी जिला अल्पसंख्यक पदाधिकारी चंदन कुमार का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के 31 जनवरी तक जो आवेदन मिले हैं, उसमें काफी बढ़ोतरी हुई है. इस बार हमें 600 आवेदन मिले हैं, जो पिछले वर्षों में ढाई से 300 तक ही सीमित थे. कहीं ना कहीं लोगों में जागरुकता आई है और रोजगार जेनरेट हो रहे हैं. इसमें बिहार सरकार का काफी योगदान रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

इन चीजों के व्यवसाय पर मिल रहा लोन
अल्पसंख्यक युवाओं को मोमबत्ती, अगरबत्ती, सिलाई मशीन की रिपेयरिंग, गेट ग्रिल दुकान, जूट बैग, लैपटॉप रिपेयर, जनरल स्टोर, ई रिक्शा आटा चक्की मुर्गा मांस दुकान फल सब्जी दुकान इलेक्ट्रॉनिक दुकान प्लास्टिक खिलौना सहित कई व्यवसायों के लिए रोजगार ऋण मुहैया कराया जाता है.

नवादाः अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए लाई गई मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है. अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का झुकाव इस योजना के तरफ काफी बढ़ा है. पिछले तीन वित्तीय वर्ष की अपेक्षा वित्तीय वर्ष 19-20 में आवेदनों की संख्या में करीब पांच गुणा बढ़ोत्तरी हुई है. इससे कई लोग लाभान्वित भी हुए हैं.

रोजगार के लिए पांच लाख तक की राशि
दरअसल इस योजना के तहत अल्पसंख्यक समुदाय के सिख, ईसाई बौद्ध और पारसी के 18 से 50 वर्ष के बेरोजगार अभ्यर्थियों को रोजगार के लिए पांच लाख तक की राशि दी जाती है. जिस पर 5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर तय की गई है. इस योजना के तहत पिछले वित्तीय वर्ष 2016-17 में 75, 2017-18 और 2018- 2019 में कुल 239 आवेदन प्राप्त हुए थे. जबकि वित्तीय वर्ष 2019-20 में 600 आवेदन विभाग को प्राप्त हुए हैं.

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अल्पसंख्यक कल्याण विभाग

'1 लाख रुपये का ऋण से बढ़ी दुकान'
जिले के भदौनी पंचायत के गुलजार नगर के रहने वाले मो. राजा खान ने बताया कि उनकी इलेक्ट्रॉनिक की एक छोटी सी दुकान थी. लेकिन पूंजी के अभाव में बिजनेस आगे नहीं बढ़ा पा रहे थे. एक दिन उन्हें सीएम रोजगार ऋण योजना की जानकारी मिली और इसके लिए आवेदन किया. सारी पात्रताएं पूरी करने के बाद उन्हें 1 लाख रुपये का ऋण मिला. मो. राजा बताते हैं कि आज कल वो अपने बिजनेस से काफी खुश हैं. वो कहते हैं- रोजगार ऋण योजना के तहत एक लाख का लोन मिला है, जिससे मुझे बिजनेस बढ़ाने में काफी मदद मिल रही है. अब सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है.

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चंदन कुमार, जिला अल्पसंख्यक पदाधिकारी

ये भी पढ़ेंः एक बार फिर सुर्खियों में कामेश्वर चौपाल, जाति को लेकर हुआ था विवाद

2019-20 के आवेदन में हुई बढ़ोतरी
इसके बारे में प्रभारी जिला अल्पसंख्यक पदाधिकारी चंदन कुमार का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के 31 जनवरी तक जो आवेदन मिले हैं, उसमें काफी बढ़ोतरी हुई है. इस बार हमें 600 आवेदन मिले हैं, जो पिछले वर्षों में ढाई से 300 तक ही सीमित थे. कहीं ना कहीं लोगों में जागरुकता आई है और रोजगार जेनरेट हो रहे हैं. इसमें बिहार सरकार का काफी योगदान रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

इन चीजों के व्यवसाय पर मिल रहा लोन
अल्पसंख्यक युवाओं को मोमबत्ती, अगरबत्ती, सिलाई मशीन की रिपेयरिंग, गेट ग्रिल दुकान, जूट बैग, लैपटॉप रिपेयर, जनरल स्टोर, ई रिक्शा आटा चक्की मुर्गा मांस दुकान फल सब्जी दुकान इलेक्ट्रॉनिक दुकान प्लास्टिक खिलौना सहित कई व्यवसायों के लिए रोजगार ऋण मुहैया कराया जाता है.

Intro:समरी- पिछले वित्तीय वर्ष 2016- 17, में 75, 2017-18 और 2018- 2019 में मिलाकर 239 आवेदन प्राप्त हुए थे वहीं, वित्तीय वर्ष 2019 में औसतन 5 गुणा बढ़ोत्तरी के साथ 600 आवेदन विभाग को प्राप्त हुए हैं।



नवादा। अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के उत्थान के लिए बनाये गए मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना के तरफ़ लोगों की काफी झुकाव बढ़ी है पिछले तीन वित्तिय वर्ष की अपेक्षा वित्तिय 19-20 में आवेदनों की संख्या में करीब पांच गुणी बढ़ोत्तरी हुई है। इससे कई लोग लाभान्वित भी हुए हैं।




Body:जिले के भदौनी पंचायत के गुलजार नगर मुहल्ले के रहने वाले मो. राजा खान राजा को अपना एक इलेक्ट्रॉनिक का छोटा सा दुकान था लेकिन पूंजी के अभाव में बिजनेस आगे नहीं बढ़ा पा रहा था एक दिन उसे सीएम रोजगार ऋण योजना की जानकारी मिली और इसके लिए आवेदन किया। सारी पात्रताएं पूरी करने के बाद उसे 1 लाख रुपए का ऋण मिला जिससे जेनरेटर सहित अन्य जरूरत की चीजें ख़रीदी अब उसे किसी के सामान के भरोसे रहना नहीं पड़ता है आजकल वो अपने बिजनेस से काफी खुश है वो कहते है पहले मेरी स्थिति ठीक नहीं थी छोटा-मोटा होम सर्विस कर कमाता था अब हमें मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना के तहत एक लाख का लोन मिला है जिससे मुझे बिजनेस बढ़ाने में काफी मदद मिल रही है अब हमने डेकोरेशन के सामान जनरेटर और इलेक्ट्रॉनिक के कुछ सामान भी खरीद लिए अब सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है।

बाइट- मो. राजा खान

बात दें कि अल्पसंख्यक समुदाय के तहत मुस्लिम सिख ईसाई बौद्ध एवं पारसी के 18 से 50 वर्ष के बेरोजगार अभ्यर्थियों को स्वरोजगार के लिए पांच लाख तक की राशि 5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से दिया जाता है। पिछले वित्तीय वर्ष 2016- 17, में 75, 2017-18 और 2018- 2019 में मिलाकर 239 आवेदन प्राप्त हुए थे वहीं, वित्तीय वर्ष 2019 में 600 आवेदन विभाग को प्राप्त हुए हैं।


इसके बारे में प्रभारी जिला अल्पसंख्यक पदाधिकारी चंदन कुमार का कहना है वित्तीय वर्ष 2019- 20 के 31 जनवरी तक जो आवेदन मिले हैं उसमें काफी बढ़ोतरी हुई है इस बार हमें 600 आवेदन मिले हैं जो पुरानी वर्षों में ढाई से 300 तक ही सीमित रहती थी तो कहीं ना कहीं जा रुकता लोगों में फैली है रोजगार जनरेट हो रहे हैं और इसमें बिहार सरकार का काफी योगदान रहा है।

बाइट- चंदन कुमार, प्रभारी जिला अल्पसंख्यक पदाधिकारी

इन वेबसाइट पर मिल रहा लोन

अल्पसंख्यक युवाओं को मोमबत्ती, अगरबत्ती, सिलाई मशीन की रिपेयरिंग, गेट ग्रिल दुकान, जूट बैग, लैपटॉप रिपेयर, जनरल स्टोर, ई रिक्शा आटा चक्की मुर्गा मांस दुकान फल सब्जी दुकान इलेक्ट्रॉनिक दुकान प्लास्टिक खिलौना सहित एक दर्जन से ज्यादा दुकान एवं व्यवसाय के लिए रोजगार ऋण मुहैया कराया जाता है।







Conclusion:सीएम अल्पसंख्यक रोजगार ऋण से आवेदकों में 5 गुणी बढ़ोत्तरी हुई है जिससे सरकार की योजनाओं और वर्तमान जिला अल्पसंख्यक विभाग की तत्परता को दर्शाती है।

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