नवादाः अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए लाई गई मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है. अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का झुकाव इस योजना के तरफ काफी बढ़ा है. पिछले तीन वित्तीय वर्ष की अपेक्षा वित्तीय वर्ष 19-20 में आवेदनों की संख्या में करीब पांच गुणा बढ़ोत्तरी हुई है. इससे कई लोग लाभान्वित भी हुए हैं.
रोजगार के लिए पांच लाख तक की राशि
दरअसल इस योजना के तहत अल्पसंख्यक समुदाय के सिख, ईसाई बौद्ध और पारसी के 18 से 50 वर्ष के बेरोजगार अभ्यर्थियों को रोजगार के लिए पांच लाख तक की राशि दी जाती है. जिस पर 5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर तय की गई है. इस योजना के तहत पिछले वित्तीय वर्ष 2016-17 में 75, 2017-18 और 2018- 2019 में कुल 239 आवेदन प्राप्त हुए थे. जबकि वित्तीय वर्ष 2019-20 में 600 आवेदन विभाग को प्राप्त हुए हैं.
'1 लाख रुपये का ऋण से बढ़ी दुकान'
जिले के भदौनी पंचायत के गुलजार नगर के रहने वाले मो. राजा खान ने बताया कि उनकी इलेक्ट्रॉनिक की एक छोटी सी दुकान थी. लेकिन पूंजी के अभाव में बिजनेस आगे नहीं बढ़ा पा रहे थे. एक दिन उन्हें सीएम रोजगार ऋण योजना की जानकारी मिली और इसके लिए आवेदन किया. सारी पात्रताएं पूरी करने के बाद उन्हें 1 लाख रुपये का ऋण मिला. मो. राजा बताते हैं कि आज कल वो अपने बिजनेस से काफी खुश हैं. वो कहते हैं- रोजगार ऋण योजना के तहत एक लाख का लोन मिला है, जिससे मुझे बिजनेस बढ़ाने में काफी मदद मिल रही है. अब सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है.
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2019-20 के आवेदन में हुई बढ़ोतरी
इसके बारे में प्रभारी जिला अल्पसंख्यक पदाधिकारी चंदन कुमार का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के 31 जनवरी तक जो आवेदन मिले हैं, उसमें काफी बढ़ोतरी हुई है. इस बार हमें 600 आवेदन मिले हैं, जो पिछले वर्षों में ढाई से 300 तक ही सीमित थे. कहीं ना कहीं लोगों में जागरुकता आई है और रोजगार जेनरेट हो रहे हैं. इसमें बिहार सरकार का काफी योगदान रहा है.
इन चीजों के व्यवसाय पर मिल रहा लोन
अल्पसंख्यक युवाओं को मोमबत्ती, अगरबत्ती, सिलाई मशीन की रिपेयरिंग, गेट ग्रिल दुकान, जूट बैग, लैपटॉप रिपेयर, जनरल स्टोर, ई रिक्शा आटा चक्की मुर्गा मांस दुकान फल सब्जी दुकान इलेक्ट्रॉनिक दुकान प्लास्टिक खिलौना सहित कई व्यवसायों के लिए रोजगार ऋण मुहैया कराया जाता है.