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गर्ल्स हॉस्टल की आस में छात्राएं, प्रशासनिक लापरवाही से अब तक शुरू नहीं हो सका निर्माण का काम

विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुधीर कुमार राय का कहना है कि 2018 में शिक्षा विभाग के कर्मी आये और सर्वे करके चले गए. उन्होंने बताया कि यहां करीब 2800 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं, जिसमें चालीस प्रतिशत छात्राएं हैं.

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Published : Aug 19, 2019, 11:45 PM IST

नहीं शुरू हुआ गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण, छला महसुस कर रही बिहार की बेटियां

नवादा: बिहार सरकार बेटियों के बेहतर भविष्य के लिए दिन-रात दावे तो करती है. लेकिन उनके बेहतर भविष्य के लिए धरातल पर कुछ करती नजर नहीं आ रही है. बेटियों के शिक्षा क्षेत्र में बेहतरी के लिए शिक्षा विभाग की ओर से सूबे के प्रत्येक प्रखंड में गर्ल्स हॉस्टल खोलने की बात कही गयी थी. गर्ल्स हॉस्टल खोलने की बात को एक साल बीत जाने को है, लेकिन अब तक गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण कार्य शुरु नहीं हुआ है.

गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण शुरु नहीं होने से बिहार की बेटियां छला हुआ महसूस कर रही हैं. गर्ल्स हॉस्टल निर्माण के लिए सूबे के कुल आठ प्रखंडों के इंटर विद्यालय को चयनित किया गया था. जिनमें वारसलीगंज स्थित श्री गणेश बी के साहू इंटर विद्यालय भी शामिल था. छात्रावास के लिए जमीन भी मापी गई, जिसे साल भर से अधिक समय हो गए. शिक्षा विभाग के लचर रवैये के कारण अभी तक यहां एक काम नहीं शुरू हो सका है.

Girls Hostel
ईटीवी से बात करती छात्रा

1 करोड़ की लागत से बनना था गर्ल्स हॉस्टल
गर्ल्स हॉस्टल निर्माण की जिम्मेदारी बिहार आधारभूत संरचना अधिनियम को सौंपी गई थी. जिसका निर्माण 125 फीट लंबे और सौ फीट चौड़े भू-भाग पर किया जाना था. संरचना अधिनियम की ओर से गर्ल्स हॉस्टल के लिए जमीन भी मापी गई. लेकिन बिहार आधारभूत संरचना अधिनियम की लापरवाही के कारण अभी तक गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण शुरु नहीं हो सका है.

गर्ल्स हॉस्टल में होनी थी यह व्यवस्था
शिक्षा विभाग की ओर गर्ल्स हॉस्टल में खाने-पीने, पढ़ाई-लिखाई के लिए रीडिंग रूम, खेलकूद के किए कॉमन कमरा आदि बनाये जाने थे. लेकिन हॉस्टल का निर्माण नहीं होने से इन सारी सुविधाओं का लाभ लेने से छात्राएं वंचित रह जाएंगी.

Girls Hostel
ईटीवी से बात करते जिला शिक्षा अधिकारी

घर दूर होने से स्कूल आने में होती है दिक्कत- छात्राएं
छात्राओं का कहना है कि विद्यालय आने के लिए समय पर गाड़ी नहीं मिलती है. कभी-कभी गाड़ी छूट जाने पर स्कूल नहीं आ पाते हैं. उनका कहना है कि छात्रावास का निर्माण हो जाता तो यहां रहकर पढ़ाई भी अच्छी तरीके से कर पाते.

15-20 किमी से पढ़ने आते हैं छात्र- प्रधानाध्यापक
विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुधीर कुमार राय का कहना है कि 2018 में शिक्षा विभाग के कर्मी आये और सर्वे करके चले गए. उन्होंने बताया कि यहां करीब 2800 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं, जिसमें चालीस प्रतिशत छात्राएं हैं. 15-20 किमी दूर से छात्राएं यहां पढ़ने आती है. इनकी संख्या को देखते हुए गर्ल्स हॉस्टल की अनुमति मिली थी. लेकिन गर्ल्स हॉस्टल निर्माण को लेकर कोई सूचना नहीं मिली है.

नहीं शुरू हुआ गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण, छला महसुस कर रही बिहार की बेटियां

क्या कहते हैं अधिकारी
इस मामले में जब जिला शिक्षा अधिकारी संजय कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि, सभी चयनित विद्यालय जहां एग्जिस्टिंग कस्तूरबा गांधी विद्यालय हैं, वहां गर्ल्स हॉस्टल बनने का प्रस्ताव है. इसके लिए एनओसी स्टेट को भेज दी गई है. इसपर काम चल रहा है, पैसा आने पर चयनित विद्यालयों में गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा.

नवादा: बिहार सरकार बेटियों के बेहतर भविष्य के लिए दिन-रात दावे तो करती है. लेकिन उनके बेहतर भविष्य के लिए धरातल पर कुछ करती नजर नहीं आ रही है. बेटियों के शिक्षा क्षेत्र में बेहतरी के लिए शिक्षा विभाग की ओर से सूबे के प्रत्येक प्रखंड में गर्ल्स हॉस्टल खोलने की बात कही गयी थी. गर्ल्स हॉस्टल खोलने की बात को एक साल बीत जाने को है, लेकिन अब तक गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण कार्य शुरु नहीं हुआ है.

गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण शुरु नहीं होने से बिहार की बेटियां छला हुआ महसूस कर रही हैं. गर्ल्स हॉस्टल निर्माण के लिए सूबे के कुल आठ प्रखंडों के इंटर विद्यालय को चयनित किया गया था. जिनमें वारसलीगंज स्थित श्री गणेश बी के साहू इंटर विद्यालय भी शामिल था. छात्रावास के लिए जमीन भी मापी गई, जिसे साल भर से अधिक समय हो गए. शिक्षा विभाग के लचर रवैये के कारण अभी तक यहां एक काम नहीं शुरू हो सका है.

Girls Hostel
ईटीवी से बात करती छात्रा

1 करोड़ की लागत से बनना था गर्ल्स हॉस्टल
गर्ल्स हॉस्टल निर्माण की जिम्मेदारी बिहार आधारभूत संरचना अधिनियम को सौंपी गई थी. जिसका निर्माण 125 फीट लंबे और सौ फीट चौड़े भू-भाग पर किया जाना था. संरचना अधिनियम की ओर से गर्ल्स हॉस्टल के लिए जमीन भी मापी गई. लेकिन बिहार आधारभूत संरचना अधिनियम की लापरवाही के कारण अभी तक गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण शुरु नहीं हो सका है.

गर्ल्स हॉस्टल में होनी थी यह व्यवस्था
शिक्षा विभाग की ओर गर्ल्स हॉस्टल में खाने-पीने, पढ़ाई-लिखाई के लिए रीडिंग रूम, खेलकूद के किए कॉमन कमरा आदि बनाये जाने थे. लेकिन हॉस्टल का निर्माण नहीं होने से इन सारी सुविधाओं का लाभ लेने से छात्राएं वंचित रह जाएंगी.

Girls Hostel
ईटीवी से बात करते जिला शिक्षा अधिकारी

घर दूर होने से स्कूल आने में होती है दिक्कत- छात्राएं
छात्राओं का कहना है कि विद्यालय आने के लिए समय पर गाड़ी नहीं मिलती है. कभी-कभी गाड़ी छूट जाने पर स्कूल नहीं आ पाते हैं. उनका कहना है कि छात्रावास का निर्माण हो जाता तो यहां रहकर पढ़ाई भी अच्छी तरीके से कर पाते.

15-20 किमी से पढ़ने आते हैं छात्र- प्रधानाध्यापक
विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुधीर कुमार राय का कहना है कि 2018 में शिक्षा विभाग के कर्मी आये और सर्वे करके चले गए. उन्होंने बताया कि यहां करीब 2800 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं, जिसमें चालीस प्रतिशत छात्राएं हैं. 15-20 किमी दूर से छात्राएं यहां पढ़ने आती है. इनकी संख्या को देखते हुए गर्ल्स हॉस्टल की अनुमति मिली थी. लेकिन गर्ल्स हॉस्टल निर्माण को लेकर कोई सूचना नहीं मिली है.

नहीं शुरू हुआ गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण, छला महसुस कर रही बिहार की बेटियां

क्या कहते हैं अधिकारी
इस मामले में जब जिला शिक्षा अधिकारी संजय कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि, सभी चयनित विद्यालय जहां एग्जिस्टिंग कस्तूरबा गांधी विद्यालय हैं, वहां गर्ल्स हॉस्टल बनने का प्रस्ताव है. इसके लिए एनओसी स्टेट को भेज दी गई है. इसपर काम चल रहा है, पैसा आने पर चयनित विद्यालयों में गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा.

Intro:नवादा।नवादा। बिहार सरकार के द्वारा बेटियों के शिक्षा क्षेत्र में बेहतरी के लिए शिक्षा विभाग की ओर से इस बात की पहल की गई थी कि सूबे के प्रत्येक प्रखंड में गर्ल्स होस्टल खोले जाएंगे। इसी क्रम में नवादा जिले के सभी प्रखंडों में भी गर्ल्स हॉस्टल खोले जाने थे लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका। जिले के अंदर गर्ल्स हॉस्टल के लिए कुल आठ प्रखंडों के इंटर विद्यालय को चयनित किया गया था। जिनमें से एक वारसलीगंज स्थित श्री गणेश बी के साहू इंटर विद्यालय को भी चयनित किया गया था। छात्रावास के लिए जमीन की मापी भी गई जिसके गुजरे हुए सालभर से अधिक हो गए लेकिन अभी तक यहां एक काम नहीं शुरू हो सका है।




Body:1 करोड़ की लागत से बनना था गर्ल्स हॉस्टल

बिहार आधारभूत संरचना अधिनियम को इसकी निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। यह 125 फ़ीट लंबे और सौ फीट चौड़े भू-भाग पर किया जाना था करीब एक करोड़ की लागत से बनाये जानेवाली इस गर्ल्स हॉस्टल अभी तक निर्माण नहीं हो सका है।

ये सारी सुविधाएं की होनी थी व्यवस्था

खाने-पीने, पढ़ाई- लिखाई के लिए रीडिंग रूम,खेलकूद के किए कॉमन कमरा आदि बनाये जाने थे। लेकिन हॉस्टल का निर्माण नहीं होने से इन सारी सुविधाओं के लाभ लेने से वंचित रह जाएंगी छात्राएं।

क्या कहती है छात्राएं

छात्रा मधु रानी का कहना है कि, विद्यालय आने के लिए समय पर गाड़ी नहीं मिलती है। कभी-कभी गाड़ी छूट भी जाती है। छात्रावास का निर्माण हो जाता तो यहां रहकर पढ़ाई भी अच्छी तरीके से कर पाते।

क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक

श्री गणेश बी के साहू इंटर विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुधीर कुमार राय का कहना है कि, 2018 में शिक्षा विभाग के कर्मी आये थे। सर्वे करके ले गए। यहाँ करीब 2800 छात्र-छात्राएं पढ़ती है जिसमें चालीस प्रतिशत छात्राएं हैं। इस विद्यालय में 15-20 किमी दूर से छात्राएं यहां पढ़ने आती है। इनकी संख्या को देखते हुए गर्ल्स हॉस्टल की अनुमति मिली थी। नापी भी होकर गया लेकिन उसके बाद से हमलोगों को कोई सूचना नहीं मिली।

क्या कहते हैं पदाधिकारी

जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार सिंह का कहना है कि, सभी गर्ल्स हॉस्टल बनने का प्रस्ताव है जहां भी एग्जिस्टिंग कस्तूरबा गांधी विद्यालय है उसके लिए एनओसी स्टेट को भेज दी गई है। इसपे काम चल रहा है। पैसा आने पर निर्माण कार्य शुरू कर दी जाएगी।

यानी पहले चयनित सभी इंटर विद्यालय में गर्ल्स हॉस्टल खोलने के प्रस्ताव को रोक दिया गया है और अब नये सिरे से कस्तूरबा गांधी विद्यालय के आसपास ही गर्ल्स हॉस्टल खोलने की बात कही जा रही है।







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