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नवादाः हर्षोल्लास से मनाया गया अक्षय नवमी, पंचमुखी शोभनाथ मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब

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Published : Nov 5, 2019, 6:30 PM IST

शास्त्र-पुराण की माने तो अक्षय नवमी के दिन किया गया पुण्य कभी समाप्त नहीं होता है. यह भी कहा जाता है कि आज के दिन कुष्मांड का दान करने से उत्तम फल मिलता है. साथ ही आज के दिन विधि-विधान से तुलसी का विवाह कराने से कन्यादान फल की प्राप्ति होती है.

उमड़ा भक्तों का सैलाब

नवादाः पंचमुखी शोभनाथ मंदिर के परिसर में अक्षय नवमी के मौके पर मंगलवार को सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. इस दिन को भगवान विष्णु की पूजा के लिए बेहद शुभ दिन माना जाता है.

अक्षय नवमी पर श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
शास्त्र-पुराण की माने तो अक्षय नवमी के दिन किया गया पुण्य कभी समाप्त नहीं होता है. यह भी कहा जाता है कि आज के दिन कुष्मांड का दान करने से उत्तम फल मिलता है. साथ ही आज के दिन विधि-विधान से तुलसी का विवाह कराने से कन्यादान फल की प्राप्ति होती है.

पंचमुखी शोभनाथ मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब

अक्षय नवमी पर होती है आंवले के वृक्ष की पूजा
दीपावली के 8 दिन बाद नवमी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा होती है. ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु कार्तिक शुक्ल पक्ष के नवमी से लेकर कार्तिक पूर्णिमा की तिथि तक इसी वृक्ष पर निवास करते हैं. लोग आंवले के वृक्ष को कच्चे धागे के रक्षासूत्र से बांधते हैं. वहीं बैठकर कथा सुनते हैं और आंवले के पेड़ के नीचे भोजन बनाते हैं और वहीं बैठकर खाना भी खाते हैं. ऐसा माना जाता है कि इससे से शरीर के रोग-व्याधियों का नाश होता है. साथ ही संतानहीन महिलाएं अपने लिए संतान प्राप्ति की कामना भी करती है.

नवादाः पंचमुखी शोभनाथ मंदिर के परिसर में अक्षय नवमी के मौके पर मंगलवार को सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. इस दिन को भगवान विष्णु की पूजा के लिए बेहद शुभ दिन माना जाता है.

अक्षय नवमी पर श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
शास्त्र-पुराण की माने तो अक्षय नवमी के दिन किया गया पुण्य कभी समाप्त नहीं होता है. यह भी कहा जाता है कि आज के दिन कुष्मांड का दान करने से उत्तम फल मिलता है. साथ ही आज के दिन विधि-विधान से तुलसी का विवाह कराने से कन्यादान फल की प्राप्ति होती है.

पंचमुखी शोभनाथ मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब

अक्षय नवमी पर होती है आंवले के वृक्ष की पूजा
दीपावली के 8 दिन बाद नवमी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा होती है. ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु कार्तिक शुक्ल पक्ष के नवमी से लेकर कार्तिक पूर्णिमा की तिथि तक इसी वृक्ष पर निवास करते हैं. लोग आंवले के वृक्ष को कच्चे धागे के रक्षासूत्र से बांधते हैं. वहीं बैठकर कथा सुनते हैं और आंवले के पेड़ के नीचे भोजन बनाते हैं और वहीं बैठकर खाना भी खाते हैं. ऐसा माना जाता है कि इससे से शरीर के रोग-व्याधियों का नाश होता है. साथ ही संतानहीन महिलाएं अपने लिए संतान प्राप्ति की कामना भी करती है.

Intro:नवादा। जिले के पंचमुखी शोभनाथ मंदिर स्थित परिसर में अक्षय नवमी के अवसर पर मंगलवार को सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। कहा जाता है कि आज के दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए बेहद शुभ दिन माना जाता है। शास्त्र-पुराण की माने तो अक्षय नवमी के दिन किया गया पुण्य कभी समाप्त नहीं होता है। यह भी कहा जाता है कि आज के दिन कुष्मांड का दान करने से उत्तम फल मिलता है साथ में आज के दिन विधि विधान से तुलसी का विवाह कराने से भी कन्यादान फल की प्राप्ति होती है।





Body:दीपावली के 8 दिन बाद नवमी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा होती है कहा जाता है कि भगवान विष्णु कार्तिक शुक्ल पक्ष के नवमी से लेकर कार्तिक पूर्णिमा की तिथि पर इसी वृक्ष पर निवास करते हैं। लोग आंवले के वृक्ष को कच्चे धागे के रक्षासूत्र से बांधते हैं। वहीँ बैठकर कथा सुनते हैं। और आंवले के पेड़ के नीचे भोजन बनाते हैं और वहीं बैठकर उसका पान करते हैं। कहा जाता है कि ऐसा करने से शरीर के रोग व्याधियों का नाश होता है। साथ ही संतानहीन महिलाएं अपने लिए संतान प्राप्ति की कामनाएं करती है। नवमी को देखते हुए मेले भी लगे हुए हैं।

बाइट-मनोज पांडेय, पुजारी
बाइट- ज्योति गुप्ता, श्रद्धालु



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