नालंदा: बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था (Bihar Health System) में सुधार के भले ही लाख दावे किए जाएं लेकिन कोई सुधार धरातल पर फिलहाल नहीं दिख रहा है. सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के गृह जिला नालंदा में एक्सीडेंट के शिकार हुए जख्मी लोगों को बेड तक नहीं मिल पा रही है. बेड फुल होने के कारण मरीजों को बेंच (Treatment Of Patient On Bench In Nalanda) पर ही लिटाकर इलाज किया जा रहा है. नालंदा के एक मात्र आईएसओ बिहार शरीफ सदर अस्पताल (Bihar Sharif Sadar Hospital ) की कु-व्यवस्था उजागर हुई है.
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दरअसल मामला तब प्रकाश में आया जब सड़क दुर्घटना में घायल एक लड़की को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया. बेड के अभाव के चलते घायल लड़की का इलाज बेंच पर लिटाकर किया जा रहा है. इतना ही नहीं पानी चढ़ाने के लिए स्टैंड की जगह खिड़की में बोतल को बांध कर उसे पानी चढ़ाया जा रहा है. जबकि अस्पताल में इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं.
बिहार शरीफ सदर अस्पताल आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं. जख्मी के परिवार वालों ने बताया की नूरसराय पेट्रोल पंप के पास बाइक से गिरकर चंडासी गांव निवासी प्रियंका कुमारी जख्मी हो गई. जिसे इलाज के लिए नूरसराय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. जहां से प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल बिहार शरीफ लाया गया. लेकिन बेड की जगह बेंच पर लड़की का इलाज किया जा रहा है.
"बेटी मेरी गाड़ी से गिर गई थी.नूरसराय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए थे फिर यहां लेकर आए हैं. अस्पताल में बेड नहीं मिला. डॉक्टर ने बताया कि बेड नहीं है."- सीता देवी, जख्मी लड़की की परिजन
यह पहली बार नहीं है जब नालंदा में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर सवाल उठ रहे हैं. इसी साल 28 जुलाई नालंदा में एक्सीडेंट के शिकार हुए जख्मी को एंबुलेंस तक नसीब (Poor Health System in Nalanda) नहीं हो सकी थी. मामला सोहसराय थाना क्षेत्र (Sohsarai Police Station) के कटहल टोला (Kathal Tola Nalanda) का सामने आया था. पिता को ठेले पर लादकर इधर से उधर भटकते हुए उसके बेटे का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल (Nalanda Viral Video) भी हुआ था. वहीं 11 अप्रैल 2022 को एक और तस्वीर सामने आई थी. बिहार शरीफ सदर अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में बेड खाली होते हुए भी मरीज का इलाज खटिया पर इलाज किया गया था. वहीं तीसरी घटना 10 अप्रैल 2022 की है जब हिलसा अनुमंडलीय अस्पताल में मौत के बाद भी युवक को एंबुलेंस नसीब नहीं हुई, जिसके बाद परिजनों को ठेले पर लादकर युवक के शव (Negligence of Health Department in Nalanda) को ले जाना पड़ा था. चौथी घटना 13 फरवरी 2022 की है. 7 साल के मासूम (Child Died In Road Accident In Nalanda) की मौत हो गई थी और एंबुलेंस के इंतजार में घंटों पिता गोद में शव लेकर रोता बिलखता रहा.
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल: फिलहाल, बेंच पर इलाज करने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. जो सरकार की कुव्यवस्था की पोल खोल रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र की यह दशा है, तो बाकी जिलों का क्या हाल होगा आप इस तस्वीर को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं.
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