नालंदा : वैश्विक महामारी कोरोना के कारण अस्पतालों में नियमित टीकाकरण अभियान को बंद कर दिया गया था. लेकिन अब एक बार फिर से सरकार के निर्देश पर नियमित टीकाकरण अभियान को शुरू कर दिया गया है. लंबे दिनों तक जांच एवं टीकाकरण का कार्य बंद रहा, जिसके कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने की आशंका जताई जा रही थी. ऐसे में सरकार ने फिर से नियमित टीकाकरण अभियान को शुरू करने का निर्देश दिया. इसके बाद बिहार शरीफ के सदर अस्पताल में नियमित टीकाकरण अभियान की शुरुआत कर दी गई है.
टीकाकरण अभियान शुरू
कोरोना संक्रमण के कारण देशभर में 24 मार्च को लॉकडाउन हुआ था और उसके बाद से अस्पतालों में 24 मार्च से ही नियमित टीकाकरण अभियान को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था. कोरोना संक्रमण की आशंका के कारण काम बंद हो गया था. खतरनाक बीमारियों से बचाव के लिए बच्चों में टीके लगाए जाते हैं. बिहारशरीफ के सदर अस्पताल के मॉडल टीकाकरण केंद्र में बच्चों के नियमित टीका देने का काम प्रारंभ हो गया, ताकि बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाया जा सके.
सोशल डिस्टनसिंग का करें पालन
मालूम हो कि राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत 0 से 15 वर्ष तक के आयु के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को घातक बीमारियों से बचाव के लिए टीके दिए जाते हैं, जिनमें टीवी, काली खांसी, टिटनेस, खसरा, पोलियो आदि रोगों से बचाव के लिए टीकाकरण जरूरी है. लेकिन अगर किसी बच्चे को सही समय पर इन सभी रोगों से बचाने के लिए वैक्सीन की खुराक नहीं दिया जाता है, तो बच्चों में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. इसलिए अब नियमित टीकाकरण शुरू कर दिया गया है. सोशल डिस्टनसिंग का पालन कर इसकी शुरुआत की गई है.