नालंदा: जिले में बारिश नहीं होने से खेतों में लगाये गये धान के बिचड़ों और फसल पर आफत आ गयी है. वर्षा के अभाव में धान के बिचड़े सूखने लगे हैं. जिसको लेकर किसानों में मायूसी छायी हुई है. वहीं, इस समस्या को लेकर जिला प्रशासन का ध्यान खींचने के लिए अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले बिहारशरीफ के अस्पताल चौराहे पर धरना दिया गया.
सुखाड़ घोषित करने को लेकर धरना
किसानों का कहना है कि इस बार बारिश नहीं होने से धान की रोपनी काफी कम हुई है. जिन किसानों ने रोपनी कर ली है. वे अपने निजी बोरिंग से खेतों में पटवन कर रहे हैं. लेकिन फिर भी उस फसल का बचना मुश्किल है. इसलिए सरकार किसानों को उचित सरकारी मुआवजा देकर जिले को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करे.
'स्थाई समाघान निकाले सरकार'
इस बाबत किसान महासभा के जिला सचिव पाल बिहारी लाल का कहना है कि जिले के किसानों की खेती मॉनसून पर निर्भर है. बारिश के अभाव में धान के बिचड़े सूख कर मर गये. कई जगहों पर नजदीक में नलकूप और बोरिंग होने से किसान जैसे-तैसे महंगी कीमत पर खेतों का पटवन कर धान की फसल और बिचड़ों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं. इसलिए सरकार इस मामले में जल्द कोई स्थाई समाधान निकाले.
प्रमुख मांगें
⦁ जिले को जल्द सुखाड़ क्षेत्र घोषित करे
⦁ किसानों को 20 हजार प्रति एकड़ की दर से मुआवजा
⦁ बाढ़-सुखाड़ जैसे प्राकृतिक आपदा के लिए दीर्घकालीन योजना बनाकर स्थाई समाधान निकाले सरकार
⦁ खेती के लिए मुफ्त बिजली
⦁ महाजनी और संस्थागत कर्ज से सभी किसानों को मुक्ति दिलाने में मदद
⦁ स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसा के आधार पर फसलों को सी टू को जोड़कर लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद की गारंटी
⦁ अंचल में किसानों के मालगुजारी रसीद कटवाने के लिए फ्री काउंटर खोला जाए