नालंदा: भीषण गर्मी के दौरान जिले में पानी की समस्या धीरे-धीरे बढ़ने लगी है. पानी की कमी की वजह से चापाकल और बोरिंग फेल हो रहे हैं. ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को सजग रहने, टोल फ्री नंबर के माध्यम से मिलने वाली शिकायतों को तत्काल दूर करने का निर्देश दिया जाता रहा है. लेकिन विभागीय अधिकारी और कर्मी जन समस्या को दूर करने में अपनी कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं.
जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह द्वारा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग में की गई औचक निरीक्षण में विभागीय लापरवाही और उदासीनता पाइ गयी.10 दिन पहले दर्ज कराए गए शिकायतों का निष्पादन तक नहीं किया गया. इतना ही नहीं कार्यालय में मौजूद कर्मियों की उपस्थिति भी नहीं पाई गई.
जिलाधिकारी ने लगाई फटकार
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई. साथ ही कार्यालय से अनुपस्थित कर्मियों के वेतन काटने का निर्देश दिया. जिलाधिकारी ने बताया कि गर्मी का मौसम है. लोगों को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. विभागीय स्तर पर होने वाली बैठक में यह दिशा निर्देश दिया गया था कि सभी कर्मी अपने कार्य के प्रति जागरूक रहें. साथ ही दिक्कतों के निष्पादन में कार्य करें.
कर्मियों के वेतन कटौती का निर्देश
औचक निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि कार्यपालक अभियंता द्वारा कल शिकायतें दूर करने का काम किया गया. लेकिन इनके अधीन कर्मी पूरी तरह संवेदनहीन दिखे. विभाग में 20 कर्मचारी नियुक्त हैं. लेकिन निरीक्षण के दौरान कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता, सहित 2 से 4 किरानी ही मौजूद थे. जिलाधिकारी ने गायब सभी कर्मियों के वेतन कटौती की बात कही.