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शीतलाष्टमी मेला में उमड़ी आस्था की भीड़, कोरोना गाइडलाइन की उड़ी धज्जियां - NALANDA LOCAL NEWS

चैत्र कृष्ण पक्ष अष्टमी के अवसर पर आस्था की उमड़ी ऐतिहासिक भीड़ के आगे कोरोना गाइडलाइन ध्वस्त हो गई. हालांकि, जिला प्रशासन द्वारा कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मेला पर पाबंदी लगा दी गई है.

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कोरोना गाइडलाइन का मजाक
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Published : Apr 5, 2021, 2:26 PM IST

नालंदा: विश्व प्रसिद्ध सिद्धपीठ माता शीतला मंदिर में चैत्र कृष्ण पक्ष अष्टमी को पूजा अर्चना करने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई. हालांकि, जिला प्रशासन द्वारा कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मेला पर पाबंदी लगा दी गई है.

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सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील
मंदिर के आसपास पूजन सामग्री, श्रृंगार, खिलौने आदि की दुकानें भी नहीं खोलने का निर्देश पंडा कमेटी को दिया गया है. मंदिर पहुंच रहे श्रद्धालुओं को पंडा कमेटी द्वारा भीड़ कम लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील लगातार की जा रही है.

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खरीदारी करती महिलाएं.

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क्या है मान्यता ?
बिहारशरीफ से तीन किलोमीटर दूर मघड़ा गांव में विश्व प्रसिद्ध सिद्धपीठ माता शीतला मंदिर है. जहां चैत्र कृष्ण पक्ष अष्टमी को भक्त मां के दरबार आते हैं. पूजा-अर्चना से पहले तालाब में स्नान करने की परंपरा है. ऐसी मान्यता है कि इस तालाब में स्नान करने से लोग चेचक रोग से मुक्त हो जाते हैं.

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क्या कहते हैं मंदिर के पुजारी ?
पंडा कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सुधीर चन्द्र मिश्रा और मंदिर के पुजारी प्रभात कुमार पांडेय बताते हैं कि बहुत सालों बाद इस बार शीतलाष्टमी मेला में विशेष संयोग बन रहा है. हर साल चैत्र कृष्ण पक्ष अष्टमी के दिन मां की विशेष पूजा की जाती है. इसके अलावा हर मंगलवार को भी मां के मंदिर में भक्तों की भीड़ जुटती है. इस बार चैत्र कृष्ण पक्ष अष्टमी सोमवार को है और उसके दूसरे ही दिन मंगलवार. इसलिए माता के दरबार में काफी सालों बाद लगातार तीन दिनों तक पूजा-अर्चना के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ेगी.

नालंदा: विश्व प्रसिद्ध सिद्धपीठ माता शीतला मंदिर में चैत्र कृष्ण पक्ष अष्टमी को पूजा अर्चना करने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई. हालांकि, जिला प्रशासन द्वारा कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मेला पर पाबंदी लगा दी गई है.

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सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील
मंदिर के आसपास पूजन सामग्री, श्रृंगार, खिलौने आदि की दुकानें भी नहीं खोलने का निर्देश पंडा कमेटी को दिया गया है. मंदिर पहुंच रहे श्रद्धालुओं को पंडा कमेटी द्वारा भीड़ कम लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील लगातार की जा रही है.

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क्या है मान्यता ?
बिहारशरीफ से तीन किलोमीटर दूर मघड़ा गांव में विश्व प्रसिद्ध सिद्धपीठ माता शीतला मंदिर है. जहां चैत्र कृष्ण पक्ष अष्टमी को भक्त मां के दरबार आते हैं. पूजा-अर्चना से पहले तालाब में स्नान करने की परंपरा है. ऐसी मान्यता है कि इस तालाब में स्नान करने से लोग चेचक रोग से मुक्त हो जाते हैं.

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क्या कहते हैं मंदिर के पुजारी ?
पंडा कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सुधीर चन्द्र मिश्रा और मंदिर के पुजारी प्रभात कुमार पांडेय बताते हैं कि बहुत सालों बाद इस बार शीतलाष्टमी मेला में विशेष संयोग बन रहा है. हर साल चैत्र कृष्ण पक्ष अष्टमी के दिन मां की विशेष पूजा की जाती है. इसके अलावा हर मंगलवार को भी मां के मंदिर में भक्तों की भीड़ जुटती है. इस बार चैत्र कृष्ण पक्ष अष्टमी सोमवार को है और उसके दूसरे ही दिन मंगलवार. इसलिए माता के दरबार में काफी सालों बाद लगातार तीन दिनों तक पूजा-अर्चना के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ेगी.

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