नालंदा: बिहार के नालंदा जिले के छबीलापुर थाना क्षेत्र में लोदीपुर नरसंहार मामले (Lodipur Massacre) में छह लोगों की मौत मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. मृतक के परिजन के बयान पर थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. दर्ज प्राथमिकी में 16 लोगों को नामजद तथा अन्य अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है.
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जमीन विवाद का मामला खूनी संघर्ष में बदल गया और दो पक्षों के बीच जमकर गोलीबारी होने लगी, इस घटना में 6 लोगों की मौत हो गई. मरने वाले सभी लोग एक ही गुट के बताए जा रहे हैं. मामला राजगीर अनुमंडल के छबीलापुर थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव का है.
घटना के बाद पूरे गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है. हालांकि, लोगों का कहना है कि चार घंटों तक दबंगों ने गोलीबारी की और लोग मदद के लिए पुलिस को फोन करते रहे, लेकिन पुलिस मौके पर नहीं पहुंच सकी. जिसके कारण 6 लोगों की मौत हो गई.
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बताया जाता है कि परशुराम यादव और नीतीश यादव गोतिया हैं. करीब 20 सालों से 50 बीघा जमीन को लेकर विवाद चला आ रहा था. इस बार भी जमीन पर रोपनी नहीं हो सकी थी. बुधवार को भी जमीन को लेकर दोनों पक्षों में पहले विवाद शुरू हुआ, इसके बाद गाली गलौज और मारपीट शुरू हो गई. फिर देखते ही देखते फायरिंग होने लगी.
नीतीश यादव गुट के द्वारा की गई गोलीबारी में परशुराम यादव गुट के तीन लोगों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई. वहीं, तीन व्यक्ति की इलाज के लिए अस्पताल ले जाने के मौत दौरान हो गई. मृतकों की पहचान लोदीपुर निवासी यदु यादव (60), उनके पुत्र पिंटु यादव (30) और मधेश यादव (25) तथा धीरेन्द्र यादव (50) और शिवल यादव (40) के रूप में की गई है. इस घटना में घायल दो लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
''छबीलापुर के लोदीपुर गांव में जमीन के विवाद को लेकर बुधवार को दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प में छह लोगों की मौत मामले में मृतक के परिजन के बयान पर थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. दर्ज प्राथमिकी में 16 लोगों को नामजद और अन्य अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है.''- हरि प्रसाथ, पुलिस अधीक्षक, नालंदा
ग्रामीणों ने बताया कि जमीन का विवाद लंबे समय से चला आ रहा था. जिसके बाद यह मामला न्यायालय में चल रहा था. बॉंड भरा गया था कि जब तक न्यायालय के मामले का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक कोई भी पक्ष खेत नहीं जोतेगा. इसी बीच बुधवार को पुलिस के सहयोग से दूसरे गुट के द्वारा जमीन पर जोत का काम शुरू किया गया और जब दूसरे पक्ष के द्वारा पुलिस को कॉल किया गया, तब पुलिस ने मामले को अनसुना कर दिया. जिसके बाद मामला बढ़ गया और गोलीबारी हो गई.