नालंदा: राज्य में स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने के लिए सोमवार को राजगीर में डायग्नोस्टिक एवं रिसर्च सेंटर की ओर से पहली मोलेकुलर लैब की शुरुआत की गई. कार्यक्रम का आयोजन राजधानी में किया गया. इस मौके पर पुलिस अधीक्षक निलेश कुमार मुख्य रुप से मौजूद रहे. उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं को हर तबके के लोगों तक पहुंचाने की बात की.
'सेवा भाव से काम करें डॉक्टर'
डायग्नोस्टिक एवं रिसर्च सेंटर के अन्य ब्रांच देश में मौजूद हैं. जिसके बाद सोमवार को राजगीर में बिहार का पहला मोलेकुलर लैब का उद्घाटन किया गया. इस मौके पर नालंदा के पुलिस अधीक्षक निलेश कुमार ने कहा कि डॉक्टरों को सेवा भाव से काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को अपनी रिसर्च और पढ़ाई का सीधा लाभ समाज के अंतिम पायदान तक बैठे व्यक्ति तक पहुंचाना चाहिए. नीलेश कुमार ने यह भी कहा कि बिहार के डॉक्टर अन्य राज्यों के डॉक्टरों से ज्यादा अच्छी सोच वाले हैं. उन्होंने विचार रखते हुए बताया कि बिहार को मेडिकल क्षेत्र में बदलाव लाने की जरूरत है. डॉक्टर अब अपनी सोच को बदलें और मरीज को व्यवसाय के नजरिए से ना देखें.
मरीजों को नहीं होगी परेशानी- डॉ. प्रभात रंजन
प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. प्रभात रंजन ने कहा कि बिहार के मरीजों को पैथोलॉजी के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता था. जिसके कारण मरीजों को अधिक समय भी लगता था और खर्च भी अधिक होता था. लेकिन उनकी ओर से शुरू किए गए लैब के माध्यम से बिहार के लोगों को लाभ मिल रहा है. अब कम खर्च पर बीमारी की सही जानकारी का पता चल जाता है. उन्होंने कहा कि इस फ्रेंचाइजी के माध्यम से अब लोगों को बीमारी की सही जानकारी मिल सकेगी. वहीं दूसरी ओर लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं.