नालंदा: करोड़ों की लागत से नवनिर्मित बिहार शरीफ रामचंद्रपुर बस स्टैंड का भवन विभागीय लापरवाही और उदासीनता का शिकार है. भवन के बने हुए 2 साल बीत गए हैं. लेकिन अब तक इसमें काम-काज शुरू नहीं हुआ है. इस भवन के मेन गेट पर ताला लटका रहता है.
बता दें कि इस भवन के निर्माण के समय काफी उम्मीद जताई जा रही थी कि बस स्टैंड आने वाले यात्रियों को काफी सुविधा मिल पाएगी. यात्रियों को बस स्टैंड पर इंतजार करने के लिए वेटिंग हॉल, टिकट कटाने के लिए टिकट काउंटर और बस की सही जानकारी मिलेगी. लेकिन यहां कुछ भी सुविधा उपलब्ध नहीं है. किसी तरह का ऑफिशियल काम नहीं होने के कारण यह भवन बेकार पड़ा है. यहां काम करने वाले कर्मचारियों में मायूसी है.
'ऑफिशियल काम चालू होने से होती आसानी'
नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से इस भवन का निर्माण करवाया गया. इस भवन का निर्माण बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड कंपनी ने किया था. वहीं, भवन का शुभारंभ दिसंबर 2017 में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने किया. स्थानीय लोगों ने बताया कि इस भवन में कोई कार्य नहीं हो रहा है. सड़कों के किनारे बस का टिकट काटा जाता है. यात्रियों को कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. अगर यहां पर ऑफिशियल काम चालू हो जाता तो उन लोगों को काफी आसानी होती.
'आउट सोर्स के माध्यम से कार्यालय का होगा संचालन'
नगर आयुक्त सैराभ जोरवाल ने इस बस स्टैंड में निर्मित भवन के बारे में कहा कि बस स्टैंड का संचालन नगर निगम नहीं करता है. इसलिए अगली बार से होने वाले टेंडर में इस भवन को भी शामिल कर लिया जाएगा और आउट सोर्स के माध्यम से इस भवन में कार्यालय का संचालन किया जाएगा.