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नालंदा: 2 साल पहले बनकर तैयार इस बस स्टैंड भवन में आखिर क्यों लटका है ताला, जानिए

इस भवन के निर्माण के समय काफी उम्मीद जताई जा रही थी कि बस स्टैंड आने वाले यात्रियों को काफी सुविधा मिल पाएगी. यात्रियों को बस स्टैंड पर इंताजर करने के लिए वेटिंग हॉल, टिकट कटाने के लिए टिकट काउंटर और बस की सही जानकारी मिलेगी. लेकिन यहां कुछ भी सुविधा अबतक उपलब्ध नहीं है.

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Published : Oct 29, 2019, 7:57 PM IST

नालंदा: करोड़ों की लागत से नवनिर्मित बिहार शरीफ रामचंद्रपुर बस स्टैंड का भवन विभागीय लापरवाही और उदासीनता का शिकार है. भवन के बने हुए 2 साल बीत गए हैं. लेकिन अब तक इसमें काम-काज शुरू नहीं हुआ है. इस भवन के मेन गेट पर ताला लटका रहता है.

बता दें कि इस भवन के निर्माण के समय काफी उम्मीद जताई जा रही थी कि बस स्टैंड आने वाले यात्रियों को काफी सुविधा मिल पाएगी. यात्रियों को बस स्टैंड पर इंतजार करने के लिए वेटिंग हॉल, टिकट कटाने के लिए टिकट काउंटर और बस की सही जानकारी मिलेगी. लेकिन यहां कुछ भी सुविधा उपलब्ध नहीं है. किसी तरह का ऑफिशियल काम नहीं होने के कारण यह भवन बेकार पड़ा है. यहां काम करने वाले कर्मचारियों में मायूसी है.

पेश है रिपोर्ट

'ऑफिशियल काम चालू होने से होती आसानी'
नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से इस भवन का निर्माण करवाया गया. इस भवन का निर्माण बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड कंपनी ने किया था. वहीं, भवन का शुभारंभ दिसंबर 2017 में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने किया. स्थानीय लोगों ने बताया कि इस भवन में कोई कार्य नहीं हो रहा है. सड़कों के किनारे बस का टिकट काटा जाता है. यात्रियों को कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. अगर यहां पर ऑफिशियल काम चालू हो जाता तो उन लोगों को काफी आसानी होती.

नालंदा न्यूज
बस स्टैंड में नहीं है लोगों के लिए कोई सुविधा

'आउट सोर्स के माध्यम से कार्यालय का होगा संचालन'
नगर आयुक्त सैराभ जोरवाल ने इस बस स्टैंड में निर्मित भवन के बारे में कहा कि बस स्टैंड का संचालन नगर निगम नहीं करता है. इसलिए अगली बार से होने वाले टेंडर में इस भवन को भी शामिल कर लिया जाएगा और आउट सोर्स के माध्यम से इस भवन में कार्यालय का संचालन किया जाएगा.

नालंदा: करोड़ों की लागत से नवनिर्मित बिहार शरीफ रामचंद्रपुर बस स्टैंड का भवन विभागीय लापरवाही और उदासीनता का शिकार है. भवन के बने हुए 2 साल बीत गए हैं. लेकिन अब तक इसमें काम-काज शुरू नहीं हुआ है. इस भवन के मेन गेट पर ताला लटका रहता है.

बता दें कि इस भवन के निर्माण के समय काफी उम्मीद जताई जा रही थी कि बस स्टैंड आने वाले यात्रियों को काफी सुविधा मिल पाएगी. यात्रियों को बस स्टैंड पर इंतजार करने के लिए वेटिंग हॉल, टिकट कटाने के लिए टिकट काउंटर और बस की सही जानकारी मिलेगी. लेकिन यहां कुछ भी सुविधा उपलब्ध नहीं है. किसी तरह का ऑफिशियल काम नहीं होने के कारण यह भवन बेकार पड़ा है. यहां काम करने वाले कर्मचारियों में मायूसी है.

पेश है रिपोर्ट

'ऑफिशियल काम चालू होने से होती आसानी'
नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से इस भवन का निर्माण करवाया गया. इस भवन का निर्माण बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड कंपनी ने किया था. वहीं, भवन का शुभारंभ दिसंबर 2017 में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने किया. स्थानीय लोगों ने बताया कि इस भवन में कोई कार्य नहीं हो रहा है. सड़कों के किनारे बस का टिकट काटा जाता है. यात्रियों को कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. अगर यहां पर ऑफिशियल काम चालू हो जाता तो उन लोगों को काफी आसानी होती.

नालंदा न्यूज
बस स्टैंड में नहीं है लोगों के लिए कोई सुविधा

'आउट सोर्स के माध्यम से कार्यालय का होगा संचालन'
नगर आयुक्त सैराभ जोरवाल ने इस बस स्टैंड में निर्मित भवन के बारे में कहा कि बस स्टैंड का संचालन नगर निगम नहीं करता है. इसलिए अगली बार से होने वाले टेंडर में इस भवन को भी शामिल कर लिया जाएगा और आउट सोर्स के माध्यम से इस भवन में कार्यालय का संचालन किया जाएगा.

Intro:नालंदा। विभागीय लापरवाही और उदासीनता का नमूना है बिहार शरीफ रामचंद्रपुर बस स्टैंड में बना नवनिर्मित भवन। करोड़ों रुपए खर्च किए जाने के बावजूद भी इस भवन का उपयोगिता पर सवाल खड़ा हो रहा है। भवन बने हुए करीब 2 वर्ष बीत गए हैं लेकिन अब इस भवन में ताला लटका रहता है जिसके कारण इसकी उपयोगिता पर सवाल खड़े हो रहा है। उम्मीद जताई जा रही थी कि इस भवन के निर्माण से जहां बस स्टैंड में आने वाले यात्रियों को सुविधा मिल पाएगी, उन्हें रहने, ठहरने के लिए व्यवस्था हो पाएगी वहीं यहां विभिन्न बसों के कटने वाले टिकट का काउंटर भी इस भवन के माध्यम से हो पाएगा लेकिन अब तक यह भवन यूं ही बेकार पड़ा है।


Body:नगर विकास एवं आवास विभाग के द्वारा बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड के द्वारा इस भवन का निर्माण कराया गया था। इस भवन के निर्माण पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए थे इस भवन का शुभारंभ दिसंबर 2017 में कर दिया गया लेकिन 2 वर्षों बाद भी इस भवन को सुचारू ढंग से शुरू नहीं किया जा सका है । यह भवन यूं ही बेकार पड़ा है और जिसका कोई लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस भवन के चालू हो जाने से उन लोगों को काफी आसानी होती । टिकट काउंटर की एक जगह व्यवस्था हो जाती जिससे यात्रियों को भी काफी लाभ मिलता। वही नगर आयुक्त का कहना है कि बस स्टैंड का संचालन नगर निगम के द्वारा नहीं हो पाता है इसलिए अगली बार से होने वाले टेंडर में इस भवन को भी शामिल कर लिया जाएगा और आउट सोर्स के माध्यम से इसका भवन का संचालन कराने का काम किया।
बाइट। नवीन कुमार, स्थानीय
बाइट। सैराभ जोरवाल, नगर आयुक्त


Conclusion:
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