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पाक सुरक्षा बलों ने बलूचिस्तान में 6 टीटीपी आतंकवादियों को मार गिराया: ISPR - TTP TERRORISTS IN BALOCHISTAN

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाक सेना के जवानों ने टीटीपी के घुसपैठियों की घुसपैठ की कोशिश को प्रभावी ढंग से नाकाम कर दिया गया.

TTP Terrorists In Balochistan
प्रतीकात्मक तस्वीर. (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 24, 2025, 9:06 AM IST

बलूचिस्तान: सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा से बलूचिस्तान के झोब जिले में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे छह आतंकवादियों को सफलतापूर्वक मार गिराया. इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने गुरुवार को यह घोषणा की. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, यह अभियान क्षेत्र में बढ़ती आतंकवादी गतिविधियों के बीच चल रही सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए चलाया गया था.

आईएसपीआर के अनुसार कि 22 और 23 जनवरी की रात को, पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के माध्यम से घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे ख्वारिज के एक समूह की गतिविधि को सुरक्षा बलों ने झोब जिले के सामान्य क्षेत्र सांबाजा में पकड़ा. 'ख्वारिज' शब्द प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को संदर्भित करता है.

आईएसपीआर की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हमारे सैनिकों ने घुसपैठ की उनकी कोशिश को प्रभावी ढंग से नाकाम कर दिया गया. रिपोर्ट के मुताबिक, सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन के दौरान हथियारों, गोला-बारूद और विस्फोटकों का एक बड़ा जखीरा भी बरामद किया. आईएसपीआर ने पाकिस्तान की लंबे समय से चली आ रही मांग को दोहराया कि अंतरिम अफगान सरकार आतंकवादी गतिविधियों के लिए अफगान धरती के इस्तेमाल को रोकने के लिए अपनी तरफ से प्रभावी सीमा प्रबंधन सुनिश्चित करे.

बयान में कहा गया कि पाकिस्तान लगातार अंतरिम अफगान सरकार से सीमा के अपने हिस्से पर प्रभावी सीमा प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए कह रहा है. अंतरिम अफगान सरकार से अपेक्षा की जाती है कि वह अपने दायित्वों को पूरा करे और ख्वारिज द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवादी कृत्यों को जारी रखने के लिए अफगान भूमि का उपयोग ना करने दे.

बयान में आईएसपीआर ने कहा कि सेना जनता को पाकिस्तान की सीमाओं की सुरक्षा और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सेना की निरंतर प्रतिबद्धता का भी आश्वासन दिया. इसने कहा कि पाकिस्तान के सुरक्षा बल अपनी सीमाओं की सुरक्षा और देश से आतंकवाद के खतरे को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. झोब में ऑपरेशन पाकिस्तान में बढ़ते आतंकवाद का मुकाबला करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है.

इस सप्ताह की शुरुआत में, आईएसपीआर ने खुलासा किया कि सुरक्षा बलों ने 11 जनवरी को झोब में आतंकवाद में शामिल एक अफगान नागरिक को मार गिराया था. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत के मुहम्मद खान अहमदखेल के रूप में पहचाने गए व्यक्ति को प्रक्रियात्मक औपचारिकताओं के बाद अफगान अधिकारियों को सौंप दिया गया. आईएसपीआर ने कहा कि ऐसी घटनाएं पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में अफगान नागरिकों की संलिप्तता के ठोस सबूत हैं. इस्लामाबाद ने बार-बार अफगान क्षेत्र के उपयोग पर चिंता जताई है.

टीटीपी द्वारा पाकिस्तान में हमले शुरू करने की आशंका है. हालांकि, काबुल इन आरोपों से इनकार करता है, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में और तनाव पैदा होता है. सीमा पर लगातार होने वाली झड़पों और अनसुलझे सुरक्षा चिंताओं के कारण पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. हाल ही में हुई एक बैठक में पाकिस्तानी सेना के नेतृत्व को इन मुद्दों को सुलझाने के लिए अफगानिस्तान के साथ बातचीत करने की सलाह दी गई.

हालांकि, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सीओएएस) जनरल सैयद असीम मुनीर ने चुनौतियों को स्वीकार करते हुए कहा कि वे हमारी बात नहीं सुनते हैं, अंतरिम अफगान सरकार को जारी की गई पिछली चेतावनियों के संदर्भ में.

बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा (केपी) में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति ने पाकिस्तानी सेना द्वारा आतंकवाद विरोधी अभियानों को तेज कर दिया है. इस्लामाबाद स्थित थिंक टैंक पाक इंस्टीट्यूट फॉर पीस स्टडीज (पीआईपीएस) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में आतंकवादी हमलों की आवृत्ति 2014 के स्तर के बराबर थी. रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि 2024 में 95 प्रतिशत हमले केपी और बलूचिस्तान में हुए.

डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, केपी में सबसे अधिक 295 हमले हुए, जबकि बलूचिस्तान में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) जैसे गैरकानूनी विद्रोही समूहों द्वारा किए गए हमलों में 119 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जिसके परिणामस्वरूप 171 घटनाएं हुईं, ने रिपोर्ट की.

हालांकि आतंकवादी समूह अब पाकिस्तान में उस तरह से कब्जा नहीं कर पाए हैं, जैसा कि एक दशक पहले करते थे, लेकिन केपी और बलूचिस्तान में असुरक्षा की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. सुरक्षा बल प्रभावित क्षेत्रों में खतरों को खत्म करने और स्थिरता बहाल करने के लिए लक्षित अभियान चलाते रहते हैं.

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आईएसपीआर के अनुसार कि 22 और 23 जनवरी की रात को, पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के माध्यम से घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे ख्वारिज के एक समूह की गतिविधि को सुरक्षा बलों ने झोब जिले के सामान्य क्षेत्र सांबाजा में पकड़ा. 'ख्वारिज' शब्द प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को संदर्भित करता है.

आईएसपीआर की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हमारे सैनिकों ने घुसपैठ की उनकी कोशिश को प्रभावी ढंग से नाकाम कर दिया गया. रिपोर्ट के मुताबिक, सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन के दौरान हथियारों, गोला-बारूद और विस्फोटकों का एक बड़ा जखीरा भी बरामद किया. आईएसपीआर ने पाकिस्तान की लंबे समय से चली आ रही मांग को दोहराया कि अंतरिम अफगान सरकार आतंकवादी गतिविधियों के लिए अफगान धरती के इस्तेमाल को रोकने के लिए अपनी तरफ से प्रभावी सीमा प्रबंधन सुनिश्चित करे.

बयान में कहा गया कि पाकिस्तान लगातार अंतरिम अफगान सरकार से सीमा के अपने हिस्से पर प्रभावी सीमा प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए कह रहा है. अंतरिम अफगान सरकार से अपेक्षा की जाती है कि वह अपने दायित्वों को पूरा करे और ख्वारिज द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवादी कृत्यों को जारी रखने के लिए अफगान भूमि का उपयोग ना करने दे.

बयान में आईएसपीआर ने कहा कि सेना जनता को पाकिस्तान की सीमाओं की सुरक्षा और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सेना की निरंतर प्रतिबद्धता का भी आश्वासन दिया. इसने कहा कि पाकिस्तान के सुरक्षा बल अपनी सीमाओं की सुरक्षा और देश से आतंकवाद के खतरे को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. झोब में ऑपरेशन पाकिस्तान में बढ़ते आतंकवाद का मुकाबला करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है.

इस सप्ताह की शुरुआत में, आईएसपीआर ने खुलासा किया कि सुरक्षा बलों ने 11 जनवरी को झोब में आतंकवाद में शामिल एक अफगान नागरिक को मार गिराया था. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत के मुहम्मद खान अहमदखेल के रूप में पहचाने गए व्यक्ति को प्रक्रियात्मक औपचारिकताओं के बाद अफगान अधिकारियों को सौंप दिया गया. आईएसपीआर ने कहा कि ऐसी घटनाएं पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में अफगान नागरिकों की संलिप्तता के ठोस सबूत हैं. इस्लामाबाद ने बार-बार अफगान क्षेत्र के उपयोग पर चिंता जताई है.

टीटीपी द्वारा पाकिस्तान में हमले शुरू करने की आशंका है. हालांकि, काबुल इन आरोपों से इनकार करता है, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में और तनाव पैदा होता है. सीमा पर लगातार होने वाली झड़पों और अनसुलझे सुरक्षा चिंताओं के कारण पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. हाल ही में हुई एक बैठक में पाकिस्तानी सेना के नेतृत्व को इन मुद्दों को सुलझाने के लिए अफगानिस्तान के साथ बातचीत करने की सलाह दी गई.

हालांकि, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सीओएएस) जनरल सैयद असीम मुनीर ने चुनौतियों को स्वीकार करते हुए कहा कि वे हमारी बात नहीं सुनते हैं, अंतरिम अफगान सरकार को जारी की गई पिछली चेतावनियों के संदर्भ में.

बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा (केपी) में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति ने पाकिस्तानी सेना द्वारा आतंकवाद विरोधी अभियानों को तेज कर दिया है. इस्लामाबाद स्थित थिंक टैंक पाक इंस्टीट्यूट फॉर पीस स्टडीज (पीआईपीएस) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में आतंकवादी हमलों की आवृत्ति 2014 के स्तर के बराबर थी. रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि 2024 में 95 प्रतिशत हमले केपी और बलूचिस्तान में हुए.

डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, केपी में सबसे अधिक 295 हमले हुए, जबकि बलूचिस्तान में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) जैसे गैरकानूनी विद्रोही समूहों द्वारा किए गए हमलों में 119 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जिसके परिणामस्वरूप 171 घटनाएं हुईं, ने रिपोर्ट की.

हालांकि आतंकवादी समूह अब पाकिस्तान में उस तरह से कब्जा नहीं कर पाए हैं, जैसा कि एक दशक पहले करते थे, लेकिन केपी और बलूचिस्तान में असुरक्षा की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. सुरक्षा बल प्रभावित क्षेत्रों में खतरों को खत्म करने और स्थिरता बहाल करने के लिए लक्षित अभियान चलाते रहते हैं.

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