नालंदा: कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन में जहां प्रवासी मजदूर घर आने के लिए मारे-मारे फिरते थे, अब वहीं, अपना घर-बार छोड़कर परिवार चलाने के लिए अन्य प्रदेशों का रुख कर रहे हैं. बिहारशरीफ शहर के अंबेर मोड़ के समीप खड़ी तमिलनाडु नंबर की बस के माध्यम से मजदूर वापस दूसरे राज्यों में काम की तालाश में जा रहे हैं.
इस बस पर सवार 20 मजदूर शेखपुरा जिले के विभिन्न गांव के हैं, जो कि तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित एक टेक्सटाइल कंपनी में काम करने जा रहे हैं. बता दें कि देशभर में कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन में बड़ी संख्या में बिहारी मजदूरों की घर वापसी हुई थी. मजदूरों के पैदल चल घर लौटने की जल्दबाजी के कारण कई मजदूरों की जानें भी चली गई. इसके बाद सरकार के द्वारा विशेष ट्रेन चलाकर मजदूरों को घर वापस पहुंचाया गया.
'सरकार की योजनाएं धरातल पर नहीं'
कोरोना काल में घर लौटने के बाद ज्यादातर मजदूर अपने घर में रहकर काम करने की बात कही. प्रवासी मजदूरों को लेकर केंद्र सरकार और बिहार सरकार के द्वारा कई योजनाओं की शुरुआत भी की गई. ताकि मजदूरों को अपने घर पर ही रह कर काम कर सके. लेकिन सरकार की योजनाएं धरातल पर उतरता नहीं दिखा. इसके बाद एक बार फिर से मजदूरों का पलायन शुरू हो गए.
क्या कहते हैं मजदूर
मजदूरों का कहना था कि टेक्सटाइल कंपनी के द्वारा काम पर वापस चलने के लिए बस भेजा गया. एक मजदूर को कंपनी के द्वारा महीने का 12 हज़ार रुपये देने की बात कही गयी है. इसके बाद वे लोग वापस काम पर जा रहे हैं. इन मजदूरों का कहना था कि बिहार में काम मिल नहीं मिला. इसके बाद वे लोग वापस काम पर लौटने को मजबूर है.