नालंदा: बिहार में कोरोना संक्रमण का कहर जारी है. स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर लगातार सरकार पर निशाना साधा जा रहा है. ऐसी स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ के आह्वान पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जुड़े स्वास्थ्य कर्मियों ने सोमवार को सांकेतिक हड़ताल किया.
बता दें कि 17 सूत्री मांगों को लेकर यह आंदोलन किया गया है. इन मांगो में राज्य से लेकर स्वास्थ्य उप केंद्र तक प्रबंधकीय कैडर का 1 महीने के समतुल्य प्रोत्साहन राशि देने, संविदा पर कार्यरत सभी कर्मियों को नियमित करने, रुके हुए मानदेय का जल्द से जल्द भुगतान करने, फिटमेंट कमिटी के अनुशंसा लागू करने, वहीं, नियुक्ति में पहले से कार्यरत कर्मियों को 15 साल की छूट देने, संविदा कर्मियों को 15 फीसदी वृद्धि करने, संविदा कर्मियों को नियमितीकरण प्रक्रिया होने तक एचआर पॉलिसी देने और चयन मुक्त संविदा कर्मी को बिना शर्त वापस लेने के साथ आर्थिक सामाजिक और मानसिक शोषण को तुरंत बंद करने की मांग की गई.
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी
सांकेतिक हड़ताल पर गए संविदा कर्मियों ने कहा कि अगर सरकार की ओर से इन सभी मांगों को पूरी नहीं की जाती है, तो मंगलवार से वो सभी स्वास्थ्य संविदा कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ जाएंगे. इससे स्वास्थ्य सेवा पर बुरा असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है.
ये सब विभाग के संविदा कर्मियों ने किया सांकेतिक हड़ताल
इसके अलावा सांकेतिक हड़ताल में जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला लेखा प्रबंधक, जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट, जिला अनुश्रवण और मूल्यांकन पदाधिकारी, जिला डाटा सहायक, जिला कार्यालय सहायक, जिला कार्यालय सहायक (लेखा), अस्पताल प्रबंधक, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, लेखापाल (एफआरयु), प्रखंड लेखापाल, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक, कालाजार तकनीकी पर्यवेक्षक, फाइनेंशियल एंड लॉजिस्टिक सहायक, पारा मेडिकल वर्कर, प्रखंड एमएंडई सहायक, फार्मासिस्ट (आरबीएसके), एएनएम (आरबीएसके), जिला यक्ष्मा केंद्र के एसटीएस और प्रयोगशाला प्रावैधिकी शामिल रहे.