नालंदा: राज्य सरकार के निर्देश के बाद जिला प्रशासन की ओर से कोविड-19 खोज अभियान की शुरुआत की गई है. घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी. इसके लिए 2200 टीम गठित हुई है. इस कार्य के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया है.
बता दें कि पल्स पोलियो अभियान की तरह कोविड-19 खोज अभियान की शुरुआत की गई है. जिसमें कोरोना संदिग्ध मरीजों की पहचान की जाएगी. वहीं, लोगों से कोरोना से संबंधित लक्षणों के बारे में घर-घर जाकर पता लगाया जाएगा. बताया जाता है कि जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण इस अभियान की शुरुआत की गई है.
स्क्रीनिंग के लिए 4 पेजों का फॉर्मेट तैयार
जिले में कुल 5 लाख 89 हजार 922 घर हैं. जिसमें रहने वाले 34 लाख 8 हजार 640 लोगों का स्क्रीनिंग की जाएगी. इस पूरे अभियान की मॉनिटरिंग के लिए भी टीम गठित की गई है. वहीं, स्क्रीनिंग के लिए 4 पेज का फॉर्मेट तैयार किया गया है. जिसमें लोगों की ट्रैवल हिस्ट्री के साथ-साथ स्वास्थ्य से संबंधित सवाल हैं. सभी लोगों को हरेक सवाल का जवाब देना जरूरी है. टीम स्क्रिनिंग कर अपनी रिपोर्ट भेजेगी. जिसके आधार पर कोरोना के संदिग्ध मरीजों की पहचान कर उसे क्वॉरेंटाइन किया जाएगा.
जिलाधिकारी ने की लोगों से अपील
जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि स्क्रीनिंग के माध्यम से कोरोना संदिग्ध मरीजों की पहचान कर उसका समुचित इलाज करवाया जाएगा. उन्होंने लोगों से स्क्रीनिंग के लिए पहुंचने वाले कर्मचारियों को सहयोग करने की अपील की.