नालंदा (राजगीर): राजगीर में बुद्ध पथ पर बन रहा नेचर सफारी बनकर तैयार हो चुका है. जिसका आज यानी शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्घाटन किया.
भगवान बुद्ध इसी बुद्ध पथ से गया से राजगीर आये थे. यह प्रकृति की छटाओं के बीच बसा है. लगभग 500 एकड़ वन क्षेत्र में फैला इस सफारी का मुख्य द्वारा काफी आकर्षक बनाया गया है.
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9 किलोमीटर एरिया में बना है ग्लास ब्रिज
सीएम नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट राजगीर में बनकर तैयार हो चुका है. जिसका आज यानी शुक्रवार को सीएम ने उद्घाटन किया. नौ किलोमीटर के एरिया में बन रहे नेचर सफारी में ग्लास ब्रिज यानि शीशे का पुल बनाया गया है. इसमें चढ़ने वालों को अपना दिल थाम कर जाना होगा. यह स्काई बाग में होगा. इसके नीचे गहरी खायी दिखायी देगी. जो पर्यटकों के लिए किसी रोमांच से कम नहीं होगा. बता दें कि चीन के हांगझोऊ इलाके में बने 120 मीटर ऊंचे शीशे के पुल की तरह ही राजगीर नेचर सफारी में इस पुल को बनाया गया है.
ग्लास स्काई वॉक ब्रिज की खासियत
- यह पूरी तरह से शीशा और स्टील के फ्रेम से निर्मित है.
- इस स्काई वॉक की कुल लम्बाई 85 फीट लंबा और 6 फीट चौड़ा है.
- घाटी से इसकी उॅचाई 250 फीट है.
- इसपर एक साथ 40 लोग चढ़ सकेंगे.वहीं डी सेक्टर अर्थात अंतिम छोर पर एक साथ 10 से 12 लोग चढ़ सकेंगे.
- यह राजगीर के अति प्राचीन वैभार गिरी पर्वत के तलहटी में बनाया गया है.
- इस स्काई ब्रिज में 15 एमएम का तीन लेयर का शीशा लगाया गया है, इसमें लगे शीशे की कुल मोटाई 45 एमएम होगी जो पूरी तरह से पारदर्शी होगा जो काफी रोमांचक भी होगा.
बिहार का पहला और देश का दूसरा स्काई वॉक होगा राजगीर
- चीन के हेबई प्रांत के एस्ट तैहांग में बना स्काई वॉक के तर्ज पर बनाया गया है राजगीर का यह स्काई वॉक.
- यह बिहार का पहला और देश का दूसरा स्काई ब्रिज है.
- देश का पहला ग्लास स्काई ब्रीज सिक्किम के पेलिंग में अवस्थित है.
- जिप लाईन पर झूलकर पर्यटक हवा में सैर का आनंद ले सकेंगे.
500 हेक्टेयर में बन रहा कैफेटेरिया
वहीं, 500 हेक्टेयर में कैफेटेरिया भी बनाया गया है. इसके गेट को एक नया लुक दिया गया है. सफारी में हवा में रोप के सहारे साइक्लिंग का भी लोग लुफ्त उठायेंगे. इसमें पर्यटकों को लुभाने के लिए तितली पार्क, राउंडेन गार्डेन, मेड्रेशनल गार्डेन, शूटिंग लैब भी होगा.
मिट्टी और ट्री कॉटेज भी होंगे आकर्षक केंद्र
नेचर सफारी में पुराने परंपरा के अनुसार नये तरीके से मिट्टी, बांस और लकड़ी का कॉटेज बनाया गया है. यह बाहरी पर्यटकों को अपनी ओर खींचने में पूरी तरह से सक्षम होगा. पहले जहां विभिन्न राज्यों से आने वाले पर्यटक खासकर बंगाली पर्यटक यहां एक से दो दिन ही ठहर पाते थे. वे अब इन सभी योजनाओं के पूरा होने के चलते अब लम्बे समय के लिए राजगीर में ठहरेंगे और विदेशी पर्यटकों का भी ठहराव राजगीर में हो पायेगा. इससे लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी.
नेचर सफारी मार्च तक पूरा करने का रखा गया था लक्ष्य
यह नेचर सफारी को मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. इसका पहला द्वार नाकापर जेठियन के पास होगा. यह जेठियन की ओर से तीन किलोमीटर दूर पड़ेगा. एडवेंचर के तहत यहां लोग पतले रस्सी पर साईकलिंग करने, तीरंदाजी, निशानेबाजी, पहाड़ पर चढ़ायी के लिए ट्रेकिंग का भी मजा ले सकेंगे. इसके अलावे यहां औषधीय पार्क, सकलैंड गार्डन, इलेक्ट्रिक पार्किंग, बिहार दर्शन, नेचर बाथ, ओपन थियेटर , बम्बू हट, उडेन कॉटेज, कैफेटेरिया का निर्माण किया गया है.