नालंदा : एक तरफ बिहार में कोरोना (corona in bihar) से निपटने में पूरा स्वास्थ्य महकमा लगा है. वहीं, दूसरी तरफ नालंदा जिले में पिछले 5 माह से वेतन भुगतान नहीं होने से नाराज एम्बुलेंस ड्राइवरों ने बिहार राज्य चिकित्सा कर्मचारी संघ (इंटक) के बैनर तले सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन ( Ambulance Drivers Protest In Nalanda ) किया. इस दौरान कर्मियों ने 7 सूत्री मांगों को लेकर सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार को ज्ञापन सौंपा. हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने उनकी मांगों को जल्द पूरा करने का आश्नासन दिया है.
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संघ के जिलाध्यक्ष अमित कुमार पांडे ने कहा कि यदि 7 दिनों के अंदर उनके समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता है तो 22 जनवरी से 6 फरवरी तक सभी एंबुलेंस कर्मी अपनी मांगों को लेकर काला बिल्ला लगाकर विरोध करेंगे. अगर उनकी मांगे नहीं मानी जाती है तो सभी एंबुलेंस कर्मी 7 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. जब-जब हमलोग अपनी मांग को उठाते हैं तो हमारी आवाज को दबा दिया जाता है.
अमित पांडे ने कहा कि, पिछले दिनों मांग करने पर एंबुलेंस कर्मचारी संघ के नेता सोनू कुमार अरविंद कुमार वर्मा चितरंजन मिश्रा एवं राजेश कुमार को मनगढ़ंत आरोप लगाकर बर्खास्त कर दिया गया है. कोरोना काल के समय का भी प्रोत्साहन राशि नहीं दिया गया है. यदि हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो हड़ताल पर जाने को विवश हो जाएंगे. जिसकी पूरी जबाबदेही स्वास्थ्य विभाग की होगी. जबकि नालंदा के सिविल सर्जन डॉक्टर सुनील कुमार ने बताया कि फाउंडेशन से बात कर इनकी समस्याओं पर जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा. फिलहाल दोनों पक्ष की बात की जानकारी ली जा रही है.
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