नालंदा: राजधानी के बाद डेंगू ने नालंदा में भी पूरी तरह पांव पसार दिया है. सरकारी आंकड़े के अनुसार अब तक नालंदा के 15 लोगों में डेंगू की पहचान की गई है. वहीं, यहां के दर्जनों लोग डेंगू से पीड़ित हैं. जबकि कई लोगों की मौत भी हो चुकी है.
'इलाज के दौरान दम तोड़ दिया अंश'
गिरियक प्रखंड अंतर्गत महिला गांव के 10 वर्षीय बालक अंश ने डेंगू बुखार के कारण पीएमसीएच में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. परिजनों का आरोप है कि उनके पुत्र की मौत डॉक्टरों की लापरवाही से हुई है. दरअसल, महिला गांव निवासी संतोष कुमार के पुत्र को डेंगू हुआ था. पहले उन्होंने निजी क्लिनिक में इलाज करवाया था. फिर उसके बाद अंश को पीएमसीएच रेफर किया गया था. जहां उनके पुत्र ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया.
PMCH केवल नाम का रह गया है- परिजन
परिजनों का कहना है कि पीएमसीएच बिहार का सबसे बड़ा अस्पताल माना जाता है. इसके बावजूद वहां न तो दवाई और ना ही सुविधाएं मिलती है. उन्होंने कहा कि पीएमसीएच केवल दिखावा बनकर रह गया है. डॉक्टर से लेकर नर्स सभी लोग लापरवाह है. यहां मरीज की कोई सुनने वाला नहीं है. वहीं, परिवार वाले ऐसे लापरवाह डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. पुत्र के मृत्यु के बाद मां का रो-रोकर बुरा हाल है.