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डेंगू से पीड़ित नालंदा के 'अंश' की PMCH में इलाज के दौरान हुई मौत - पुत्र की मौत डॉक्टर की लापरवाही से हुई है

गिरियक प्रखंड अंतर्गत महिला गांव के 10 वर्षीय बालक अंश ने डेंगू बुखार के कारण पीएमसीएच में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. परिजनों का आरोप है कि उनके पुत्र की मौत डॉक्टर की लापरवाही से हुई है.

डेंगू
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Published : Oct 21, 2019, 11:50 PM IST

नालंदा: राजधानी के बाद डेंगू ने नालंदा में भी पूरी तरह पांव पसार दिया है. सरकारी आंकड़े के अनुसार अब तक नालंदा के 15 लोगों में डेंगू की पहचान की गई है. वहीं, यहां के दर्जनों लोग डेंगू से पीड़ित हैं. जबकि कई लोगों की मौत भी हो चुकी है.

'इलाज के दौरान दम तोड़ दिया अंश'
गिरियक प्रखंड अंतर्गत महिला गांव के 10 वर्षीय बालक अंश ने डेंगू बुखार के कारण पीएमसीएच में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. परिजनों का आरोप है कि उनके पुत्र की मौत डॉक्टरों की लापरवाही से हुई है. दरअसल, महिला गांव निवासी संतोष कुमार के पुत्र को डेंगू हुआ था. पहले उन्होंने निजी क्लिनिक में इलाज करवाया था. फिर उसके बाद अंश को पीएमसीएच रेफर किया गया था. जहां उनके पुत्र ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया.

डेंगू से 10 वर्षीय लड़के की मौत

PMCH केवल नाम का रह गया है- परिजन
परिजनों का कहना है कि पीएमसीएच बिहार का सबसे बड़ा अस्पताल माना जाता है. इसके बावजूद वहां न तो दवाई और ना ही सुविधाएं मिलती है. उन्होंने कहा कि पीएमसीएच केवल दिखावा बनकर रह गया है. डॉक्टर से लेकर नर्स सभी लोग लापरवाह है. यहां मरीज की कोई सुनने वाला नहीं है. वहीं, परिवार वाले ऐसे लापरवाह डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. पुत्र के मृत्यु के बाद मां का रो-रोकर बुरा हाल है.

नालंदा: राजधानी के बाद डेंगू ने नालंदा में भी पूरी तरह पांव पसार दिया है. सरकारी आंकड़े के अनुसार अब तक नालंदा के 15 लोगों में डेंगू की पहचान की गई है. वहीं, यहां के दर्जनों लोग डेंगू से पीड़ित हैं. जबकि कई लोगों की मौत भी हो चुकी है.

'इलाज के दौरान दम तोड़ दिया अंश'
गिरियक प्रखंड अंतर्गत महिला गांव के 10 वर्षीय बालक अंश ने डेंगू बुखार के कारण पीएमसीएच में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. परिजनों का आरोप है कि उनके पुत्र की मौत डॉक्टरों की लापरवाही से हुई है. दरअसल, महिला गांव निवासी संतोष कुमार के पुत्र को डेंगू हुआ था. पहले उन्होंने निजी क्लिनिक में इलाज करवाया था. फिर उसके बाद अंश को पीएमसीएच रेफर किया गया था. जहां उनके पुत्र ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया.

डेंगू से 10 वर्षीय लड़के की मौत

PMCH केवल नाम का रह गया है- परिजन
परिजनों का कहना है कि पीएमसीएच बिहार का सबसे बड़ा अस्पताल माना जाता है. इसके बावजूद वहां न तो दवाई और ना ही सुविधाएं मिलती है. उन्होंने कहा कि पीएमसीएच केवल दिखावा बनकर रह गया है. डॉक्टर से लेकर नर्स सभी लोग लापरवाह है. यहां मरीज की कोई सुनने वाला नहीं है. वहीं, परिवार वाले ऐसे लापरवाह डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. पुत्र के मृत्यु के बाद मां का रो-रोकर बुरा हाल है.

Intro:राजधानी पटना के बाद डेंगू ने सीएम के गृह जिले नालंदा में भी पूरी तरह पांव पसार दिया है, सरकारी आंकड़े के अनुसार जहाँ अब तक नालंदा के 15 लोगों में डेंगू के पहचान बताई जा रही है। वहीं यहां के दर्जनों लोग डेंगू से आक्रांत है जबकि कई लोगों की मौत हो चुकी है | Body:इसी कड़ी में गिरियक प्रखंड अंतर्गत महिला गांव का 10 वर्षीय बालक अंश ने पीएमसीएच में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया | परिजनों का आरोप है उनके पुत्र की मौत डॉक्टर की लापरवाही से हुई है | दरअसल महिला गांव निवासी संतोष कुमार के पुत्र को डेंगू हो गया था पहले उन्होंने निजी क्लिनिक में इलाज करवाया उसके बाद अंश को पीएमसीएच रेफर किया गया जहां उनके पुत्र में तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया | परिजनों का कहना है कि पीएमसीएच बिहार का सबसे बड़ा हॉस्पिटल माना जाता है बावजूद इसके वहां न तो दवाई मिलती है और न ही सुविधाएं केवल दिखावा बनकर रह गया है पीएमसीएच | डॉक्टर से लेकर नर्स सभी लोग लापरवाह है | मरीज की कोई सुनने वाला नहीं है परिवार वाले ऐसे लापरवाह डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं | इधर अपने बड़े पुत्र के दुनिया से चले जाने के बाद ममता देवी का रो रो कर बुरा हाल है |

बाइट--परिजनConclusion:यह कोई पहली महिला नहीं है जिनके बेटे को डेंगू ने छीन लिया इससे पहले भी कई महिलाओं ने पति और बेटा खोया है | परिजनों की माने तो सरकार द्वारा बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के दावे उनके सबसे बड़े अस्पताल में ही खोखले साबित हो रहे हैं केवल नाम का रह गया है पीएमसीएच।


राकेश कुमार संवाददाता
बिहारशरीफ
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