मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में बाढ़ (Flood In Muzaffarpur) और जलजमाव (Waterlogging) के बाद सर्पदंश के मामले (Snakebite Cases) बढ़ गए हैं. अस्पतालों के आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटे में 60 लोग सर्पदंश के शिकार बने है. वहीं, एक हफ्ते की बात करे तो यह आंकड़ा 417 पहुंच गया है. ऐसे में डॉक्टर लोगों से अपील कर रहे है कि सांप के काटने के बाद लोगों सीधे अस्पताल में इलाज के लिए लेकर आए, झाड़फूंक के चक्कर में न पड़े.
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बिहार के मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक, बागमती, मानुषमारा और लखनदेई नदी (Lakhandei River) उफान पर है. जिससे कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. वहीं, बारिश से शहर के कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति है. ऐसे में सर्पदंश के भी मामले बढ़ गए है. सांप काटने के बाद बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए जाने-माने प्रभात तारा अस्पताल पहुंच रहे हैं.
मुजफ्फरपुर के अलावा समस्तीपुर, शिवहर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, दरभंगा, वैशाली और सीतामढ़ी जिलों से कई लोग यहां आए हैं. बता दें कि एक हफ्ते में निजी अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार, कुल मिलाकर लगभग 417 सर्पदंश के मामले प्रभात तारा अस्पताल में आए हैं.
इस मामले को लेकर सिविल सर्जन डॉ. विनय कुमार शर्मा ने बताया कि जिले में जलजमाव और बाढ़ के कारण सांप के बिल में पानी चला जाता है. ऐसे में में सर्प दंश के मामले बढ़ जाते हैं. उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल और सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सर्पदंश की दवा उपलब्ध है. अगर कही सर्पदंश के मामले आते हैं तो सीधे अस्पताल में आएं, कही झाड़फूंक वाले के फेर में नहीं पड़े.
बता दें कि इस वैज्ञानिक युग में जहां हम चांद और मंगल पर जाने की बात करते हैं. वहीं, देश के कई गांवों में आज भी अंधविश्वास की बेड़ियां लोगों को जकड़े हुए हैं. साप के काटने के बाद लोगों अंधविश्वास पर भरोसा कर अस्पताल में डॉक्टर के पास ले जाने के बजाय उसकी झाड़-फूंक करवाते थे. वहीं, पीड़ित को सही समय पर इलाज नहीं होने मिलने पर उसकी मौत हो जाती है. ईटीवी भारत ऐसे किसी भी अंधविश्वास का पुरजोर विरोध करता है. कोरोना काल में सजग रहिए, सावधान रहिए. अपने स्वास्थ्य को लेकर दो गज तन की दूरी को फॉलो करिए.
सर्पदंश के बाद क्या बचाव करें
- किसी भी प्रकार का सांप काट ले तो घबराएं नहीं, शांत रहें
- पीड़ित के शरीर पर कोई भी कसाव वाली वस्तु न रहने दें (बेल्ट, जूते की लेस) न बंधे रहने दें, इससे रक्तचाप बढ़ता है
- काटे गए स्थान को हिलाए डुलाएं नहीं, मांसपेशियों में हरकत होने से जहर जल्दी फैल सकता है.
- सांप की पहचान करने की पूरी कोशिश करें
- पीड़ित को जितनी जल्दी हो सके, पास के स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं और डॉक्टरी उपचार करवाएं
- स्वास्थ्य केंद्र में ही एंटी वेनम लगवाएं
सर्पदंश के दौरान क्या न करें
- ओझा या तांत्रिक के पास जाकर झाड़ फूंक में समय न गवाएं
- सर्पदंश के स्थान पर ब्लेड और धारीदार वस्तु से न काटें
- पीड़ित को ज्यादा चलने न दें
- पीड़ित को किसी वाहन, व्हीलचेयर या स्ट्रेचर की सहायता से स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं
- कोबरा या करैत सांप के काटने पर पीड़ित को सोने न दें
- सोने पर रक्त का प्रवाह तेजी से बढ़ता है
सर्पदंश से कैसे बचा जाए
- घरों के आसपास साफ-सफाई रखें, कोई कबाड़ न होने दें
- घरों में चूहे के बिलों को बंद करके रखें
- पानी निकासी के मार्गों पर बारीक जाली लगाएं
- खेतों और अधिक घास वाली जगहों पर नंगे पैर न चलें
- किसी अंधेरी जगह में जाते समय टॉर्च या लालटेन का प्रयोग करें
- घरों में यदि नीचे सो रहे हैं तो बीच मे सोएं या पलंग या मच्छरदानी का प्रयोग करें
- घरों के दरवाजों और खिड़कियों की दरारों को किसी कपड़े की सहायता से बंद करके रखें
- घरों में किसी बेला या पेड़ से लटकी हुई डाल को न रहने दें
- अनजानी जगह और बिल में हाथ न डालें
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