मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में निशुल्क पाठशाला की मदद से स्लम और वंचित समाज के बच्चों के बीच शिक्षा का दीप जलाया जा रहा है. यह काम मुजफ्फरपुर पुलिस कर रही है. जहां इसको लेकर शहर के कन्हौली टीओपी में बेहतर पुलिसिंग के साथ-साथ स्लम एरिया के गरीब परिवार और रेड लाइट एरिया के बच्चों के लिए क्लास चलाई जा रही है. दोपहर में टीओपी के अंदर बच्चों की मुफ्त में क्लास चलाई जाती है.
पुलिस पाठशाला में कैसे होती है पढ़ाई?: इसमें पहली से लेकर आठवीं क्लास के दो दर्जन से अधिक बच्चे पढ़ाई करने आ रहे हैं. इसे पुलिस पाठशाला का नाम दिया गया है. कमरे को क्लास रूम की शक्ल देने के लिए दीवार पर अल्फाबेट, ककहरा, टेबल और राइम्स बोर्ड भी लगाया गया है. फर्श पर बैठकर बच्चों को पढ़ने के लिए ग्रीन मैट बिछाया गया है.
बच्चों की संख्या में हुआ इजाफा: शहरवासी जिला पुलिस की इस पहल की काफी सराहना कर रहे हैं. बच्चों में भी पाठशाला में शामिल होने की काफी उत्सुकता दिख रही है. प्रतिदिन क्लास में बच्चों की संख्या में इजाफा हो रहा है. शहर के एएसपी अवधेश सरोज दीक्षित ने बताया कि स्लम और रेड लाइट एरिया में रहने वाले गरीब परिवार के बच्चे जो कोचिंग या होम ट्यूटर से नहीं पढ़ सकते हैं, उनको कन्हौली टीओपी में मुफ्त में दोपहर के साढ़े तीन बजे से शाम पांच बजे तक पढ़ाया जा रहा है.
"इसकी पहल सामाजिक कार्यकर्ता नसीमा खातून व एक स्कूल के शिक्षक ने की है. जिसके बाद पाठशाला पूरी तरह से शुरू हुआ. करीब एक माह पहले यह क्लास पांच बच्चों से शुरू हुआ था, अब यहां दो दर्जन से अधिक बच्चों ने नामांकन कराया है."-अवधेश सरोज दीक्षित, एएसपी
बच्चों को पढ़ाने आते हैं कई टीचर: यहां बच्चे नियमित क्लास करने के लिए आते हैं. बच्चों को पढ़ाने के लिए रोज नये-नये टीचर आते हैं और उन्हें पुलिसकर्मी भी पढ़ाते है. इसके अलावा, बच्चों को पुलिसकर्मियों के कार्यशैली भी बताई गई. उन्हे यह भी शिक्षा दी जा रही है कि पुलिसकर्मी आपके लिए है. वहीं बच्चो को समय पर लाना और अनुशासन के साथ पढ़ाई करवाना इलाके के युवा सामाजिक कार्यकर्ता मो.आरिफ का काम है