मुजफ्फरपुर: एसकेएमसीएच में भीड़ के चलते एईएस पीड़ितों और परिजनों को भारी परेशानी का समना करना पड़ रहा है. ऐसे में नेता और अभिनेता अपने समर्थकों के साथ अस्पताल पहुंचकर मरीजों और अस्पताल की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ा दे रहे हैं.ऐसी ही एक तस्वीर देखने को मिली जब खेसारी लाल यादव अस्पताल पहुंच गये. वहां चारों ओर अफरा - तफरी का महौल बन गया.
भोजपुरी सुपर स्टार खेसारी लाल यादव आज मुजफ्फरपुर पहुंचे. यहां वह चमकी पीड़ितों का हाल जानने एसकेएमसीएच पहुंच गये. ऐसे में बड़ी संख्या में उनके समर्थक भी अस्पताल में घुस गये. जिससे अस्पताल में अफरा तफरी का माहौल बन गया. खेसारी लाल यादव को अस्पताल में देख भीड़ बेकाबू हो गई और उनके साथ सेल्फी लेने के लिए टूट पड़ी.
खेसारी को देख बेकाबू हो गई भीड़
हालांकि, जब मीडिया ने खेसारी लाल से पूछा कि आपके यहां आने से मरीजों के बीच और अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल है, और आपके समर्थक भी आपके साथ हैं, तो उन्होंने जवाब दिया, ' मेरे साथ कोई नहीं है, मेरा कोई पेशेंट अस्पताल में भर्ती नहीं हैं, मैं तो यहां भर्ती बच्चों और उनके परिजनों से मिलने आया हूं. जहां तक लोगों का सवाल मैं इसमें क्या कर सकता हूं.
खेसारी के पीछे भागने लगे लोग
बता दें जैसे ही खेसारी अस्पताल पहुंचे. इस दौरान पूरे अस्पताल में शोर-शराबा और अफरातफरी का माहौल दिखा. लोग खेसारी लाल यादव के पीछे भागते दिखे. बड़ी मुश्किल से अस्पताल प्रशासन ने स्थिति को काबू में किया.
काफिले के साथ पहुंचे थे शरद
इससे पहले शरद यादव ने अस्पताल का दौरा किया और अस्पताल प्रशासन से भी बात की. यहां वह बड़े काफिले के साथ पहुंचे थे. इसको लेकर उन्होंने काफिले के साथ अस्पताल पहुंचने से हुई परेशानियों पर भी अफसोस जताया.
चमकी से अब तक 168 बच्चों की मौत
बता दें कि मुजफ्फरपुर व आसपास के जिले में एईएस (चमकी बुखार) से बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है. अब तक इस बीमारी से 168 बच्चों की मौत हो चुकी है. 19 वें दिन बुधवार को देर रात तक मुजफ्फरपुर में कुल 8 बच्चों की जान इस बीमारी से चली गई. इनमे से 7 बच्चों की मौत एसकेएमसीएच व एक की केजरीवाल अस्पताल में हुई है.
बच्चों की मौत का आधिकारिक आंकड़ा 113
डॉक्टर और स्वास्थ्य अधिकारी अभी भी बीमारी की सटीक प्रकृति और सटीक कारण के बारे में अंधेरे में हैं. राज्य और केंद्र सरकारों के पास भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मुजफ्फरपुर और पड़ोसी जिलों में अबतक 113 बच्चों की मौत हो चुकी है.
मुजफ्फरपुर में की गई 11 चिकित्सा अधिकारियों की तैनाती
राज्य के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि दरभंगा, सुपौल और मधुबनी के कुल 11 चिकित्सा अधिकारियों की तैनाती मुजफ्फरपुर में की गयी है. इसके अलावा अन्य जिलों में तैनात तीन बाल रोग विशेषज्ञों और 12 नर्सों को मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है.
क्या हैं चमकी बुखार के लक्षण?
एईएस (एक्टूड इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) और जेई (जापानी इंसेफलाइटिस) को उत्तरी बिहार में चमकी बुखार कहते हैं. इससे पीड़ित बच्चों को तेज बुखार आता है और शरीर में ऐंठन होती है. इसके बाद बच्चे बेहोश हो जाते हैं. बच्चों को उलटी और चिड़चिड़ेपन की शिकायत भी रहती है.