मुजफ्फरपुर: किसी ने खूब लिखा है, 'था वो उस धर्म का, थी मैं इस धर्म की. पर हम दोनों का प्यार, धर्म से परे था. हुआ अत्याचार हम पर धर्म के नाम पर, मार डाला हमारे प्यार को.' कहानी बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले अंजलि और विवेक की है, जिन्होंने छोटी सी बात पर मौत को गले लगा लिया.' आखिर क्या हुआ की एक दूसरे को प्यार करने वाले दो प्रेमियों ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली.
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यह प्यारी सी और खूबसूरत लव स्टोरी के बिहार मुजफ्फरपुर के रहने वाले अंजलि जायसवाल (23 वर्ष ) और विवेक कुमार (26 साल) की (Lover commits suicide) है. 8वीं क्लास से शुरू हुई यह लव स्टोरी में उस वक्त नया मोड़ आ गया, जब दोनों के घरवालों को इसकी भनक लगी. यहां से मानों दोनों के प्यार को किसी की नजर लग गई. बात-बात पर तकरार शुरू हो गई, जिसका अंत गुरुवार को हुआ.
घरवालों को मंजूर नहीं था दोनों का प्यार : विवेक और अंजलि का प्यार परिवार को मंजूर नहीं था. लड़के के चाचा संजय साह बताते है कि दोनों के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था. लेकिन, अंजलि के घरवालों को यह रिश्ता मंजूर नहीं था. लेकिन ऐसा नहीं सोचा था कि दोनों इतना बड़ा कदम उठा लेंगे. चाचा कहते है कि, अगर विवेक अंजलि से शादी करना करना चाहता था तो हमको कहता हम उसकी शादी अंजलि से ही करा देते. लड़की के घरवालो को भी मना लेते.'
सवाल ये है कि आखिर बुधवार की रात दोनों के बीच आखिर किस बात पर झगड़ा हुआ और फिर बात आत्महत्या तक पहुंच गई. आखिरी उस रात की कहानी क्या है. लड़के के करीबी दोस्तों की माने तो बुधवार की रात आठ या नौ बजे विवेक और अंजली में फोन पर लंबी बातचीत हुई थी. दोनों एक-दूसरे से पहले से नाराज चल रहे थे. लेकिन बताया जाता है कि जब दोनों के बीच फोन पर बात हो रही थी तो एक कॉमन फ्रेंड भी कॉन्फ्रेंस कॉल में शामिल थी, जो मुजफ्फरपुर की रहनेवाली है. बताया जाता है कि इसी कॉमन फ्रेंड ने विवेक के भाई राहुल को उसके भाई की मौत की सूचना दी थी.
वो शादी करना चाहती थी : जानकारी के मुताबिक, विवेक और अंजलि के बीच हुई तकरार के बाद वह (कॉमन फ्रेंड) फिर से दोस्ती करवा रही थी. सूत्रों की माने तो अंजलि का परिवार इस रिश्ते से नाराज था. वे नहीं चाहते थे कि ये रिश्ता रहे. वे (अंजलि का परिवार) अंजलि को टॉर्चर करते थे. सूत्र ये भी बताते है कि दोनों के बीच शादी को लेकर भी बातचीत हुई. अंजलि अपने घरवालों से परेशान थी और वो जल्द विवेक से शादी करना चाहती थी. लेकिन गुरुवार को दोनों के बीच कॉमन फ्रेंड के जरिए जो बात हुई, उस दौरान बात बिगड़ गई. विवेक कॉल काटकर चला गया. इसके बाद उसने मोबाइल बंद कर लिया. इसी बात से अंजलि नाराज थी और गुरुवार की रात उसने फांसी लगाकर जान दे दी.
विवेक के भाई राहुल की माने तो, ''भैया का अफेयर अंजली से 8वीं क्लास से चल रहा था. दोनों साथ में ओरिएंट क्लब स्थित स्कूल में पढ़ते थे. मैंने भी कई बार अंजली से बात की थी. विवेक चार साल पहले ही इंजीनियरिंग करने जयपुर चला गया था. अगले महीने वह घर आने वाला था.''
शुक्रवार को उसका तीसरा इंटरव्यू था : बताया जाता है कि अंजली मुजफ्फरपुर शहर के पंखा टोली की रहने वाली थी. वह सीए की तैयारी कर रही थी. विवेक भी मुजफ्फरपुर जिले के नीम चौक शंकरपुरी का रहने वाला थ. वह जयपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था. जून में उसकी पढ़ाई पूरी होने वाली थी. उसका नोएडा की एक कंपनी में सेलेक्शन भी हो गया था. शुक्रवार को उसका तीसरा इंटरव्यू था. लेकिन इससे पहले ही शुक्रवार सुबह उसे अंजली की मौत की खबर मिली.
अंजलि की मौत की खबर सुन.. : इसके बाद विवेक अंजलि की मौत की खबर बर्दाश्त नहीं कर पाया और फिर उसने तीसरी मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी. इधर, अंजली का शव गुरुवार को पुलिस ने उसके घर के बंद कमरे से बरामद किया था. बताया जाता है कि लड़के के परिजनों ने पुलिस को विवेक या फिर प्रेम प्रसंग से जुड़ी कोई जानकारी नहीं दी. इस दौरान पुलिस इस सवाल को सुलझाने में जुटी थी की आखिर अंजलि ने आत्महत्या क्योंकि? पुलिस की जांच चल ही रही थी कि तभी फोन की घंटी बजती है और विवेक के भी सुसाइड करने की खबर सामने आती है.
'आज सुबह भैया के दोस्त का फोन आया था कि...' : मृतक विवेक के भाई राहुल ने बताया कि,''भैया के साथ मोतिहारी का लड़का कुणाल भी रहता है. उसी ने कॉल कर भैया की मौत की खबर दी. आज सुबह जब फोन की घंटी बजी तो कुणाल ने बताया कि उसका भाई किसी से बात करते हुए रूम से निकला और बिल्डिंग के पिछले हिस्से से कूदकर अपनी जान दे दी. उसके पास मोबाइल भी था. जो नीचे गिरकर टूट गया.''
फिलहाल, 'गीत जब मर जाएंगे फिर क्या यहां रह जाएगा. एक सिसकता आंसुओं का कारवां रह जाएगा. प्यार की धरती अगर बंदूक से बांटी गई. एक मुरदा शहर अपने दरमियां रह जाएगा.' ये पंक्तियां हिंदी के यशस्वी कवि और गीत ऋषि गोपालदास नीरज ने लिखी थीं. आज मुजफ्फरपुर शहर का एक मोहल्ला पंखा टोली और दूसरी शंकरपुरी की हर गली गमगीन है. इसी गली में दोनों ने साथ-साथ जीने-मरने की कसमें खाई थी और अब इसी गली से दोनों की अर्थी निकलेगी.
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