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मुजफ्फरपुर : दंपती हत्याकांड में चार दोषियों को उम्रकैद

हत्या के दौरान चीख किसी को सुनाई ना दे इसके लिए अपराधियों ने विश्वकर्मा पूजा के बहाने मधुबाला कुमारी के घर के पास नाच का प्रोग्राम रखा था. घटना के वक्त घर के बाहर तेज आवाज में डीजो पर गाने बज रहे थे.

मुजफ्फरपुर
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Published : Sep 7, 2019, 8:17 AM IST

मुजफ्फरपुरः जिले में तीन साल पहले हुए दंपती हत्याकांड में शुक्रवार को अपर जिला और सत्र न्यायाधीश ने चार आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई. जमीन विवाद में हुई इस हत्या में दो आरोपी फरार चल रहे हैं और एक को सबूत के अभाव में रिहा कर दिया गया. मामला सकरा थाना क्षेत्र के गन्नीपुर बेझा गांव का था. जहां रात में घर में घुसकर चाकू से गोदकर एक दंपती की हत्या कर दी गई थी.

2 आरोपी अब भी फरार

पेशे से शिक्षिका मधुबाला कुमारी और उनके पति सुरेश प्रसाद सिंह ही हत्या के आरोप में संजय कुमार सिंह, रंजीत कुमार सिंह उर्फ मुन्ना सिंह, महेश कुमार और धर्मेंद्र कुमार उर्फ झबरा को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई गई. वहीं, दशरथ कुमार उर्फ शिवनाथ कुमार को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया. जबकि दो आरोपित बिट्टू कुमार और सिंटू कुमार अब फरार हैं. वकील ने बताया कि दोनों के खिलाफ कोर्ट में अलग से मामला चल रहा है.

वकील का बयान

बेटी के सामने हुई थी हत्या

अभियोजन पक्ष के वकील प्रमोद कुमार शाही ने बताया कि घटना 20 सितंबर 2016 की है. आरोपियों ने रात में मधुबाला कुमारी के घर में घूसकर उसे धारदार चाकू से गोदकर मार डाला था. पत्नी को बचाने के लिए सुरेश प्रसाद सिंह की भी हत्या कर दी गई थी. घटना के वक्त पीड़ित की बेटी घर में ही मौजूद थी. लेकिन इस बात की भनक हत्यारों को नहीं थी. वो पूरी घटना क्रम को चुपचाप खिड़की से देख रही थी. फिर उनने ही थाने में एफआईआर दर्ज कराया और वहीं इस मामले की मुख्य गवाह भी है.

मुजफ्फरपुर
सजा सुनाए जाने के बाद पुलिस आरोपियों को जेल ले गई

फांसी की हुई थी मांग
अपराधियों ने साजिश के तहत घटना को अंजाम दिया था. हत्या के दौरान चीख किसी को सुनाई ना दे इसके लिए अपराधियों ने विश्वकर्मा पूजा के बहाने मधुबाला कुमारी के घर के पास नाच का प्रोग्राम रखा था. घटना के वक्त घर के बाहर तेज आवाज में डीजो पर गाने बज रहे थे. वकील ने बताया कि हमलोगों ने फांसी की सजा की मांग की थी, लेकिन कोर्ट से उम्र कैद की सजा मिली है.

मुजफ्फरपुर
अभियोजन पक्ष के वकील

मुजफ्फरपुरः जिले में तीन साल पहले हुए दंपती हत्याकांड में शुक्रवार को अपर जिला और सत्र न्यायाधीश ने चार आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई. जमीन विवाद में हुई इस हत्या में दो आरोपी फरार चल रहे हैं और एक को सबूत के अभाव में रिहा कर दिया गया. मामला सकरा थाना क्षेत्र के गन्नीपुर बेझा गांव का था. जहां रात में घर में घुसकर चाकू से गोदकर एक दंपती की हत्या कर दी गई थी.

2 आरोपी अब भी फरार

पेशे से शिक्षिका मधुबाला कुमारी और उनके पति सुरेश प्रसाद सिंह ही हत्या के आरोप में संजय कुमार सिंह, रंजीत कुमार सिंह उर्फ मुन्ना सिंह, महेश कुमार और धर्मेंद्र कुमार उर्फ झबरा को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई गई. वहीं, दशरथ कुमार उर्फ शिवनाथ कुमार को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया. जबकि दो आरोपित बिट्टू कुमार और सिंटू कुमार अब फरार हैं. वकील ने बताया कि दोनों के खिलाफ कोर्ट में अलग से मामला चल रहा है.

वकील का बयान

बेटी के सामने हुई थी हत्या

अभियोजन पक्ष के वकील प्रमोद कुमार शाही ने बताया कि घटना 20 सितंबर 2016 की है. आरोपियों ने रात में मधुबाला कुमारी के घर में घूसकर उसे धारदार चाकू से गोदकर मार डाला था. पत्नी को बचाने के लिए सुरेश प्रसाद सिंह की भी हत्या कर दी गई थी. घटना के वक्त पीड़ित की बेटी घर में ही मौजूद थी. लेकिन इस बात की भनक हत्यारों को नहीं थी. वो पूरी घटना क्रम को चुपचाप खिड़की से देख रही थी. फिर उनने ही थाने में एफआईआर दर्ज कराया और वहीं इस मामले की मुख्य गवाह भी है.

मुजफ्फरपुर
सजा सुनाए जाने के बाद पुलिस आरोपियों को जेल ले गई

फांसी की हुई थी मांग
अपराधियों ने साजिश के तहत घटना को अंजाम दिया था. हत्या के दौरान चीख किसी को सुनाई ना दे इसके लिए अपराधियों ने विश्वकर्मा पूजा के बहाने मधुबाला कुमारी के घर के पास नाच का प्रोग्राम रखा था. घटना के वक्त घर के बाहर तेज आवाज में डीजो पर गाने बज रहे थे. वकील ने बताया कि हमलोगों ने फांसी की सजा की मांग की थी, लेकिन कोर्ट से उम्र कैद की सजा मिली है.

मुजफ्फरपुर
अभियोजन पक्ष के वकील
Intro:मुज़फ्फरपुर जिले के चर्चित शिक्षक मधुबाला कुमारी और पति सुरेश प्रसाद सिंह हत्या कांड में कोर्ट ने चार आरोपितों को उम्र कैद की सजा सुनाई है । घटना जमीन संबंधी विवाद को लेकर तीन साल पहले घटी थी ,साक्ष्य के अभाव में एक आरोपित बरी, दो अन्य आरोपित अब तक फरार। Body:मुजफ्फरपुर ज़िले के सकरा थाना क्षेत्र के गन्नीपुर बेझा गांव की शिक्षिका मधुबाला कुमारी व उनके पति सुरेश प्रसाद सिंह हत्याकांड में चार आरोपितों को दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.दोषी करार दिए जाने वालों में गांव के ही संजय कुमार सिंह, रंजीत कुमार सिंह उर्फ मुन्ना सिंह, महेश कुमार व धर्मेंद्र कुमार उर्फ झबरा शामिल हैं. एक आरोपित दशरथ कुमार उर्फ शिवनाथ कुमार को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया. दोषियों को आज सजा सुनाई गई.  सत्र-विचारण के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश 11 ने फैसला सुनाया.अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक प्रमोद कुमार शाही ने कोर्ट के समक्ष साक्ष्य पेश किया. इस दौरान नौ साक्षियों को पेश किया गया.घटना तीन दिन बाद 25 सितंबर 2016 को पुलिस ने गिरफ्तार किया.26 सितंबर को धर्मेंद्र कुमार उर्फ झबरा ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था. दोनों तभी से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है.दो अन्य आरोपितों संजय कुमार सिंह व रंजीत कुमार सिंह को जमानत मिली हुई थी.Conclusion:घटना 20 सितंबर 2016 की है. गन्नीपुर बेझा गांव की मधुबाला कुमारी के घर में घुस कर चाकुओं से गोद हत्या कर दी गई. बगल के कमरे में सोए उनके पति सुरेश प्रसाद सिंह जब बीच-बचाव करने गए तो उन्हें भी चाकुओं से गोद दिया गया.इलाज के लिए एसकेएमसीएच लाने के दौरान उनकी मौत हो गई. घर में उस समय उनकी शादीशुदा पुत्री गुंजन कुमारी भी मौजूद थी.हत्यारों को इसका पता नहीं चला.उसने खिड़की से पूरी वारदात को देखा.लेकिन भय से चुप रही.उसी ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. घटना के पीछे जमीन संबंधी विवाद बताया गया था.
हत्या की घटना किसी को पता नहीं चले इसके लिए आरोपितों ने विश्वकर्मा पूजा के समापन के बहाने सुरेश प्रसाद सिंह के घर के निकट नाच का प्रोग्राम रखा था.हालांकि उन्होंने इससे मना किया था.लेकिन वे उसकी असली मंशा नहीं समझ सके थे.घटना के समय जोर-जोर से डीजे बजाया जा रहा था.उनकी चीखें बाहर नहीं आ सकी. इस मामले के दो आरोपित बिट्टू कुमार व सिंटू कुमार अब तक फरार है. पुलिस ने दोनों को फरार दिखाते हुए कोर्ट में आरोप-पत्र दाखिल किया था.दोनों के विरुद्ध एडीजे-नौ के कोर्ट में अलग से सत्र-विचारण चल रहा है. 
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