पटना : 2025 की मकर संक्रांति बिहार में खास रही, जहां सत्ता तो नहीं बदली लेकिन गठबंधन की दिशा में बदलाव दिखने लगा. इस बार मकर संक्रांति के मौके पर लालू प्रसाद यादव ने पशुपति पारस के आवास पर जाकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी.
पशुपति पारस से एनडीए नेताओं ने बनाई दूरी : पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस एनडीए से नाराज चल रहे थे, और उन्हें एनडीए में उचित सम्मान नहीं मिल रहा था. इसके चलते वह महागठबंधन के करीब जाते दिख रहे हैं. मकर संक्रांति के दिन, पशुपति पारस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव और भाजपा नेता सम्राट चौधरी को अपने घर आमंत्रित किया था, लेकिन एनडीए का कोई बड़ा नेता वहां नहीं पहुंचा.
लालू यादव पहुंचे पशुपति पारस के घर : मकर संक्रांति के अवसर पर, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव अपने परिवार के साथ पशुपति पारस के आवास पर पहुंचे. उनके साथ उनके बेटे तेज प्रताप यादव, अब्दुल बारी सिद्दीकी और जयप्रकाश यादव भी मौजूद थे. लालू प्रसाद ने वहां पर चूड़ा-दही और तिलकुट का सेवन किया.
लालू प्रसाद का बड़ा बयान : ईटीवी भारत संवाददाता द्वारा पूछे गए सवाल पर, जब लालू प्रसाद यादव से पूछा गया कि क्या वे पशुपति पारस को महागठबंधन में शामिल करेंगे, तो उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया और हरी झंडी दिखायी. इस पर पशुपति पारस ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने उनका सम्मान बढ़ाया है, और अब चुनाव में 8-10 महीने बाकी हैं, इसलिए गठबंधन के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.
''लालू प्रसाद यादव ने मेरा मान सम्मान बढ़ाया है. अभी चुनाव में 8-10 महीने देर है. गठबंधन को लेकर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. उन लोगों ने मुझे किनारे कर दिया है और मुझे मान सम्मान नहीं दिया गया.''- पशुपति पारस, पूर्व केंद्रीय मंत्री
पशुपति पारस की एनडीए से नाराजगी : पशुपति पारस ने एनडीए पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें वहां उचित सम्मान नहीं मिला और पार्टी ने उन्हें किनारे कर दिया है. गौरतलब है कि लालू यादव के साथ उनके बड़े बेटे तेजप्रताप यादव भी साथ गए हुए थे. पशुपति पारस ने पूछने पर साफ कहा कि व्यक्ति नहीं समय बड़ा होता. समय आने दीजिए सब क्लियर हो जाएगा.