मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) का शहरी इलाका एक बार फिर बाढ़ (Flood) की चपेट में आ गया है. शहर के निचले इलाके के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. नेपाल में हो रही भारी बारिश की वजह से मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक नदी खतरे के निशान को पार कर गई है.
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शहर के सिकंदरपुर घाट के पास बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 24 सेंटीमीटर उपर पहुंच गया है. इसके साथ ही दूसरी बार शहर के निचले इलाकों में फिर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. वहीं, कई निचले इलाके अभी ही बाढ़ के पानी से घिर गए हैं. जिससे निचले इलाके के लोग सुरक्षित जगहों पर पलायन करने लगे हैं.
बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि की वजह से बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के शहरी इलाकों में एक बार फिर से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. बूढ़ी गंडक में आए उफान के बाद शहर के बालू घाट, विजय छपरा, आश्रम घाट और शेखपुर घाट इलाके में लोगों के घरों में पानी प्रवेश कर गया है. रास्ते पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं.
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शहर से सटे कई निचले इलाकों में बाढ़ के पानी के घुसने से लोगों की मुसीबत बढ़ गई है. ऐसे में इन इलाको में लोग अपने आवागमन के लिए नाव का सहारा ले रहे हैं. गनीमत है कि खतरे का निशान को पार करने के बाद बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में सोमवार शाम तक इजाफा नहीं हुआ है.
बता दें कि बिहार में इस साल 26 जिले के लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. इस बार जून के महीने से ही बाढ़ का सामना बिहार को करना पड़ा है और अभी भी बाढ़ समाप्त हो गई है, ऐसा नहीं है. बिहार में बाढ़ से इस साल भी 200 करोड़ से अधिक पथ निर्माण विभाग की सड़कों का अब तक नुकसान हो चुका है. ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कों का भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. इसके साथ ही कई विभागों और केंद्र सरकार की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा है. निजी संपत्ति को भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है.