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मुजफ्फरपुर: चमकी बुखार से अब तक 8 बच्चों की मौत, जानें कैसे रखें ख्याल

गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है. तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते है.

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Published : Jun 7, 2019, 3:36 PM IST

Updated : Jun 7, 2019, 4:29 PM IST

बीमार बच्चे

मुजफ्फरपुरः राज्य भर में उमस भरी गर्मी के बीच चमकी बुखार का कहर रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है. एसकेएमसीएच और केजरीवाल में बच्चों की तादात बढ़ती जा रही है. तीन दिन में मरने वाले बच्चों की संख्या 8 बतायी जा रही है. लेकिन इसकी अभी तक अधिकारी पुष्टि नहीं की गयी है.

चमकी बीमारी के लक्षण और सुझाव
एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है. अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है. इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं. गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है. तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते है. साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना. अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.

चमकी बीमारी से अब तक 8 बच्चों की मौत

कैसे करें बचाव

  • बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें
  • मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें
  • तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें
  • बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे
  • अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं
  • पीएचसी, आशा, सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी
  • एम्बुलेंस से बच्चे को एसकेएमीएच में इलाज के लिए लाने में कोई परेशानी नहीं होगी
  • चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है
  • ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को आएं

वहीं, लगातार बच्चों की मौत की संख्या बढ़ता देख डीएम के निर्देश पर सिविल सर्जन के साथ-साथ पूरी टीम केजरीवाल और मेडिकल हॉस्पिटल पहुंची और हॉस्पिटल के अधिकारियों से भी बातचीत की. डॉक्टरों को निर्देश दिए की जल्द से जल्द इस बीमारी पर काबू पाया जाए ताकि और लोगों की जान बच सके.

मुजफ्फरपुरः राज्य भर में उमस भरी गर्मी के बीच चमकी बुखार का कहर रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है. एसकेएमसीएच और केजरीवाल में बच्चों की तादात बढ़ती जा रही है. तीन दिन में मरने वाले बच्चों की संख्या 8 बतायी जा रही है. लेकिन इसकी अभी तक अधिकारी पुष्टि नहीं की गयी है.

चमकी बीमारी के लक्षण और सुझाव
एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है. अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है. इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं. गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है. तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते है. साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना. अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.

चमकी बीमारी से अब तक 8 बच्चों की मौत

कैसे करें बचाव

  • बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें
  • मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें
  • तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें
  • बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे
  • अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं
  • पीएचसी, आशा, सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी
  • एम्बुलेंस से बच्चे को एसकेएमीएच में इलाज के लिए लाने में कोई परेशानी नहीं होगी
  • चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है
  • ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को आएं

वहीं, लगातार बच्चों की मौत की संख्या बढ़ता देख डीएम के निर्देश पर सिविल सर्जन के साथ-साथ पूरी टीम केजरीवाल और मेडिकल हॉस्पिटल पहुंची और हॉस्पिटल के अधिकारियों से भी बातचीत की. डॉक्टरों को निर्देश दिए की जल्द से जल्द इस बीमारी पर काबू पाया जाए ताकि और लोगों की जान बच सके.

Intro:मुजफ्फरपुर में उमस भारी गर्मी के बीच चमकी व तेज़ बुखार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है उत्तर बिहार का सबसे बड़ा हॉस्पिटल कैंसर चौक केजरीवाल में बच्चों की तादात बढ़ती जा रही हैसूत्रों के माने तीन दिन में मरने वालों बच्चों की संख्या 8 बताया जा रहा है लेकिन अधिकारी पुष्टि अभी नहीं किया है अधिकारी बच्चों की संख्या कम बता रहे हैं

चमकी बीमारी का लक्षण और सुझाव
बच्चे के मुंह में झाग निकले तथा उसके झटका लगे तो फौरन ले जाए अस्पताल बच्चों में तेज़ बुखार सिरदर्द लाल आंखें थकान चिढ़चिढ़ापन मुंह में झाग निकलना झटके लगना बेहोशी सास लेने में दिक्कत दांत बंद जाना आंखें चैट जाना हाथ वो पैरों में अकड़म जैसे लक्षण दिखाई देने पर उसे फोन पिचसी लेकर पहुंचे डाक्टर बने बताया कि अगर बच्चों को 100 से ज्यादा बुखार हो तो कम नहीं हो रहा या फिर इन सब में कोई भी लक्षण दिखे तो फोरम स्वास्थ केंद्र लेकर जाए जैसे मौसम है इसमें दोपहर में बच्चों को घर से बाहर ना निकलने दे और दो-तीन घंटे पर पानी दे लंबे समय तक खाली पेट ना दे

बच्चों में चमकी बुखार का कहर जारी है लगातार बच्चों की मौत की संख्या बढ़ती जा रही है इसको देखते हुए dm निर्देश पर सिविल सर्जन के साथ-साथ पूरी की टीम केजरीवाल और मेडिकल हॉस्पिटल पहुंची और हॉस्पिटल के अधिकारियों से भी बातचीत की और सब निर्देश दिए की जल्द से जल्द इस बीमारी पर काबू पाया जाए ताकि और लोगों की जान बच सके
बाइट बच्चे की माँ
बाइट बच्चे के पिता
बाइट skmch प्रभारी अधीक्षक




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Last Updated : Jun 7, 2019, 4:29 PM IST
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