मुजफ्फरपुर: जिले में चमकी बुखार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार हो रही चमकी बुखार से बच्चों की मौत ने स्वास्थ्य विभाग को चिंता में डाल दिया है. सोमवार को एसकेएमसीएच में देर रात 40 बच्चों को भर्ची कराया गया. जिसमें 19 बच्चों की मौत हो गई. वहीं, केजरीवाल अस्पताल में कुछ बच्चों की इस बीमारी से जान चली गई.
बच्चों के शरीर में पाई गई ये कमी
चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है. बीते दस दिनों में मरने वालों की संख्या में लगभग 50 के पास पहुंच गई. वहीं, इलाज के लिए आए अधिकांश बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया यानी अचानक शरीर में शुगर की कमी और कुछ बच्चों में सोडियम की कमी पाई जा रही है. जिससे बच्चों का शरीर कमजोर हो रहा है. समस्तीपुर में इससे दो बच्चों की जान चली गयी है. पसारा गांव का यह मामला है.
24 घंटे डॉक्टरों की ड्यूटी
इस भीषण गर्मी में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. जिसको लेकर अस्पतालों में डॉक्टरों और कर्मियों की 24 घंटे ड्यूटी लगाई जा रही है. अस्पताल प्रबंधन भी इस मामले में पूरी सतर्कता बरतते हुए काम कर रहा है.
CM ने जताई चिंता
आपको बता दें कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने भी चमकी बुखार से मारे जाने वाले बच्चों पर चिन्ता जताई है. सोमवार को पटना में हुए लोक संवाद में सीएम ने कहा था कि स्वास्थ्य विभाग इस पूरे मामले पर नजर रख रहा है. 12 जिले के 22 ब्लॉक बीमारी से प्रभावित है. सभी जगह स्वास्थ्य विभाग की ओर से पूरी व्यवस्था की गई है. सात जिले के सरकारी अस्पतालों में पीडियाट्रिक आईसीयू काम कर रहा है.
इन जगहों पर पड़ा प्रभाव
गौरतलब है कि उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी और वैशाली में बीमारी का प्रभाव ज्यादा दिख रहा है. इस साल अब तक एसकेएमसीएच में जो मरीज आ रहे हैं, वे मुजफ्फरपुर और आसपास के ज्यादा हैं. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग अभी तक मात्र 11 बच्चों की मौत की पुष्टि कर रहा है.