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चमकी बुखार के आंकड़ों में फिर इजाफा, अब तक 21 बच्चे बीमार - चमकी बुखार के लक्षण

मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार (Chamki Bukhar in Muzaffarpur) की आफत फिर से बढ़ने लगी है. अब तक 21 मामले सामने आ चुके हैं. जिनमें से अभी एक बच्चे का इलाज अस्पताल में चल रहा है. जबकि 18 बच्चे स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. पढ़ें पूरी खबर

मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार
मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार
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Published : Apr 25, 2022, 10:53 PM IST

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार (AES Cases in Muzaffarpur) के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं. श्रीकृष्ण सिंह मेडिकल कॉलेज (SKMCH Muzaffarpur) के द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार अब तब 21 बच्चे चमकी बुखार से पीड़ित हुए है. जिनमें से दो बच्चों की मौत हो चुकी है. फिलहाल अस्पताल के पीकू वार्ड में एक बच्चे का इलाज चल रहा है. इससे पहले 18 बच्चे स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. इधर, चमकी बुखार को लेकर स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की टीम लगातार नजर बनाए हुए हैं.

यह भी पढ़ें: बिहार में चमकी बुखार का कहर! मुजफ्फरपुर में हुई एक और बच्चे की मौत

चमकी बुखार के लक्षण: इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम को आम भाषा में दिमागी बुखार कहा जाता है. इसकी वजह वायरस को माना जाता है. इस वायरस का नाम इंसेफेलाइटिस वाइरस है. इसे अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) यानी एईएस (AES) भी कहा जाता है. एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है. अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है. इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं. गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है. तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं.

जानिए क्या हैं इसके उपचार: पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें. बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें. रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें. बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.

इन बातों का रखें ध्यान : बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें. मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें. तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें. बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे. अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं. पीएचसी, आशा, सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी. एम्बुलेंस से बच्चे को एसकेएमीएच में इलाज के लिए लाने में कोई परेशानी नहीं होगी. चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है. ओझा से झाड़-फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को जाएं.

यह भी पढ़ें: मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार, लोगों से अपील- बच्चों का रखें विशेष ख्याल

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मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार (AES Cases in Muzaffarpur) के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं. श्रीकृष्ण सिंह मेडिकल कॉलेज (SKMCH Muzaffarpur) के द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार अब तब 21 बच्चे चमकी बुखार से पीड़ित हुए है. जिनमें से दो बच्चों की मौत हो चुकी है. फिलहाल अस्पताल के पीकू वार्ड में एक बच्चे का इलाज चल रहा है. इससे पहले 18 बच्चे स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. इधर, चमकी बुखार को लेकर स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की टीम लगातार नजर बनाए हुए हैं.

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चमकी बुखार के लक्षण: इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम को आम भाषा में दिमागी बुखार कहा जाता है. इसकी वजह वायरस को माना जाता है. इस वायरस का नाम इंसेफेलाइटिस वाइरस है. इसे अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) यानी एईएस (AES) भी कहा जाता है. एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है. अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है. इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं. गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है. तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं.

जानिए क्या हैं इसके उपचार: पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें. बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें. रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें. बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.

इन बातों का रखें ध्यान : बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें. मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें. तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें. बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे. अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं. पीएचसी, आशा, सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी. एम्बुलेंस से बच्चे को एसकेएमीएच में इलाज के लिए लाने में कोई परेशानी नहीं होगी. चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है. ओझा से झाड़-फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को जाएं.

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