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मुजफ्फरपुर के तत्कालीन SSP विवेक कुमार के खिलाफ अभियोजन चलाने की स्वीकृति, आय से अधिक सम्पति का मामला - etv bihar news

भारतीय पुलिस सेवा (Indian Police Service) के वर्ष 2007 बैच के अधिकारी और मुजफ्फरपुर के तत्कालीन वरीय पुलिस अधीक्षक विवेक कुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में अभियोजन चलाने की स्वीकृति दे दी गई है. बताया जा रहा है कि उसके पास ज्ञात स्रोतों से 3 गुना अधिक संपत्ति पाई गई थी. पढ़ें पूरी खबर...

SSP विवेक कुमार के खिलाफ अभियोजन चलाने की स्वीकृति
SSP विवेक कुमार के खिलाफ अभियोजन चलाने की स्वीकृति
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Published : Nov 27, 2022, 12:31 PM IST

मुजफ्फरपुर: आय से अधिक सम्पति मामले में केंद्र सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा के वर्ष 2007 बैच के अधिकारी और मुजफ्फरपुर के तत्कालीन वरीय पुलिस अधीक्षक विवेक कुमार (SSP of Muzaffarpur Vivek Kumar) के खिलाफ अभियोजन चलाने की स्वीकृति दे दी है. जिसके बाद जल्द ही उसके खिलाफ विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा. विशेष निगरानी इकाई (Special Monitoring Unit Muzaffarpur) के विशेष सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोप पत्र दाखिल करने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है

ये भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर में रिश्वतखोर अधिकारी गिरफ्तार, निगरानी की टीम ने रंगे हाथ दबोचा

आय से अधिक संपत्ति का है मामला: बताया जा रहा है कि आईपीएस विवेक कुमार के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से 3 गुना अधिक संपत्ति (disproportionate assets in muzaffarpur) मामले में कार्रवाई की है. जिसके बाद राज्य सरकार ने विशेष निगरानी विभाग के पटना थाने में भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत 15 अप्रैल 2018 को केस दर्ज किया था. सूत्रों के अनुसार छापेमारी के दौरान एक लॉकर से 25 लाख रुपए बरामद किया गया था. वहीं 17 अप्रैल 2018 को आइपीएस विवेक कुमार की यूपी स्थित ससुराल मुजफ्फरनगर और उनके पैतृक घर सहारनपुर के अलावा मुजफ्फरपुर में एक साथ छापेमारी की गयी थी. इस दौरान उनके सरकारी आवास से 40 हजार रुपये के पुराने नोट भी बरामद हुए थे. इसके अलावा चल-अचल संपत्ति के करोड़ों रुपये के कागजात, निवेश से जुड़े दस्तावेज, सोना-चांदी समेत अन्य कई चीजें मिली थीं.

अधिकारियों के खिलाफ बिहार सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति: बताया जा रहा है कि बिहार सरकार भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ लगातार जीरो टॉलरेंस नीति के तहत लगातार कार्रवाई कर रही है. इसी कड़ी में आरोपी अधिकारी विवेक कुमार जो अभी बीएमपी 1 पटना में कमांडेंट है. उनके मुजफ्फरपुर स्थित घर, दफ्तर और उत्तर प्रदेश स्थित ससुराल के 2 ठिकाने छापेमारी की थी. निगरानी विभाग की छापेमारी के दौरान उनकी वास्तविक आय से 300% से ज्यादा की संपत्ति की बात सामने आयी थी. इस कार्रवाई के बाद उन्हें सस्पेंड भी कर दिया गया था. करीब एक साल निलंबित रहने के बाद उनका निलंबन टूट गया. अभी वह बीएमपी-1 में कमांडेंट हैं. हालांकि इस सब चीजों के कारम उन्हें प्रमोशन नहीं दिया गया.

ये भी पढ़ें- निगरानी विभाग का अधिकारी बनकर नाजिर से की एक लाख की डिमांड, पुलिस ने दबोचा

मुजफ्फरपुर: आय से अधिक सम्पति मामले में केंद्र सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा के वर्ष 2007 बैच के अधिकारी और मुजफ्फरपुर के तत्कालीन वरीय पुलिस अधीक्षक विवेक कुमार (SSP of Muzaffarpur Vivek Kumar) के खिलाफ अभियोजन चलाने की स्वीकृति दे दी है. जिसके बाद जल्द ही उसके खिलाफ विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा. विशेष निगरानी इकाई (Special Monitoring Unit Muzaffarpur) के विशेष सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोप पत्र दाखिल करने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है

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आय से अधिक संपत्ति का है मामला: बताया जा रहा है कि आईपीएस विवेक कुमार के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से 3 गुना अधिक संपत्ति (disproportionate assets in muzaffarpur) मामले में कार्रवाई की है. जिसके बाद राज्य सरकार ने विशेष निगरानी विभाग के पटना थाने में भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत 15 अप्रैल 2018 को केस दर्ज किया था. सूत्रों के अनुसार छापेमारी के दौरान एक लॉकर से 25 लाख रुपए बरामद किया गया था. वहीं 17 अप्रैल 2018 को आइपीएस विवेक कुमार की यूपी स्थित ससुराल मुजफ्फरनगर और उनके पैतृक घर सहारनपुर के अलावा मुजफ्फरपुर में एक साथ छापेमारी की गयी थी. इस दौरान उनके सरकारी आवास से 40 हजार रुपये के पुराने नोट भी बरामद हुए थे. इसके अलावा चल-अचल संपत्ति के करोड़ों रुपये के कागजात, निवेश से जुड़े दस्तावेज, सोना-चांदी समेत अन्य कई चीजें मिली थीं.

अधिकारियों के खिलाफ बिहार सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति: बताया जा रहा है कि बिहार सरकार भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ लगातार जीरो टॉलरेंस नीति के तहत लगातार कार्रवाई कर रही है. इसी कड़ी में आरोपी अधिकारी विवेक कुमार जो अभी बीएमपी 1 पटना में कमांडेंट है. उनके मुजफ्फरपुर स्थित घर, दफ्तर और उत्तर प्रदेश स्थित ससुराल के 2 ठिकाने छापेमारी की थी. निगरानी विभाग की छापेमारी के दौरान उनकी वास्तविक आय से 300% से ज्यादा की संपत्ति की बात सामने आयी थी. इस कार्रवाई के बाद उन्हें सस्पेंड भी कर दिया गया था. करीब एक साल निलंबित रहने के बाद उनका निलंबन टूट गया. अभी वह बीएमपी-1 में कमांडेंट हैं. हालांकि इस सब चीजों के कारम उन्हें प्रमोशन नहीं दिया गया.

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