मुंगेर: गंगा नदी ( Ganga River ) में अचानक हजारों की संख्या में तरबूज बहने लगे. तरबूज को बहते देख लोग थोड़ी देर के लिए असमंजस में पड़ गए कि गंगा में मछलियों की जगह तरबूज कैसे तैर रहे हैं. फिर क्या लोग तरबूज लूटने में जान की बाजी लगा दी. नदी में बह के आ रहे तरबूजों को लूटने की होड़ लगी रही. दरअसल, यास तूफान के करण हुए भारी बारिश की बजह से गंगा के जल स्तर में लगातर वृद्धि हुई.
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तरबूज लूटने की लगी होड़
बताया जा रहा है कि गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण दियारा किनारे के तरबूज के खेत भी गंगा में बह गए. गंगा में अचानक भारी मात्रा में तारबूज बह कर आने लगे और गंगा तट पर रहने वाले मछुआरे और स्थानीय लोग इस बहते हुए तरबूज को निकालने में लग गए. ये तरबूज गंगा में कहां से बह के आ रहे हैं.
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किसी को नहीं पता कहां से आए तरबूज?
मछुवारों ने बताया कि गंगा में तरबूज बह के आने का सिलसिला जारी है और कई स्थानीय लोग इस तरबूज को गंगा से निकाल कर घर ले जा रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार, गंगा के दियारा क्षेत्रों में लगी फसल इस बारिश से क्षतिग्रस्त हो गए और किसानों का काफी फसल या तो क्षति हुआ या गंगा में समा गए. यही कारण है कि किसी किसान का दियारा में लगा तरबूज का फसल गंगा में बह गया और जिसे अब दूसरे जगह के लोग गंगा से निकाल रहे हैं. तरबूजों की संख्या इतनी है कि सैकड़ों तरबूजों के निकाल लिए जाने के बावजूद अब भी गंगा में काफी मात्रा में तरबूज बह रहा है.