मुंगेर: बिहार का मुंगेर पहला जिला है, जहां कोविड से अनाथ हुए बच्चों को पीएम केयर फॉर चिल्ड्रेन योजना PM CARES for Children) से जोड़ा गया है. इसके तहत 3 लाभुकों को जिला पदाधिकारी की ओर से संयुक्त खाता सौंपा गया. जिसमें बेलन बाजार इलाके की दो और लालदरवाजा की नाबालिग बच्ची को लाभ मिला है.
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मुंगेर के जिला अधिकारी नवीन कुमार ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि 3 लाभुकों को संयुक्त खाता सौंपा गया है. यह मुंगेर के लिए गर्व की बात है, क्योंकि बिहार का पहला जिला मुंगेर है जिसने इस योजना से लाभुकों को जोड़ा है. उन्होंने कहा कि इसमें वह लाभुक शामिल हैं, जिनके माता-पिता दोनों की कोरोना से निधन हो गया है. जिस वजह से इनके लालन-पालन में परेशानी हो रही थी.
डीएम ने बताया कि मुंगेर जिला बाल कल्याण समिति ने बेहतर काम किया है. ऐसे लोगों की सूची तैयार कर विभाग को उपलब्ध करवाई गई है. उन्होंने बाल कल्याण पदाधिकारी को निर्देश दिया कि जिले में इस तरह के जो मामले हैं, उन्हें तुरंत निष्पादित कर लाभुकों को योजना के लाभ से जोड़ा जाएगा.
कोरोना से अनाथ बच्चों को मदद (Help to Orphan Children from Corona) पहुंचाने की दिशा में उठाए जा रहे इस कदम के तहत जिन बच्चों को लाभ मिलने जा रहा है, उनमें कासिम बाजार थाना क्षेत्र के बेलन बाजार इलाके की रहने वाली 14 वर्षीय किशोरी भी शामिल है. जुलाई 2021 में कोरोना से उसकी मां की मौत हो गई थी, इसके बाद अगस्त 2021 में पिता का भी कोरोना से निधन हो गया. बच्ची अनाथ हो गई, लालन-पालन करने वाला कोई नहीं रहा. बच्ची अपनी दादी के पास रह रही थी, तभी बाल कल्याण विभाग की नजर इन पर पड़ी और इन्हें योजना के लाभ से जोड़ा.
इसी तरह कासिम बाजार थाना क्षेत्र के ही बेलन बाजार 12 वर्षीय बच्ची के पिता की 2021 जुलाई में मौत हुई, तथा 10 दिनों के अंदर उसकी मां की भी मौत हो गई. इसके बाद बच्ची अपने चाचा के पास रह रही थी. चाचा भी काफी उम्रदराज गरीब थे, जिस वजह से उसके लालन-पालन में परेशानी हो रही थी.
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वहीं, एक अन्य लाल दरवाजा इलाके की रहने वाली 8 साल की लड़की है. उसके भी माता-पिता का एक साथ कोविड-19 से निधन हुआ था. इस संबंध में बाल कल्याण कार्यालय के पदाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि जेजे एक्ट के कारण बच्चियों की पहचान उजागर नहीं की जा सकता ही. इन्हें पीएम केयर फॉर चिल्ड्रेन योजना के स्कीम से जोड़ा गया है. जिला पदाधिकारी नवीन कुमार के द्वारा संयुक्त खाता भी सौंपा गया है. हम लोग तीनों बच्चियों की देखभाल के लिए कृत संकल्प हैं. लगातार मॉनिटरिंग भी की जा रही है.
केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चे जब 18 साल के हो जाएंगे तो एक स्पेशल स्कीम के तहत 10 लाख रुपये का एक फंड बनाया जाएगा और हर महीने उन्हें उसमें से स्टाइपेंड मिलेगा, ताकि शिक्षा के दौरान वे अपनी पर्सनल जरूरतें पूरी कर सकें। वहीं, 23 साल की उम्र होने पर इस फंड में बचा हुआ अमाउंट उन्हें एकमुश्त दिया जाएगा. 10 साल से कम उम्र के अनाथ बच्चों को नजदीक के केंद्रीय विद्यालय में दाखिला दिलाया जाएगा. प्राइवेट स्कूल में एडमिशन होने पर उनकी फीस पीएम केयर्स फंड से केंद्र सरकार जमा कराएगी. इसके अलावा बच्चों की किताबें, स्कूल ड्रेस आदि का खर्च भी केंद्र सरकार उठाएगी. वहीं, 11 साल से अधिक उम्र के बच्चों का दाखिला सैनिक स्कूल और नवोदय विद्यालय में कराया जाएगा. हाइयर एजुकेशन में ऐसे अनाथ बच्चों के एजुकेशन लोन पर लगने वाला इंटरेस्ट केंद्र सरकार वहन करेगी. इसके साथ ही उनकी कोर्स फीस और ट्यूशन फीस भी पीएम केयर्स फंड से दिया जाएगा. साथ ही सभी अनाथ बच्चों को आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस मिलेगा. 18 साल की उम्र तक उसका प्रीमियम केंद्र सरकार भरेगी.
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