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Munger News: न्यू पेंशन स्कीम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, बड़ी संख्या में सड़क पर उतरीं महिलाएं

मुंगेर में न्यू पेंशन स्कीम के विरोध में महिला रेलकर्मियों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. साथ ही मांग नहीं माने जाने 2 अगस्त को कोलकाता के जीएम के समक्ष प्रदर्शन और 10 अगस्त को दिल्ली में सांसदों का घेराव करने का भी ऐलान किया है.

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Published : Jul 21, 2023, 7:25 PM IST

न्यू पेंशन स्कीम का विरोध

मुंगेर: न्यू पेंशन नीति के विरोध में शुक्रवार को ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन शाखा जमालपुर के कार्यकर्ताओं ने कारखाना परिसर में जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों में महिलाओं की संख्या में अधिक थी. प्रदर्शन जुलूस कारखाना हेल्थ यूनियन परिसर से निकली और विभिन्न स्थानों का भ्रमण कर पुन: हेल्थ यूनिट के समक्ष पहुंचकर एक सभा में तब्दील हो गयी.

पढ़ें- OPS vs NPS : कौन सी पेंशन योजना है बेहतर, यहां विस्तार से जानें

न्यू पेंशन स्कीम का विरोध: कार्यक्रम की अध्यक्षता युवा कमेटी के अध्यक्ष अभिमन्यु पासवान ने की और मुख्य अतिथि के रूप में एआईआरएफ के वर्किंग कमेटी सदस्य वीरेंद्र प्रसाद यादव उपस्थित थे. वीरेंद्र प्रसाद ने कहा कि मर मिटेंगे पर केंद्रीय रेलकर्मियों की हकमारी बर्दाश्त नहीं करेंगे. हमें एकजुट होकर संघर्षीय आंदोलन को जारी रखना है. युवा सचिव रंजीत कुमार सिंह ने कहा कि पेंशन की लड़ाई अपनी चरम सीमा पर पहुंच गई है.

"रेल प्रशासन को नहीं भूलना चाहिए कि जमालपुर कारखाने से ही सन् 1974 की अनिश्चितकालीन हड़ताल की चिंगारी उठी थी. यह सही मौका है जब अगले साल लोकसभा चुनाव होना है."- रंजीत कुमार सिंह,युवा कमेटी सचिव

लंबी लड़ाई लड़ने का ऐलान: वहीं शाखा सचिव अनिल प्रसाद यादव ने कहा कि 02 अगस्त को पूर्व रेलवे कोलकाता के जीएम के समक्ष विशाल प्रदर्शन होना है. आगामी 10 अगस्त को दिल्ली में संसद भवन कूच करेंगे, जहां सांसदों का घेराव कर पुरानी पेंशन नीति लागू कराना है. भारत सरकार को मजबूर होकर युवा साथियों की चिर परिचित मांग पुरानी पेंशन को मानने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

"ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन, ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन ने नई पेंशन स्कीम के खिलाफ लड़ाई को निर्णायक मोड़ पर पहुंचा दिया है. उसी के तहत 2 अगस्त को महाप्रबंधक पूर्व रेलवे कोलकाता के समक्ष विशाल प्रदर्शन एवं 10 अगस्त को मानसून सत्र में संसद के समक्ष प्रदर्शन का निर्णय लिया गया. महामंत्री कामरेड शिव गोपाल मिश्रा ने कहा है कि आगामी लोकसभा के चुनाव को देखते हुए नई पेंशन स्कीम की लड़ाई के लिए एक अनुकूल माहौल देश के अंदर बना हुआ है."-अनिल प्रसाद यादव, युवा कमेटी शाखा सचिव

क्यों हो रहा विरोध: ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत किसी भी सरकारी कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद प्रतिमाह एक निश्चित राशि का भुगतान किया जाता है. यह राशि उशे आजीवन मिलती रहती है. उन्हें पेंशन फंड में योगदान करने की जरूरत नहीं है. उनके वेतन से पैसा नहीं कटता है. वहीं नई पेंशन स्कीम उनके लिए है जिनकी ज्वाइनिंग 1 जनवरी 2004 के बाद हुई है. इसके तहत सरकारी कर्मचारी को नेशनल पेंशन सिस्टम के तहत स्वैच्छिक कंट्रीब्यशन करना पड़ता है. सैलरी से 10 फीसदी की कटौती का प्रावधान है.

न्यू पेंशन स्कीम का विरोध

मुंगेर: न्यू पेंशन नीति के विरोध में शुक्रवार को ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन शाखा जमालपुर के कार्यकर्ताओं ने कारखाना परिसर में जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों में महिलाओं की संख्या में अधिक थी. प्रदर्शन जुलूस कारखाना हेल्थ यूनियन परिसर से निकली और विभिन्न स्थानों का भ्रमण कर पुन: हेल्थ यूनिट के समक्ष पहुंचकर एक सभा में तब्दील हो गयी.

पढ़ें- OPS vs NPS : कौन सी पेंशन योजना है बेहतर, यहां विस्तार से जानें

न्यू पेंशन स्कीम का विरोध: कार्यक्रम की अध्यक्षता युवा कमेटी के अध्यक्ष अभिमन्यु पासवान ने की और मुख्य अतिथि के रूप में एआईआरएफ के वर्किंग कमेटी सदस्य वीरेंद्र प्रसाद यादव उपस्थित थे. वीरेंद्र प्रसाद ने कहा कि मर मिटेंगे पर केंद्रीय रेलकर्मियों की हकमारी बर्दाश्त नहीं करेंगे. हमें एकजुट होकर संघर्षीय आंदोलन को जारी रखना है. युवा सचिव रंजीत कुमार सिंह ने कहा कि पेंशन की लड़ाई अपनी चरम सीमा पर पहुंच गई है.

"रेल प्रशासन को नहीं भूलना चाहिए कि जमालपुर कारखाने से ही सन् 1974 की अनिश्चितकालीन हड़ताल की चिंगारी उठी थी. यह सही मौका है जब अगले साल लोकसभा चुनाव होना है."- रंजीत कुमार सिंह,युवा कमेटी सचिव

लंबी लड़ाई लड़ने का ऐलान: वहीं शाखा सचिव अनिल प्रसाद यादव ने कहा कि 02 अगस्त को पूर्व रेलवे कोलकाता के जीएम के समक्ष विशाल प्रदर्शन होना है. आगामी 10 अगस्त को दिल्ली में संसद भवन कूच करेंगे, जहां सांसदों का घेराव कर पुरानी पेंशन नीति लागू कराना है. भारत सरकार को मजबूर होकर युवा साथियों की चिर परिचित मांग पुरानी पेंशन को मानने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

"ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन, ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन ने नई पेंशन स्कीम के खिलाफ लड़ाई को निर्णायक मोड़ पर पहुंचा दिया है. उसी के तहत 2 अगस्त को महाप्रबंधक पूर्व रेलवे कोलकाता के समक्ष विशाल प्रदर्शन एवं 10 अगस्त को मानसून सत्र में संसद के समक्ष प्रदर्शन का निर्णय लिया गया. महामंत्री कामरेड शिव गोपाल मिश्रा ने कहा है कि आगामी लोकसभा के चुनाव को देखते हुए नई पेंशन स्कीम की लड़ाई के लिए एक अनुकूल माहौल देश के अंदर बना हुआ है."-अनिल प्रसाद यादव, युवा कमेटी शाखा सचिव

क्यों हो रहा विरोध: ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत किसी भी सरकारी कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद प्रतिमाह एक निश्चित राशि का भुगतान किया जाता है. यह राशि उशे आजीवन मिलती रहती है. उन्हें पेंशन फंड में योगदान करने की जरूरत नहीं है. उनके वेतन से पैसा नहीं कटता है. वहीं नई पेंशन स्कीम उनके लिए है जिनकी ज्वाइनिंग 1 जनवरी 2004 के बाद हुई है. इसके तहत सरकारी कर्मचारी को नेशनल पेंशन सिस्टम के तहत स्वैच्छिक कंट्रीब्यशन करना पड़ता है. सैलरी से 10 फीसदी की कटौती का प्रावधान है.

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