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मुंगेर: पैतृक आवास पहुंचा ITBP के जवान का पार्थिव शरीर, गार्ड ऑफ ऑनर देकर किया गया दाह संस्कार

2013 में ही बसंत राज ने कटिहार बटालियन के आईटीबीपी में अपना योगदान दिया था. उनकी पोस्टिंग दिल्ली में थी. बीते शनिवार की रात ड्यूटी के दौरान ही उनकी ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई.

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Published : May 19, 2020, 11:22 PM IST

मुंगेर: जमालपुर के लाल दिल्ली में तैनात तिब्बत पुलिस के जवान बसंत राज की ड्यूटी के दौरान ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई. मृत जवान का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा दिल्ली से वाया रोड आईटीबीपी के वाहन से मंगलवार की शाम पैतृक आवास पहुंचा. इस दौरान शहरवासी गमगीन हो उठे. मृतक की पत्नी सुप्रभा देवी अपने पति के पार्थिव शरीर से लिपट कर दहाड़े मार कर रोने लगी. परिजनों के आंसू भी थमने का नाम नहीं ले रहे थे. अपने लाल की मौत से जमालपुर शहर के लोगों की आंखें नम हो उठी.

2013 में कटिहार बटालियन के आईटीबीपी में दिया था योगदान
दिवंगत बसंत राज अपने पीछे पत्नी सुप्रभा देवी, बेटा हर्ष राज और बेटी चाहत रानी को छोड़ गए हैं. मासूम बच्चे भी तिरंगे में लिपटे अपने पिता के शव को एकटक निहारते दिखे. 2013 में ही बसंत राज ने कटिहार बटालियन के आईटीबीपी में अपना योगदान दिया था. उनकी पोस्टिंग दिल्ली में थी. बीते शनिवार की रात ड्यूटी के दौरान ही उनकी ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई. इसके बाद आईटीबीपी के वाहन से उनका पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से जमालपुर लाया गया. आईटीबीपी के अधिकारियों ने उनका शव परिजनों को जमालपुर सौंपा.

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शोकाकुल परिजन

दाह संस्कार से पहले अधिकारियों ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर
परिजनों के दर्शन के बाद आईटीबीपी अधिकारियों और नजदीकी लोगों ने मुंगेर के गंगा घाट पर बसंत राज का दाह संस्कार किया. दाह संस्कार से पहले तिब्बत पुलिस के जवानों और अधिकारियों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया. एकलौते बेटे हर्ष राज ने पिता को मुखाग्नि दी. इस दौरान पूर्व वार्ड पार्षद राजीव नायक ने तिब्बत पुलिस के अधिकारियों और शोकाकुल परिवार की हरसंभव मदद की.

मुंगेर: जमालपुर के लाल दिल्ली में तैनात तिब्बत पुलिस के जवान बसंत राज की ड्यूटी के दौरान ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई. मृत जवान का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा दिल्ली से वाया रोड आईटीबीपी के वाहन से मंगलवार की शाम पैतृक आवास पहुंचा. इस दौरान शहरवासी गमगीन हो उठे. मृतक की पत्नी सुप्रभा देवी अपने पति के पार्थिव शरीर से लिपट कर दहाड़े मार कर रोने लगी. परिजनों के आंसू भी थमने का नाम नहीं ले रहे थे. अपने लाल की मौत से जमालपुर शहर के लोगों की आंखें नम हो उठी.

2013 में कटिहार बटालियन के आईटीबीपी में दिया था योगदान
दिवंगत बसंत राज अपने पीछे पत्नी सुप्रभा देवी, बेटा हर्ष राज और बेटी चाहत रानी को छोड़ गए हैं. मासूम बच्चे भी तिरंगे में लिपटे अपने पिता के शव को एकटक निहारते दिखे. 2013 में ही बसंत राज ने कटिहार बटालियन के आईटीबीपी में अपना योगदान दिया था. उनकी पोस्टिंग दिल्ली में थी. बीते शनिवार की रात ड्यूटी के दौरान ही उनकी ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई. इसके बाद आईटीबीपी के वाहन से उनका पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से जमालपुर लाया गया. आईटीबीपी के अधिकारियों ने उनका शव परिजनों को जमालपुर सौंपा.

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शोकाकुल परिजन

दाह संस्कार से पहले अधिकारियों ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर
परिजनों के दर्शन के बाद आईटीबीपी अधिकारियों और नजदीकी लोगों ने मुंगेर के गंगा घाट पर बसंत राज का दाह संस्कार किया. दाह संस्कार से पहले तिब्बत पुलिस के जवानों और अधिकारियों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया. एकलौते बेटे हर्ष राज ने पिता को मुखाग्नि दी. इस दौरान पूर्व वार्ड पार्षद राजीव नायक ने तिब्बत पुलिस के अधिकारियों और शोकाकुल परिवार की हरसंभव मदद की.

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