मुंगेर: बिहार के मुंगेर विश्वविद्यालय में पहला दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ. आरडी एंड डीजे कॉलेज परिसर में बने भव्य पंडाल छात्र-छात्राओं ने कुलाधिपति राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के हाथ से डिग्री प्राप्त की. इस दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता खुद राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने किया. वहीं एमयू के पहले दीक्षांत समारोह में सत्र 2018 से लेकर सत्र 2020 तक स्नातक, पीजी, एलएलबी और बीएड के कुल 769 विद्यार्थी शामिल हुए.
70 गोल्डमेडलिस्ट को राज्यपाल ने दी डिग्री : इस दीक्षांत समारोह में लगभग 70 गोल्ड मेडलिस्ट को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने स्वर्ण पदक दिया. मुंगेर विश्विद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के पूर्व कुलपति प्रोफेसर राजा राम शुक्ला भी शामिल हुए. कुलाधिपति के मुंगेर पहुंचते ही सबसे पहले उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. फिर विद्वत शोभा यात्रा के द्वारा मुंगेर यूनिवर्सिटी के कुलपति, कुलसचिव एवं अन्य प्रोफेसर मंच पर पहुंचे.
पहला गोल्ड मेडल अभिलाषा शांडिल्य को मिला : मौके पर कुलपति श्यामा रॉय, कुलसचिव करनाल विजय कुमार ठाकुर के अलावा विश्विद्यालय के कर्मी, प्रोफेसर सहित हजारों की संख्या में दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक और प्रमाण पत्र लेने वाले सफल छात्र मौजूद थे. दीक्षांत समारोह में 70 गोल्ड मेडलिस्ट को कुलाधिपति ने स्वयं स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया. एमयू के पहले दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति सह राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने पहला गोल्ड मेडल और प्रमाण पत्र अभिलाषा शांडिल्य को दिया. वह अकाउंटिंग में एमकॉम में गोल्डमेडलिस्ट हैं.
'देश के युवा ही पूरा कर सकते हैं विकसित भारत का सपना' :मौके पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने अपने भाषण में कहा कि "पूरा विश्व आज भारत की ओर देख रहा है. भारत आज अविकसित देश नही है. पूरा विश्व आज भारत के प्रयासों की सराहना कर रहा है. जब प्रधानमंत्री कहते हैं कि वे विकसित भारत का सपना देख रहें है, तो वे किसकी ओर देख के कहते हैं. वे युवा शक्ति की ओर देख कर बोलते हैं".
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