मुंगेर: जिले में बाढ़ का खतरा प्रबल हो गया है. दरअसल, गंगा का जलस्तर प्रतिदिन बढ़ रहा है. जिले में गंगा खतरे के निशान से मात्र 63 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. ऐसे में दियारा इलाकों के अलावा मुंगेर नगर निगम क्षेत्र में बाढ़ का पानी घुस गया है.
नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 44, टीका रामपुर और अन्य इलाकों में गंगा का पानी आ गया है. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामने करना पड़ रहा है. उनके सामने रहने-खाने का संकट आन पड़ा है. साथ ही जंगली जीव-जंतुओं और सांप-बिच्छुओं का भी भय सताने लगा है. लोग जरूरी सामानों और मवेशियों को लेकर पलायन करते नजर आ रहे हैं.
रोजाना बढ़ रहा जलस्तर
सोमवार को गंगा का जलस्तर 38.70 सेंटीमीटर पर पहुंच गया. जबकि रविवार को गंगा का जलस्तर 38.65 मीटर, शनिवार को 38.58 मीटर दर्ज किया गया था. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जलस्तर अभी भी डेंजर लेवल से 39.33 से 63 सेंटीमीटर नीचे है. जलस्तर बढ़ने से नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत शहरी क्षेत्र में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.
स्थानीय लोगों ने लगाया अनदेखी का आरोप
पीड़ितों की मानें तो उनके घरों में पानी प्रवेश कर गया है. जान बचाकर वे सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर रहे हैं. लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिली है. अभी तक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं की गई है.
दियारा क्षेत्र में फसल हो रही बर्बाद
जमालपुर, धरहरा, मुंगेर सदर और बरियारपुर प्रखंड बाढ़ प्रभावित क्षेत्र हैं. यहां हजारों एकड़ खेतों में लगी मकई की फसल बाढ़ के पानी में डूबकर बर्बाद हो चुकी है. मुंगेर सदर प्रखंड के रामपुर पंचायत के किसान रामाशीष सिंह, अनुज कुमार, गोपाल मंडल ने कहा कि हमारे घरों में पानी पिछले 10 दिनों से घुसा हुआ है. काफी परेशानी के साथ हम जीवन बसर कर रहे हैं. खेतों में लगी फसल को भी काफी नुकसान हुआ है.
एसडीएम ने दिया मदद का आश्वासन
सदर अनुमंडल पदाधिकारी खगेश चंद्र झा की मानें तो प्रशासन की नजर लगातार गंगा के जलस्तर पर है. उन्होंने कहा कि मुंगेर में बाढ़ के लिए खतरे का निशान 39.33 है. गंगा का जलस्तर अभी खतरे के निशान से काफी नीचे है. उन्होंने माना कि सदर प्रखंड के गंगा पार के कई गांव में बाढ़ का पानी आया है. लेकिन स्थिति पूरी तरह कंट्रोल में है.